MP Board 10th Science Quick Revision Pocket Diary कक्षा 10 विज्ञान पॉकेट डायरी
MP Board 10वीं विज्ञान – क्विक रिवीजन पॉकेट डायरी (अति-महत्वपूर्ण)
यह गाइड MP बोर्ड कक्षा 10वीं के विज्ञान पाठ्यक्रम (NCERT आधारित) के सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों के गहन और परीक्षा-केंद्रित अंतिम रिवीजन के लिए डिज़ाइन की गई है।
खंड 1: रसायन विज्ञान (CHEMISTRY)
अध्याय 1: रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं समीकरण
महत्वपूर्ण तथ्य (संक्षिप्त सारांश):
- रासायनिक अभिक्रिया: एक प्रक्रिया जिसमें अभिकारक (reactants) नए गुणों वाले नए पदार्थों (उत्पादों) में बदल जाते हैं।
- रासायनिक समीकरण: एक रासायनिक अभिक्रिया का प्रतीकात्मक निरूपण। एक संतुलित समीकरण में अभिकारक और उत्पाद, दोनों पक्षों में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान होती है (यह द्रव्यमान संरक्षण के नियम का पालन करता है)।
- अभिक्रियाओं के प्रकार:
- संयोजन (Combination): दो या दो से अधिक अभिकारक मिलकर एकल उत्पाद बनाते हैं। (A + B → AB)
- वियोजन (Decomposition): एकल अभिकारक टूटकर दो या दो से अधिक उत्पाद बनाता है। (AB → A + B)
- ऊष्मीय (Thermal): ऊष्मा द्वारा।
- वैद्युत (Electrolytic): विद्युत द्वारा।
- प्रकाशीय (Photolytic): प्रकाश द्वारा।
- विस्थापन (Displacement): एक अधिक अभिक्रियाशील तत्व, कम अभिक्रियाशील तत्व को उसके लवण विलयन से विस्थापित कर देता है। (A + BC → AC + B)
- द्विविस्थापन (Double Displacement): दो अभिकारकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है। (AB + CD → AD + CB) अवक्षेपण अभिक्रिया एक प्रकार है जिसमें अघुलनशील ठोस (अवक्षेप) बनता है।
- रेडॉक्स अभिक्रिया (Redox):
- उपचयन (Oxidation): ऑक्सीजन का योग (Gain) या हाइड्रोजन का ह्रास (Loss)।
- अपचयन (Reduction): ऑक्सीजन का ह्रास (Loss) या हाइड्रोजन का योग (Gain)।
- दोनों एक साथ होती हैं।
- संक्षारण (Corrosion): हवा, नमी या रसायनों द्वारा धातुओं का धीमा क्षय (जैसे लोहे में जंग लगना)।
- विकृतगंधिता (Rancidity): भोजन में वसा और तेल का ऑक्सीकरण (उपचयन), जिससे दुर्गंध और खराब स्वाद आता है। इसे प्रतिऑक्सीकारक (antioxidants) का उपयोग करके या नाइट्रोजन गैस भरकर रोका जाता है।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
- प्रश्न: लोहे को जिंक की परत से लेपित करने की प्रक्रिया क्या कहलाती है?
- उत्तर: यशदलेपन (Galvanisation) या गैल्वनीकरण।
- प्रश्न: (MCQ)
। उपरोक्त अभिक्रिया किसका उदाहरण है: (a) संयोजन अभिक्रिया (b) द्विविस्थापन अभिक्रिया (c) वियोजन अभिक्रिया (d) विस्थापन अभिक्रिया
- उत्तर: (d) विस्थापन अभिक्रिया (Al, Fe से अधिक अभिक्रियाशील है)।
- प्रश्न: (रिक्त स्थान) रासायनिक समीकरण का संतुलन ______ के नियम पर आधारित है।
- उत्तर: द्रव्यमान संरक्षण।
- प्रश्न: (सत्य/असत्य) मैग्नीशियम रिबन का वायु में दहन एक संयोजन अभिक्रिया है।
- उत्तर: सत्य (
)।
- उत्तर: सत्य (
- प्रश्न: आलू के चिप्स की थैलियों में नाइट्रोजन गैस क्यों भरी जाती है?
- उत्तर: चिप्स में वसा और तेल के उपचयन (विकृतगंधिता) को रोकने के लिए।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
- प्रश्न: संतुलित रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरणों को संतुलित क्यों किया जाना चाहिए?
- उत्तर: एक संतुलित रासायनिक समीकरण में अभिकारक और उत्पाद, दोनों पक्षों में प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान होती है। समीकरणों को द्रव्यमान संरक्षण के नियम को संतुष्ट करने के लिए संतुलित किया जाना चाहिए, जो यह कहता है कि किसी रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का न तो निर्माण होता है और न ही विनाश।
- प्रश्न: क्या होता है जब लेड नाइट्रेट के विलयन को पोटेशियम आयोडाइड के विलयन में मिलाया जाता है? संतुलित समीकरण लिखिए।
- उत्तर: लेड आयोडाइड का पीला अवक्षेप (precipitate) बनता है। यह एक द्विविस्थापन (अवक्षेपण) अभिक्रिया है।
![Rendered by QuickLaTeX.com \[\text{Pb}(\text{NO}_3)_2(\text{aq}) + 2\text{KI}(\text{aq}) \rightarrow \text{PbI}_2(\text{s}) \downarrow + 2\text{KNO}_3(\text{aq})\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-50d9e189abb6ca02cdf7b94d68fb92bb_l3.png)
- प्रश्न: निम्नलिखित अभिक्रिया में उपचयित (oxidized) और अपचयित (reduced) पदार्थ को पहचानिए:
- उत्तर:
- उपचयित पदार्थ:
(यह
बनाने के लिए ऑक्सीजन प्राप्त करता है) - अपचयित पदार्थ:
(यह
बनाने के लिए ऑक्सीजन खोता है)
- उपचयित पदार्थ:
- उत्तर:
- प्रश्न: विस्थापन और द्विविस्थापन अभिक्रियाओं में क्या अंतर है?
- उत्तर: विस्थापन अभिक्रिया में, एक अधिक अभिक्रियाशील तत्व अपने यौगिक से कम अभिक्रियाशील तत्व को विस्थापित करता है। द्विविस्थापन अभिक्रिया में, दो यौगिकों के बीच आयनों का आदान-प्रदान होता है जिससे दो नए यौगिक बनते हैं।
- प्रश्न: विकृतगंधिता क्या है? इसे रोकने के लिए एक विधि लिखिए।
- उत्तर: विकृतगंधिता भोजन में वसा और तेल के वायवीय उपचयन से उत्पन्न वह स्थिति है, जिसमें दुर्गंध और खराब स्वाद आता है। इसे भोजन में प्रतिऑक्सीकारक (antioxidants) मिलाकर या खाद्य पैकेटों में नाइट्रोजन जैसी अक्रिय गैस भरकर रोका जा सकता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (3/4 अंक)
- प्रश्न: वियोजन अभिक्रिया क्या है? ऊष्मीय, वैद्युत और प्रकाशीय वियोजन को एक-एक उदाहरण (समीकरण) सहित समझाइए।
- उत्तर: वियोजन अभिक्रिया वह है जिसमें एकल अभिकारक टूटकर दो या दो से अधिक सरल उत्पाद बनाता है।
- ऊष्मीय वियोजन (ऊष्मा):
(चूना पत्थर से बिना बुझा चूना)![Rendered by QuickLaTeX.com \[\text{CaCO}_3(\text{s}) \xrightarrow{\text{ऊष्मा}} \text{CaO}(\text{s}) + \text{CO}_2(\text{g})\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-fa603baae032d83b421453d2ab835cf1_l3.png)
- वैद्युत वियोजन (विद्युत):
(जल का वैद्युत अपघटन)![Rendered by QuickLaTeX.com \[2\text{H}_2\text{O}(\text{l}) \xrightarrow{\text{विद्युत}} 2\text{H}_2(\text{g}) + \text{O}_2(\text{g})\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-c497748a67c09a3dffca1bda8d7e566b_l3.png)
- प्रकाशीय वियोजन (प्रकाश):
(श्वेत-श्याम फोटोग्राफी में प्रयुक्त)![Rendered by QuickLaTeX.com \[2\text{AgCl}(\text{s}) \xrightarrow{\text{सूर्य का प्रकाश}} 2\text{Ag}(\text{s}) + \text{Cl}_2(\text{g})\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-a6ee528e69b270e3b1da6e0d9fec8b18_l3.png)
- ऊष्मीय वियोजन (ऊष्मा):
- उत्तर: वियोजन अभिक्रिया वह है जिसमें एकल अभिकारक टूटकर दो या दो से अधिक सरल उत्पाद बनाता है।
- प्रश्न: संक्षारण से आप क्या समझते हैं? लोहे में जंग लगना क्या है? जंग से बचाव के दो उपाय लिखिए।
- उत्तर: संक्षारण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा धातुएँ अपनी सतह पर वायु, नमी या रसायनों की क्रिया द्वारा धीरे-धीरे नष्ट हो जाती हैं। जंग लगना लोहे के संक्षारण के लिए विशिष्ट शब्द है, जो जलयोजित फेरिक ऑक्साइड (
) की एक लाल-भूरी परत का निर्माण है। - जंग से बचाव के दो उपाय:
- पेंट करना/तेल लगाना/ग्रीस लगाना: पेंट, तेल या ग्रीस की परत लगाने से लोहे का संपर्क हवा और नमी से टूट जाता है।
- यशदलेपन (Galvanisation): लोहे की सतह पर जिंक जैसी अधिक अभिक्रियाशील धातु की परत चढ़ाना।
- उत्तर: संक्षारण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा धातुएँ अपनी सतह पर वायु, नमी या रसायनों की क्रिया द्वारा धीरे-धीरे नष्ट हो जाती हैं। जंग लगना लोहे के संक्षारण के लिए विशिष्ट शब्द है, जो जलयोजित फेरिक ऑक्साइड (
- प्रश्न: निम्नलिखित रासायनिक समीकरणों को संतुलित कीजिए: (a)
(b)
(c)
- उत्तर (संतुलित): (a)
(b)![Rendered by QuickLaTeX.com \[2\text{HNO}_3 + \text{Ca}(\text{OH})_2 \rightarrow \text{Ca}(\text{NO}_3)_2 + 2\text{H}_2\text{O}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-19b90294fdede656a1c217b7a0ce3eb3_l3.png)
(c)![Rendered by QuickLaTeX.com \[2\text{NaOH} + \text{H}_2\text{SO}_4 \rightarrow \text{Na}_2\text{SO}_4 + 2\text{H}_2\text{O}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-eec62c3d4b629e84ceea15be73918617_l3.png)
![Rendered by QuickLaTeX.com \[3\text{Fe} + 4\text{H}_2\text{O} \rightarrow \text{Fe}_3\text{O}_4 + 4\text{H}_2\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-2162409e1739b99916098ad1fff342bf_l3.png)
- उत्तर (संतुलित): (a)
- प्रश्न: (a) श्वसन को ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया क्यों माना जाता है? (b) कॉपर सल्फेट के विलयन में लोहे की कील डुबाने पर विलयन का रंग क्यों बदल जाता है?
- उत्तर: (a) श्वसन को ऊष्माक्षेपी माना जाता है क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान ऊर्जा निकलती है। ग्लूकोज (
) हमारी कोशिकाओं में ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड, पानी और बड़ी मात्रा में ऊर्जा (ATP) उत्पन्न करता है। - (b) लोहा (Fe) कॉपर (Cu) से अधिक अभिक्रियाशील होता है। जब लोहे की कील को नीले कॉपर सल्फेट (
) के विलयन में डुबोया जाता है, तो लोहा विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देता है, जिससे हल्का हरा आयरन सल्फेट (
) बनता है। विस्थापित कॉपर, लोहे की कील पर भूरी परत के रूप में जमा हो जाता है। ![Rendered by QuickLaTeX.com \[\text{Fe}(\text{s}) + \text{CuSO}_4(\text{aq}) \rightarrow \text{FeSO}_4(\text{aq}) + \text{Cu}(\text{s})\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-bc9eae8e9a7937a091cd9fd4f056a9e6_l3.png)
- उत्तर: (a) श्वसन को ऊष्माक्षेपी माना जाता है क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान ऊर्जा निकलती है। ग्लूकोज (
- प्रश्न: ऊष्माक्षेपी और ऊष्माशोषी अभिक्रियाओं में अंतर स्पष्ट कीजिए। प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
- उत्तर:
- ऊष्माक्षेपी (Exothermic): वह अभिक्रिया जिसमें उत्पादों के निर्माण के साथ-साथ ऊष्मा (ऊर्जा) निकलती (released) है। उदाहरण: प्राकृतिक गैस का दहन
![Rendered by QuickLaTeX.com \[\text{CH}_4 + 2\text{O}_2 \rightarrow \text{CO}_2 + 2\text{H}_2\text{O} + \text{Heat}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-348f5054ee5f4872fd1294ac3437c584_l3.png)
- ऊष्माशोषी (Endothermic): वह अभिक्रिया जिसमें ऊष्मा (ऊर्जा) का अवशोषण (absorbed) होता है। उदाहरण: चूना पत्थर का वियोजन
![Rendered by QuickLaTeX.com \[\text{CaCO}_3 + \text{Heat} \rightarrow \text{CaO} + \text{CO}_2\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-ad95531c22bd501cd4150c62f73087f3_l3.png)
- ऊष्माक्षेपी (Exothermic): वह अभिक्रिया जिसमें उत्पादों के निर्माण के साथ-साथ ऊष्मा (ऊर्जा) निकलती (released) है। उदाहरण: प्राकृतिक गैस का दहन
- उत्तर:
अध्याय 2: अम्ल, क्षारक एवं लवण
महत्वपूर्ण तथ्य (संक्षिप्त सारांश):
- अम्ल (Acids): स्वाद में खट्टे, नीले लिटमस को लाल कर देते हैं। जलीय विलयन में
(हाइड्रोजन) आयन देते हैं। - क्षारक (Bases): स्वाद में कड़वे, लाल लिटमस को नीला कर देते हैं। जलीय विलयन में
(हाइड्रॉक्साइड) आयन देते हैं। जल में घुलनशील क्षारक क्षार (Alkalis) कहलाते हैं। - सूचक (Indicators): वे पदार्थ जो अम्लीय या क्षारीय माध्यम में अपना रंग बदल लेते हैं (जैसे- लिटमस, फिनॉफ्थेलिन, मेथिल ऑरेंज)।
- pH स्केल:
आयनों की सांद्रता मापने के लिए 0 से 14 तक का पैमाना।
= अम्लीय (Acidic)
= उदासीन (Neutral) (शुद्ध जल)
= क्षारीय (Basic)
- उदासीनीकरण अभिक्रिया (Neutralisation): अम्ल, क्षारक के साथ अभिक्रिया करके लवण और जल बनाता है। (
)![Rendered by QuickLaTeX.com \[\text{HCl} + \text{NaOH} \rightarrow \text{NaCl} + \text{H}_2\text{O}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-5abc8f5fa903d0d7f014b4e096ad90ff_l3.png)
- महत्वपूर्ण लवण:
- सोडियम हाइड्रॉक्साइड (कास्टिक सोडा) –
: क्लोर-क्षार प्रक्रिया (ब्राइन के वैद्युत अपघटन) द्वारा बनाया जाता है। - विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder) –
: पानी को कीटाणुरहित करने, कपास ब्लीच करने के लिए। - बेकिंग सोडा –
: (सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट)। एंटासिड, अग्निशामक और बेकिंग पाउडर बनाने में प्रयुक्त होता है। - धोने का सोडा (Washing Soda) –
: (सोडियम कार्बोनेट डेकाहाइड्रेट)। सफाई, जल की स्थायी कठोरता दूर करने के लिए। - प्लास्टर ऑफ पेरिस (P.O.P) –
: (कैल्शियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट)। जिप्सम (
) को गर्म करके बनाया जाता है। टूटी हड्डियों को जोड़ने, मूर्तियाँ बनाने में प्रयुक्त होता है।
- सोडियम हाइड्रॉक्साइड (कास्टिक सोडा) –
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
- प्रश्न: प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक सूत्र क्या है?
- उत्तर:

- उत्तर:
- प्रश्न: (MCQ) एक जलीय विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है। इसका pH मान संभवतः होगा: (a) 1 (b) 4 (c) 5 (d) 10
- उत्तर: (d) 10 (क्षारकों का pH > 7 होता है)
- प्रश्न: (रिक्त स्थान) अम्ल धातुओं के साथ अभिक्रिया करके ______ गैस उत्पन्न करते हैं।
- उत्तर: हाइड्रोजन (
)।
- उत्तर: हाइड्रोजन (
- प्रश्न: (सत्य/असत्य) दंत क्षय (Tooth decay) तब शुरू होता है जब मुंह का pH 5.5 से कम हो जाता है।
- उत्तर: सत्य।
- प्रश्न: एंटासिड (Antacid) क्या है?
- उत्तर: एक दुर्बल क्षारक (जैसे बेकिंग सोडा या मिल्क ऑफ मैग्नीशिया) जो पेट में अतिरिक्त अम्ल को उदासीन करने के लिए उपयोग किया जाता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
- प्रश्न: शुष्क
गैस, शुष्क लिटमस पेपर का रंग क्यों नहीं बदलती है?
- उत्तर: अम्ल केवल जल की उपस्थिति में ही अपना अम्लीय गुण दर्शाते हैं, क्योंकि उन्हें
आयन उत्पन्न करने के लिए वियोजित होने की आवश्यकता होती है। चूँकि
गैस और लिटमस पेपर दोनों शुष्क हैं, इसलिए कोई
आयन उत्पन्न नहीं होता है, और रंग नहीं बदलता है।
- उत्तर: अम्ल केवल जल की उपस्थिति में ही अपना अम्लीय गुण दर्शाते हैं, क्योंकि उन्हें
- प्रश्न: क्लोर-क्षार प्रक्रिया क्या है? इसे ऐसा क्यों कहा जाता है?
- उत्तर: यह
(ब्राइन) के जलीय विलयन के वैद्युत अपघटन की प्रक्रिया है। इसे ‘क्लोर-क्षार’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इससे बनने वाले उत्पाद ‘क्लोर’ (क्लोरीन गैस के लिए) और ‘क्षार’ (सोडियम हाइड्रॉक्साइड के लिए) होते हैं।
![Rendered by QuickLaTeX.com \[2\text{NaCl}(\text{aq}) + 2\text{H}_2\text{O}(\text{l}) \rightarrow 2\text{NaOH}(\text{aq}) + \text{Cl}_2(\text{g}) + \text{H}_2(\text{g})\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-36a97b4858233d2a2276381c2895b3e1_l3.png)
- उत्तर: यह
- प्रश्न: प्लास्टर ऑफ पेरिस (P.O.P) क्या है? इसे नमी-रोधी (moisture-proof) कंटेनर में क्यों रखा जाना चाहिए?
- उत्तर: P.O.P कैल्शियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट (
) है। इसे नमी-रोधी कंटेनर में रखा जाना चाहिए क्योंकि यह आसानी से पानी (नमी) को अवशोषित कर लेता है और जिप्सम नामक एक कठोर ठोस पदार्थ में बदल जाता है।
![Rendered by QuickLaTeX.com \[\text{CaSO}_4 \cdot \frac{1}{2}\text{H}_2\text{O} + 1\frac{1}{2}\text{H}_2\text{O} \rightarrow \text{CaSO}_4 \cdot 2\text{H}_2\text{O}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-de1c7313dd28101d5deefa2d7024053e_l3.png)
- उत्तर: P.O.P कैल्शियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट (
- प्रश्न: (a) धोने का सोडा और (b) बेकिंग सोडा के दो-दो महत्वपूर्ण उपयोग बताइए।
- उत्तर: (a) धोने का सोडा: (i) काँच, साबुन और कागज उद्योगों में उपयोग किया जाता है। (ii) जल की स्थायी कठोरता को दूर करने के लिए उपयोग किया जाता है।
- (b) बेकिंग सोडा: (i) अपच से राहत के लिए एंटासिड के रूप में उपयोग किया जाता है। (ii) अग्निशामक यंत्रों में उपयोग किया जाता है।
- प्रश्न: उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? एक उदाहरण दीजिए।
- उत्तर: अम्ल और क्षारक के बीच लवण और जल बनाने की अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
- उदाहरण:

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (3/4 अंक)
- प्रश्न: एक यौगिक ‘X’ का उपयोग पीने के पानी को कीटाणुरहित करने के लिए किया जाता है और यह पीले-सफेद रंग का होता है। (a) यौगिक ‘X’ को पहचानिए। (b) इसका निर्माण कैसे होता है? (समीकरण लिखिए) (c) ‘X’ का एक अन्य उपयोग लिखिए।
- उत्तर: (a) यौगिक ‘X’ विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder) (कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड) है। (b) इसका निर्माण शुष्क बुझे हुए चूने (
) पर क्लोरीन गैस की क्रिया द्वारा किया जाता है।
(c) इसका उपयोग कपड़ा उद्योग में कपास और लिनन के विरंजन (bleaching) के लिए किया जाता है।![Rendered by QuickLaTeX.com \[\text{Ca}(\text{OH})_2 + \text{Cl}_2 \rightarrow \text{CaOCl}_2 + \text{H}_2\text{O}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-32dddc3fd493cd55efcdb94e2dfe6e56_l3.png)
- उत्तर: (a) यौगिक ‘X’ विरंजक चूर्ण (Bleaching Powder) (कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड) है। (b) इसका निर्माण शुष्क बुझे हुए चूने (
- प्रश्न: “क्रिस्टलन का जल” से क्या अभिप्राय है? क्रिस्टलन के जल वाले एक लवण और एक बिना क्रिस्टलन के जल वाले लवण का उदाहरण दीजिए।
- उत्तर: क्रिस्टलन का जल, लवण के एक सूत्र इकाई में मौजूद जल के अणुओं की निश्चित संख्या है। यह लवण को उसका क्रिस्टलीय आकार और कभी-कभी उसका रंग प्रदान करता है।
- क्रिस्टलन के जल वाला उदाहरण: कॉपर सल्फेट (
) (नीला क्रिस्टल)। - क्रिस्टलन के जल बिना उदाहरण: सोडियम क्लोराइड (
) (साधारण नमक) या निर्जल कॉपर सल्फेट (
) (सफेद पाउडर)।
- प्रश्न: हमारे दैनिक जीवन में pH का महत्व समझाइए (कोई 3 बिंदु)।
- उत्तर:
- हमारे पाचन तंत्र में: हमारा पेट भोजन पचाने के लिए
(pH 1.5-3.5) उत्पन्न करता है। अपच के दौरान, अतिरिक्त अम्ल उत्पन्न होता है, जो दर्द (एसिडिटी) का कारण बनता है। हम इसे उदासीन करने के लिए एंटासिड (दुर्बल क्षारक) का उपयोग करते हैं। - दंत क्षय के लिए: दंत क्षय तब शुरू होता है जब हमारे मुंह का pH 5.5 से कम हो जाता है। मुंह में मौजूद बैक्टीरिया शर्करा का निम्नीकरण करके अम्ल उत्पन्न करते हैं। टूथपेस्ट (जो क्षारीय होता है) का उपयोग करने से अम्ल उदासीन हो जाता है।
- मिट्टी में (कृषि): पौधों को स्वस्थ विकास के लिए एक विशिष्ट pH परास की आवश्यकता होती है। यदि मिट्टी बहुत अधिक अम्लीय (कम pH) है, तो इसे बिना बुझा चूना (
) या बुझा चूना (
) जैसे क्षारकों से उपचारित किया जाता है।
- हमारे पाचन तंत्र में: हमारा पेट भोजन पचाने के लिए
- उत्तर:
- प्रश्न: क्या होता है जब अम्ल (a) धातु, (b) धातु कार्बोनेट, और (c) धातु ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है? प्रत्येक के लिए एक उदाहरण का संतुलित समीकरण लिखिए।
- उत्तर: (a) अम्ल + धातु → लवण + हाइड्रोजन गैस।
(b) अम्ल + धातु कार्बोनेट → लवण + जल + कार्बन डाइऑक्साइड।![Rendered by QuickLaTeX.com \[\text{Zn}(\text{s}) + 2\text{HCl}(\text{aq}) \rightarrow \text{ZnCl}_2(\text{aq}) + \text{H}_2(\text{g})\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-4a5b533d794f8e47b7241884b629dec9_l3.png)
(c) अम्ल + धातु ऑक्साइड → लवण + जल। (धातु ऑक्साइड क्षारीय होते हैं)![Rendered by QuickLaTeX.com \[2\text{HCl}(\text{aq}) + \text{Na}_2\text{CO}_3(\text{s}) \rightarrow 2\text{NaCl}(\text{aq}) + \text{H}_2\text{O}(\text{l}) + \text{CO}_2(\text{g})\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-9397d701d9f53c534542cbebc0ef8d56_l3.png)
![Rendered by QuickLaTeX.com \[2\text{HCl}(\text{aq}) + \text{CuO}(\text{s}) \rightarrow \text{CuCl}_2(\text{aq}) + \text{H}_2\text{O}(\text{l})\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-269bc95057ee644e50e6da626b97f40b_l3.png)
- उत्तर: (a) अम्ल + धातु → लवण + हाइड्रोजन गैस।
- प्रश्न: एक बेकर ने पाया कि उसका बनाया केक कठोर और छोटा था। वह कौन सी सामग्री डालना भूल गया जिससे केक फूला हुआ (fluffy) बन सकता था? उस सामग्री की भूमिका समझाइए।
- उत्तर: बेकर बेकिंग पाउडर (Baking Powder) मिलाना भूल गया।
- बेकिंग पाउडर, बेकिंग सोडा (
) और एक दुर्बल खाद्य अम्ल (जैसे टार्टरिक अम्ल) का मिश्रण होता है। - भूमिका: जब बेकिंग पाउडर को गीले आटे में मिलाया जाता है और गर्म किया जाता है, तो बेकिंग सोडा अभिक्रिया (या वियोजित) करके कार्बन डाइऑक्साइड (
) गैस उत्पन्न करता है।
![Rendered by QuickLaTeX.com \[2\text{NaHCO}_3 \xrightarrow{\text{ऊष्मा}} \text{Na}_2\text{CO}_3 + \text{H}_2\text{O} + \text{CO}_2\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-e04d6d75f936f7a71b31eaea8904e96d_l3.png)
- ये
गैस के बुलबुले आटे में फँस जाते हैं, जिससे केक ऊपर उठता है (फूलता है) और नरम व स्पंजी हो जाता है।
खंड 2: जीव विज्ञान (BIOLOGY)
अध्याय 6: जैव प्रक्रम (Life Processes)
महत्वपूर्ण तथ्य (संक्षिप्त सारांश):
- जैव प्रक्रम: वे सभी प्रक्रम जो जीवों द्वारा अपना जीवन बनाए रखने के लिए किए जाते हैं (जैसे- पोषण, श्वसन, परिवहन, उत्सर्जन)।
- पोषण (Nutrition):
- स्वपोषी (Autotrophic): जीव अपना भोजन स्वयं बनाते हैं (जैसे- पौधे प्रकाश संश्लेषण द्वारा)।
- विषमपोषी (Heterotrophic): जीव भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं (जैसे- जंतु)।
- प्रकाश संश्लेषण:
क्लोरोप्लास्ट में होता है।![Rendered by QuickLaTeX.com \[6\text{CO}_2 + 12\text{H}_2\text{O} \xrightarrow[\text{Chlorophyl}]{\text{Sunlight}} \text{C}_6\text{H}_{12}\text{O}_6 + 6\text{O}_2 + 6\text{H}_2\text{O}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-b524ad29efc8e6a30b5924162c24db31_l3.png)
- मानव पाचन तंत्र: इसमें मुख (लार एमाइलेज), आमाशय (
, पेप्सिन), क्षुद्रांत्र (छोटी आँत) (पूर्ण पाचन और विलि (Villi) द्वारा अवशोषण), बृहदांत्र (बड़ी आँत) (जल अवशोषण) शामिल हैं।

- श्वसन (Respiration): ऊर्जा (ATP) मुक्त करने के लिए भोजन का विखंडन।
- वायवीय (Aerobic): ऑक्सीजन की उपस्थिति में (माइटोकॉन्ड्रिया में)
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- अवायवीय (Anaerobic): ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में। यीस्ट में (किण्वन):
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- पेशी कोशिकाओं में:

- मानव परिवहन (Transport): रक्त द्वारा किया जाता है (RBCs
ले जाती हैं, WBCs रोगों से लड़ती हैं, प्लेटलेट्स रक्त का थक्का जमाती हैं, प्लाज्मा भोजन/
का परिवहन करता है)। हृदय रक्त पंप करता है (दोहरा परिसंचरण)। धमनियाँ हृदय से ऑक्सीजन युक्त रक्त ले जाती हैं (फुफ्फुस धमनी को छोड़कर)। शिराएँ हृदय तक ऑक्सीजन रहित रक्त लाती हैं (फुफ्फुस शिरा को छोड़कर)। - पादप परिवहन: जाइलम (Xylem) जल और खनिजों का परिवहन करता है। फ्लोएम (Phloem) भोजन (सुक्रोज) का परिवहन (स्थानांतरण) करता है।
- मानव उत्सर्जन (Excretion): उपापचयी अपशिष्ट को हटाना। मुख्य अंग: वृक्क (Kidneys)।कार्यात्मक इकाई: वृक्काणु (Nephron)। नेफ्रॉन मूत्र बनाने के लिए रक्त को छानते हैं।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
- प्रश्न: लार (saliva) में मौजूद कौन सा एंजाइम स्टार्च को तोड़ता है?
- उत्तर: लार एमाइलेज (Salivary Amylase)।
- प्रश्न: (MCQ) मानव वृक्क की कार्यात्मक इकाई कहलाती है: (a) न्यूरॉन (b) नेफ्रॉन (वृक्काणु) (c) कूपिका (Alveoli) (d) दीर्घरोम (Villi)
- उत्तर: (b) नेफ्रॉन (वृक्काणु)।
- प्रश्न: (रिक्त स्थान) पौधों में जल का परिवहन करने वाले ऊतक को ______ कहते हैं।
- उत्तर: जाइलम (Xylem)।
- प्रश्न: (सत्य/असत्य) वायवीय श्वसन माइटोकॉन्ड्रिया में होता है और 38 ATP उत्पन्न करता है।
- उत्तर: सत्य।
- प्रश्न: लाल रक्त कोशिकाओं में उस वर्णक (pigment) का नाम बताइए जो ऑक्सीजन ले जाता है।
- उत्तर: हीमोग्लोबिन (Haemoglobin)।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
- प्रश्न: प्रकाश संश्लेषण के दौरान होने वाली तीन घटनाएँ कौन सी हैं?
- उत्तर: (i) क्लोरोफिल द्वारा प्रकाश ऊर्जा का अवशोषण। (ii) प्रकाश ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में रूपांतरण और जल (
) का हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विखंडन। (iii) कार्बन डाइऑक्साइड (
) का कार्बोहाइड्रेट (ग्लूकोज) में अपचयन।
- उत्तर: (i) क्लोरोफिल द्वारा प्रकाश ऊर्जा का अवशोषण। (ii) प्रकाश ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में रूपांतरण और जल (
- प्रश्न: हमारे आमाशय में अम्ल (
) की क्या भूमिका है?
- उत्तर: (i) यह भोजन के साथ प्रवेश कर सकने वाले कीटाणुओं (बैक्टीरिया) को मारता है। (ii) यह एक अम्लीय माध्यम बनाता है, जो एंजाइम पेप्सिन की क्रिया के लिए आवश्यक है (पेप्सिन प्रोटीन को पचाता है)।
- प्रश्न: मानव हृदय में ‘दोहरा परिसंचरण’ (double circulation) क्या है?
- उत्तर: दोहरे परिसंचरण का अर्थ है कि प्रत्येक पूर्ण चक्र में रक्त हृदय से दो बार गुजरता है।
- फुफ्फुसीय परिसंचरण (Pulmonary): रक्त हृदय (दाएं निलय) से फेफड़ों में जाता है और वापस हृदय (बाएं आलिंद) में आता है।
- दैहिक परिसंचरण (Systemic): रक्त हृदय (बाएं निलय) से शरीर के बाकी हिस्सों में जाता है और वापस हृदय (दाएं आलिंद) में आता है।
- उत्तर: दोहरे परिसंचरण का अर्थ है कि प्रत्येक पूर्ण चक्र में रक्त हृदय से दो बार गुजरता है।
- प्रश्न: वायवीय और अवायवीय श्वसन में अंतर स्पष्ट कीजिए।
- उत्तर:
- वायवीय: ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है। अंतिम उत्पाद
और जल हैं। बड़ी मात्रा में ऊर्जा (38 ATP) मुक्त होती है। - अवायवीय: ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है। अंतिम उत्पाद इथेनॉल और
(यीस्ट में) या लैक्टिक अम्ल (पेशियों में) हैं। बहुत कम ऊर्जा (2 ATP) मुक्त होती है।
- वायवीय: ऑक्सीजन की उपस्थिति में होता है। अंतिम उत्पाद
- उत्तर:
- प्रश्न: रक्त के क्या कार्य हैं?
- उत्तर: (i) यह ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, पचे हुए भोजन और हार्मोन का परिवहन करता है। (ii) यह उत्सर्जी अपशिष्ट को वृक्क तक पहुँचाता है। (iii) रक्त में WBCs शरीर को रोगों से बचाती हैं। (iv) प्लेटलेट्स रक्त का थक्का जमने में मदद करती हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (3/4 अंक)
- प्रश्न: मानव उत्सर्जन तंत्र का एक स्वच्छ, नामांकित चित्र बनाइए।
- उत्तर: दो वृक्क, दो मूत्रवाहिनी, एक मूत्राशय और एक मूत्रमार्ग दिखाते हुए एक आरेख बनाएँ। नामांकित करें: महाधमनी, महाशिरा, बायाँ वृक्क, दायाँ वृक्क, बाईं मूत्रवाहिनी, दाईं मूत्रवाहिनी, मूत्राशय, मूत्रमार्ग
- प्रश्न: मानव क्षुद्रांत्र (छोटी आँत) में भोजन के पाचन की प्रक्रिया की व्याख्या कीजिए।
- उत्तर: क्षुद्रांत्र (छोटी आँत) पूर्ण पाचन का स्थल है।
- यह यकृत (liver) से पित्त रस (bile juice) प्राप्त करता है, जो वसा (fat) की बड़ी गोलिकाओं को छोटी गोलिकाओं में इमल्सीकृत (emulsifies) करता है।
- यह अग्न्याशय (pancreas) से अग्न्याशयिक रस (pancreatic juice) प्राप्त करता है, जिसमें एंजाइम होते हैं जैसे (a) ट्रिप्सिन (प्रोटीन पचाता है) और (b) लाइपेस (वसा पचाता है)।
- क्षुद्रांत्र की दीवारें आंत्र रस (intestinal juice) स्रावित करती हैं, जिसके एंजाइम अंततः इन्हें विखंडित करते हैं:
- प्रोटीन
अमीनो अम्ल - कार्बोहाइड्रेट
ग्लूकोज - वसा
वसीय अम्ल और ग्लिसरॉल
- प्रोटीन
- आंतरिक परत में उंगली जैसी संरचनाएँ होती हैं जिन्हें दीर्घरोम (villi) कहते हैं, जो पचे हुए भोजन को रक्त में अवशोषित करने के लिए सतह क्षेत्र को बहुत बढ़ा देती हैं।
- उत्तर: क्षुद्रांत्र (छोटी आँत) पूर्ण पाचन का स्थल है।
- प्रश्न: एक वृक्काणु (Nephron) (वृक्क की कार्यात्मक इकाई) का स्वच्छ, नामांकित चित्र बनाइए।
- उत्तर: बोमन कैप्सूल, ग्लोमेरुलस, एक लंबी नलिका (PCT, हेनले लूप, DCT), और संग्रह वाहिनी दिखाते हुए एक आरेख बनाएँ। नामांकित करें: ग्लोमेरुलस (केशिकागुच्छ), बोमन कैप्सूल (संपुट), नलिकाकार भाग, संग्रह वाहिनी, अभिवाही धमनी, अपवाही धमनी।
- प्रश्न: जाइलम और फ्लोएम में अंतर स्पष्ट कीजिए।
- उत्तर:
| विशेषता | जाइलम (Xylem) | फ्लोएम (Phloem) |
| कार्य | जल और खनिजों का परिवहन। | पत्तियों से भोजन (शर्करा) का परिवहन। |
| दिशा | एकदिशीय (केवल ऊपर की ओर)। | द्विदिशीय (ऊपर और नीचे)। |
| कोशिकाएँ | अधिकतर मृत कोशिकाएँ (वाहिनिका, वाहिका)। | अधिकतर जीवित कोशिकाएँ (चालनी नलिका, साथी कोशिका)। |
| ऊर्जा | ऊर्जा (ATP) की आवश्यकता नहीं (वाष्पोत्सर्जन खिंचाव का उपयोग करता है)। | ऊर्जा (ATP) की आवश्यकता होती है (सक्रिय परिवहन)। |
- प्रश्न: विभिन्न पथों द्वारा ग्लूकोज का विखंडन कैसे होता है? (वायवीय, यीस्ट में अवायवीय, और पेशियों में अवायवीय की व्याख्या करें)।
- उत्तर: पहला चरण, 6-कार्बन ग्लूकोज का 3-कार्बन पाइरुवेट में विखंडन, कोशिका द्रव्य (cytoplasm) में होता है। पाइरुवेट का भविष्य ऑक्सीजन की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
- वायवीय (
की उपस्थिति में): माइटोकॉन्ड्रिया में, पाइरुवेट पूरी तरह से टूटकर
(ऊर्जा) बनाता है। - अवायवीय (
की अनुपस्थिति में – यीस्ट में): कोशिका द्रव्य में, पाइरुवेट
(ऊर्जा) में परिवर्तित हो जाता है। इसे किण्वन (fermentation) कहते हैं। - अवायवीय (
की कमी में – पेशी कोशिकाओं में): भारी व्यायाम के दौरान, कोशिका द्रव्य में, पाइरुवेट
(ऊर्जा) में परिवर्तित हो जाता है। यह पेशियों में ऐंठन (cramps) का कारण बनता है।
- वायवीय (
- उत्तर: पहला चरण, 6-कार्बन ग्लूकोज का 3-कार्बन पाइरुवेट में विखंडन, कोशिका द्रव्य (cytoplasm) में होता है। पाइरुवेट का भविष्य ऑक्सीजन की उपलब्धता पर निर्भर करता है।
अध्याय 8: जीव जनन कैसे करते हैं?
महत्वपूर्ण तथ्य (संक्षिप्त सारांश):

- जनन (Reproduction): वह प्रक्रिया जिसके द्वारा सजीव जीव अपने जैसे नए जीव (संतति) उत्पन्न करते हैं।
- अलैंगिक जनन (Asexual): एकल जनक संतति उत्पन्न करता है। संतति आनुवंशिक रूप से समान (क्लोन) होती है।
- विखंडन (Fission): (अमीबा में द्विखंडन, प्लाज्मोडियम में बहुखंडन)
- मुकुलन (Budding): (हाइड्रा और यीस्ट में)
- खंडन (Fragmentation): (स्पाइरोगाइरा में)
- बीजाणु समासंघ (Spore Formation): (राइजोपस – ब्रेड मोल्ड में)
- कायिक प्रवर्धन (Vegetative Propagation): (पौधों में – जड़ों, तनों या पत्तियों का उपयोग करके)।
- लैंगिक जनन (Sexual): दो जनक (नर और मादा) शामिल होते हैं। युग्मक (zygote) बनाने के लिए युग्मकों (शुक्राणु और अंडाणु) का संलयन शामिल है। संतति में आनुवंशिक विभिन्नता होती है।
- पुष्पी पादप: जनन अंग पुष्प (flower) है।
- परागण (Pollination): परागकणों (नर युग्मक) का परागकोश (anther) से वर्तिकाग्र (stigma) तक स्थानांतरण। (स्व-परागण या पर-परागण)
- निषेचन (Fertilisation): नर युग्मक का मादा युग्मक (बीजांड में) के साथ संलयन होकर युग्मनज बनाना।
- निषेचन के बाद: अंडाशय (Ovary) फल (Fruit) में विकसित होता है। बीजांड (Ovule) बीज (Seed) में विकसित होता है।
- मानव जनन (नर): वृषण (Testes) शुक्राणु (नर युग्मक) और टेस्टोस्टेरोन का उत्पादन करते हैं।
- मानव जनन (मादा): अंडाशय (Ovaries) अंडाणु (मादा युग्मक) और एस्ट्रोजन का उत्पादन करते हैं। निषेचन अंडवाहिनी (fallopian tube) में होता है। युग्मनज गर्भाशय (uterus) में रोपित होता है।
- गर्भनिरोधन (Contraception): गर्भावस्था को रोकने के तरीके (जैसे, रोधिका विधियाँ जैसे कंडोम, रासायनिक विधियाँ जैसे गोलियाँ, शल्य विधियाँ जैसे नसबंदी/ट्यूबेक्टोमी)।
- यौन संचारित रोग (STDs): जीवाणु (गोनोरिया, सिफलिस), विषाणु (एचआईवी-एड्स, मस्से)।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
- प्रश्न: मुकुलन (budding) द्वारा जनन करने वाले जीव का नाम बताइए।
- उत्तर: हाइड्रा या यीस्ट।
- प्रश्न: (MCQ) परागकोश (anther) में होते हैं: (a) बाह्यदल (b) बीजांड (c) परागकण (d) वर्तिकाग्र
- उत्तर: (c) परागकण (Pollen grains)।
- प्रश्न: (रिक्त स्थान) नर और मादा युग्मकों के संलयन (fusion) को ______ कहते हैं।
- उत्तर: निषेचन (Fertilisation)।
- प्रश्न: (सत्य/असत्य) अमीबा बहुखंडन द्वारा जनन करता है।
- उत्तर: असत्य (अमीबा द्विखंडन द्वारा जनन करता है)।
- प्रश्न: मानव मादा में निषेचन कहाँ होता है?
- उत्तर: अंडवाहिनी (fallopian tube) (या डिंबवाहिनी) में।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
- प्रश्न: स्व-परागण (self-pollination) और पर-परागण (cross-pollination) के बीच क्या अंतर है?
- उत्तर: स्व-परागण परागकणों का परागकोश से उसी पुष्प के वर्तिकाग्र या उसी पौधे के दूसरे पुष्प के वर्तिकाग्र तक स्थानांतरण है। पर-परागण परागकणों का एक पौधे के पुष्प के परागकोश से उसी जाति के दूसरे पौधे के पुष्प के वर्तिकाग्र तक स्थानांतरण है।
- प्रश्न: कुछ प्रकार के पौधों को उगाने के लिए कायिक प्रवर्धन (vegetative propagation) का अभ्यास क्यों किया जाता है?
- उत्तर: (i) इसका उपयोग उन पौधों (जैसे केला, गन्ना, गुलाब) को उगाने के लिए किया जाता है जो व्यवहार्य बीज पैदा करने की क्षमता खो चुके हैं। (ii) नए पौधे आनुवंशिक रूप से जनक पौधे के समान होते हैं, जिससे उसके वांछनीय गुण संरक्षित रहते हैं। (iii) यह बीज से उगने की तुलना में प्रवर्धन की एक तेज विधि है।
- प्रश्न: मानव नर जनन तंत्र में वृषण (testes) का क्या कार्य है?
- उत्तर: (i) नर युग्मक (शुक्राणु) का उत्पादन करना। (ii) नर सेक्स हार्मोन (टेस्टोस्टेरोन) का उत्पादन करना, जो लड़कों में द्वितीयक लैंगिक लक्षणों (जैसे दाढ़ी, गहरी आवाज) को लाता है।
- प्रश्न: द्विखंडन (binary fission) की प्रक्रिया बहुखंडन (multiple fission) से किस प्रकार भिन्न है?
- उत्तर: द्विखंडन में, एक एकल जनक कोशिका दो समान संतति कोशिकाओं में विभाजित होती है (जैसे, अमीबा)। बहुखंडन में, एक एकल जनक कोशिका एक साथ कई संतति कोशिकाओं में विभाजित होती है (जैसे, प्लाज्मोडियम)।
- प्रश्न: अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन के क्या लाभ हैं?
- उत्तर: लैंगिक जनन में दो अलग-अलग जनकों के युग्मकों का संलयन शामिल होता है, जिससे संतति में आनुवंशिक विभिन्नता (genetic variation) आती है। यह विभिन्नता प्रजातियों को बदलते पर्यावरणीय परिस्थितियों में बेहतर ढंग से अनुकूलित करने में मदद करती है और विकास (evolution) के लिए आवश्यक है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (3/4 अंक)
- प्रश्न: एक पुष्प की अनुदैर्ध्य काट (longitudinal section) का स्वच्छ, नामांकित चित्र बनाइए।
- उत्तर: एक पुष्प का चित्र बनाएँ। चार चक्रों को नामांकित करें: बाह्यदल (calyx), दल (corolla), पुंकेसर (androecium – परागकोश और तंतु के साथ), और स्त्रीकेसर/कार्पेल (gynoecium – वर्तिकाग्र, वर्तिका और अंडाशय के साथ)।
- प्रश्न: परागण क्या है? पौधों में परागण और निषेचन के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
- उत्तर: परागण नर परागकणों का परागकोश से मादा वर्तिकाग्र तक स्थानांतरण है।
| परागण (Pollination) | निषेचन (Fertilisation) |
| परागकण का परागकोश से वर्तिकाग्र तक स्थानांतरण। | नर युग्मक (परागकण से) का मादा युग्मक (बीजांड में अंडाणु) के साथ संलयन। |
| यह एक बाह्य प्रक्रिया है। | यह एक आंतरिक प्रक्रिया है (बीजांड के अंदर होती है)। |
| यह निषेचन से पहले होता है। | यह परागण के बाद होता है। |
| वाहकों (हवा, पानी, कीड़े) की आवश्यकता हो सकती है। | किसी बाह्य वाहक की आवश्यकता नहीं होती। |
- प्रश्न: मानव मादा जनन तंत्र का एक स्वच्छ, नामांकित चित्र बनाइए।
- उत्तर: अंडाशय की एक जोड़ी, अंडवाहिनी (oviducts) की एक जोड़ी, एक गर्भाशय, एक गर्भाशय ग्रीवा और एक योनि दिखाते हुए एक आरेख बनाएँ। इन सभी भागों को नामांकित करें।

प्रश्न: मानव नर जनन तंत्र का एक स्वच्छ, नामांकित चित्र बनाइए।

- प्रश्न: निषेचन के पश्चात् पुष्प में क्या परिवर्तन होते हैं? (निषेचन-पश्चात परिवर्तन)।
- उत्तर: निषेचन के पश्चात्:
- युग्मनज (Zygote) कई बार विभाजित होकर बीजांड के अंदर एक भ्रूण (Embryo) बनाता है।
- बीजांड (Ovule) एक सख्त आवरण विकसित करता है और बीज (Seed) बन जाता है।
- अंडाशय (Ovary) बड़ा होता है और पककर फल (Fruit) बन जाता है।
- पुष्प के अन्य भाग, जैसे पंखुड़ियाँ, बाह्यदल और पुंकेसर, आमतौर पर मुरझा कर गिर जाते हैं।
- उत्तर: निषेचन के पश्चात्:
- प्रश्न: यौन संचारित रोग (STDs) क्या हैं? एक जीवाणु-जनित और एक विषाणु-जनित STD का नाम बताइए। इनसे कैसे बचा जा सकता है?
- उत्तर: STDs वे संक्रामक रोग हैं जो असुरक्षित यौन संपर्क के माध्यम से एक संक्रमित व्यक्ति से एक स्वस्थ व्यक्ति में फैलते हैं।
- जीवाणु-जनित STD: गोनोरिया या सिफलिस।
- विषाणु-जनित STD: एचआईवी-एड्स (HIV-AIDS) या मस्से (Warts)।
- बचाव: (i) संभोग के दौरान कंडोम जैसे यांत्रिक रोध का उपयोग करना। (ii) अज्ञात या कई साथियों के साथ यौन संपर्क से बचना।
खंड 3: भौतिक विज्ञान (PHYSICS)
अध्याय 10: प्रकाश – परावर्तन तथा अपवर्तन
महत्वपूर्ण तथ्य (संक्षिप्त सारांश):
- परावर्तन (Reflection): चिकनी सतह से प्रकाश का वापस लौटना।
- नियम: (i) आपतन कोण (
) = परावर्तन कोण (
)। (ii) आपतित किरण, परावर्तित किरण और अभिलंब सभी एक ही तल में होते हैं।
- नियम: (i) आपतन कोण (
- गोलीय दर्पण (Spherical Mirrors):
- अवतल (Concave): परावर्तक सतह अंदर की ओर वक्रित। (अभिसारी – Converging)
- उत्तल (Convex): परावर्तक सतह बाहर की ओर वक्रित। (अपसारी – Diverging)
- दर्पण सूत्र:
![Rendered by QuickLaTeX.com \[\frac{1}{f} = \frac{1}{v} + \frac{1}{u}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-df4083d7b4fae27e67eb2ad8be34e778_l3.png)
- आवर्धन (दर्पण):
![Rendered by QuickLaTeX.com \[m = \frac{h_i}{h_o} = -\frac{v}{u}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-7324eb09e799281cba4fb1104324cb1c_l3.png)
= फोकस दूरी,
= प्रतिबिंब दूरी,
= बिंब दूरी (वस्तु)।
.
- अपवर्तन (Refraction): जब प्रकाश एक माध्यम से दूसरे माध्यम में जाता है तो उसका मुड़ना।
- नियम: (i) आपतित किरण, अपवर्तित किरण और अभिलंब एक ही तल में होते हैं। (ii) स्नेल का नियम:
का अनुपात स्थिर (अपवर्तनांक,
) होता है।
- नियम: (i) आपतित किरण, अपवर्तित किरण और अभिलंब एक ही तल में होते हैं। (ii) स्नेल का नियम:
- अपवर्तनांक (
):![Rendered by QuickLaTeX.com \[n = \frac{\text{Light Speed in Vaccum (c)}}{\text{Light Speed in Medium (v)}}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-142bf868bd8ed3286d1e56eaec4f31e1_l3.png)

- गोलीय लेंस (Spherical Lenses):
- उत्तल (Convex): केंद्र में मोटा। (अभिसारी – Converging)
- अवतल (Concave): केंद्र में पतला। (अपसारी – Diverging)
- लेंस सूत्र:
![Rendered by QuickLaTeX.com \[\frac{1}{f} = \frac{1}{v} - \frac{1}{u}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-6020adb28cb209469bc25c5d731c80bc_l3.png)
- आवर्धन (लेंस):
![Rendered by QuickLaTeX.com \[m = \frac{h_i}{h_o} = \frac{v}{u}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-f0e15cd01155329142a9cc8b363b202b_l3.png)
- लेंस की क्षमता (
):
मात्रक: डायोप्टर (D)। (उत्तल लेंस: +P, अवतल लेंस: -P)![Rendered by QuickLaTeX.com \[P = \frac{1}{f (\text{meter})}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-13854f61d876c0a07b0ee09e5b435d13_l3.png)
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
- प्रश्न: लेंस की क्षमता का S.I. मात्रक क्या है?
- उत्तर: डायोप्टर (D).
- प्रश्न: (MCQ) वाहनों में पीछे का दृश्य देखने (पश्च-दृश्य) के लिए किस दर्पण का उपयोग किया जाता है? (a) अवतल दर्पण (b) उत्तल दर्पण (c) समतल दर्पण (d) कोई भी दर्पण
- उत्तर: (b) उत्तल दर्पण (क्योंकि यह सीधा, छोटा प्रतिबिंब और व्यापक दृष्टि क्षेत्र देता है)।
- प्रश्न: (रिक्त स्थान) एक अवतल दर्पण वास्तविक, उलटा और समान आकार का प्रतिबिंब तब बनाता है जब वस्तु को उसके ______ पर रखा जाता है।
- उत्तर: वक्रता केंद्र (C या 2F) पर।
- प्रश्न: (सत्य/असत्य) हीरे का अपवर्तनांक (2.42) पानी के अपवर्तनांक (1.33) से कम होता है।
- उत्तर: असत्य।
- प्रश्न: 1 डायोप्टर को परिभाषित कीजिए।
- उत्तर: 1 डायोप्टर उस लेंस की क्षमता है जिसकी फोकस दूरी 1 मीटर हो।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
- प्रश्न: प्रकाश के परावर्तन के दो नियम लिखिए।
- उत्तर: (i) आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है (
)। (ii) आपतित किरण, परावर्तित किरण, और आपतन बिंदु पर सतह का अभिलंब, सभी एक ही तल में स्थित होते हैं।
- उत्तर: (i) आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है (
- प्रश्न: एक वस्तु को 15 सेमी फोकस दूरी के उत्तल दर्पण से 10 सेमी की दूरी पर रखा जाता है। प्रतिबिंब की स्थिति और प्रकृति ज्ञात कीजिए।
- उत्तर:
सेमी,
सेमी (उत्तल) - दर्पण सूत्र:


सेमी।- स्थिति: प्रतिबिंब दर्पण के पीछे 6 सेमी पर बनता है।
- प्रकृति: चूँकि
धनात्मक है और
, प्रतिबिंब आभासी, सीधा और छोटा (Diminished) है।
- उत्तर:
- प्रश्न: स्नेल का अपवर्तन का नियम परिभाषित कीजिए। किसी माध्यम के अपवर्तनांक से क्या तात्पर्य है?
- उत्तर: स्नेल का नियम: आपतन कोण की ज्या (
) और अपवर्तन कोण की ज्या (
) का अनुपात, प्रकाश के दिए गए रंग और माध्यमों के युग्म के लिए स्थिर (n) होता है। 
- अपवर्तनांक (n): यह इस बात का माप है कि उस माध्यम में प्रकाश की गति कितनी कम हो जाती है।

- उत्तर: स्नेल का नियम: आपतन कोण की ज्या (
- प्रश्न: लेंस की क्षमता क्या है? एक अवतल लेंस की फोकस दूरी 50 सेमी है। इसकी क्षमता की गणना कीजिए।
- उत्तर: क्षमता (
) किसी लेंस की प्रकाश किरणों को अभिसरित या अपसरित करने की क्षमता है। यह मीटर में मापी गई फोकस दूरी का व्युत्क्रम (reciprocal) है। 
सेमी = -0.5 मीटर (अवतल लेंस)
- उत्तर: क्षमता (
- प्रश्न: (a) अवतल दर्पण और (b) उत्तल लेंस के दो-दो उपयोग दीजिए।
- उत्तर: (a) अवतल दर्पण: (i) शेविंग दर्पण के रूप में (बड़ा प्रतिबिंब देखने के लिए)। (ii) दंत चिकित्सकों द्वारा दांतों का बड़ा प्रतिबिंब देखने के लिए। (iii) कार की हेडलाइट्स में परावर्तक के रूप में।
- (b) उत्तल लेंस: (i) चश्मों में दूर-दृष्टि दोष (hypermetropia) को ठीक करने के लिए। (ii) आवर्धक कांच (magnifying glass) के रूप में। (iii) कैमरों और दूरबीनों में।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (3/4 अंक)
- प्रश्न:उत्तल लेंस द्वारा प्रतिबिंब निर्माण दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए जब वस्तु रखी हो: (a)
पर (b)
और
के बीच (c)
और प्रकाशिक केंद्र (O) के बीच
- उत्तर: (a)
पर: वस्तु को 2F1 पर दिखाते हुए किरण आरेख, प्रतिबिंब 2F2 पर बनता है, प्रकृति: वास्तविक, उलटा, समान आकार। (b)
**और**
**के बीच:** वस्तु को F1 और 2F1 के बीच दिखाते हुए किरण आरेख, प्रतिबिंब 2F2 से परे बनता है, प्रकृति: वास्तविक, उलटा, बड़ा। (c)
और O के बीच: वस्तु को F1 और O के बीच दिखाते हुए किरण आरेख, प्रतिबिंब वस्तु की ओर ही बनता है, प्रकृति: आभासी, सीधा, बड़ा।
- उत्तर: (a)
- प्रश्न:अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब निर्माण दर्शाने के लिए किरण आरेख खींचिए जब वस्तु रखी हो: (a) C पर (वक्रता केंद्र) (b) C और F (फोकस बिंदु) के बीच (c) F और P (ध्रुव) के बीच
- उत्तर: (a) C पर: वस्तु को C पर दिखाते हुए किरण आरेख, प्रतिबिंब C पर बनता है, प्रकृति: वास्तविक, उलटा, समान आकार।(b) **C और F के बीच:** वस्तु को C और F के बीच दिखाते हुए किरण आरेख, प्रतिबिंब C से परे बनता है, प्रकृति: वास्तविक, उलटा, बड़ा।(c) F और P के बीच: वस्तु को F और P के बीच दिखाते हुए किरण आरेख, प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है, प्रकृति: आभासी, सीधा, बड़ा।
- प्रश्न: 5 सेमी ऊँची एक वस्तु 30 सेमी वक्रता त्रिज्या के उत्तल दर्पण के सामने 20 सेमी की दूरी पर रखी है। प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति और आकार ज्ञात कीजिए।
- उत्तर:
हल (Solution)
1. दिया है (Given):
- वस्तु की ऊँचाई (
):
cm
(मुख्य अक्ष से ऊपर होने के कारण धनात्मक) - दर्पण का प्रकार: उत्तल दर्पण (Convex Mirror)
- वक्रता त्रिज्या (
):
cm
(उत्तल दर्पण की वक्रता त्रिज्या
धनात्मक होती है, क्योंकि इसका वक्रता केंद्र दर्पण के पीछे होता है) - वस्तु की दूरी (
):
cm
(वस्तु हमेशा दर्पण के सामने (बाईं ओर) रखी जाती है, इसलिए
ऋणात्मक होता है)
2. ज्ञात करना है (To Find):
- प्रतिबिंब की स्थिति (
) - प्रतिबिंब की प्रकृति (Nature)
- प्रतिबिंब का आकार (
)
3. परिकलन (Calculation):
चरण 1: फोकस दूरी (
) ज्ञात करना
फोकस दूरी, वक्रता त्रिज्या की आधी होती है।
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मान रखने पर:
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चरण 2: प्रतिबिंब की स्थिति (
) ज्ञात करना (दर्पण सूत्र से)
दर्पण सूत्र (Mirror Formula) है:
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हमें
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15 और 20 का ल.स.प. (LCM) 60 है:
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इसलिए,
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चरण 3: प्रतिबिंब की प्रकृति (Nature) ज्ञात करना
- चूँकि
का मान धनात्मक (
cm) है, इसका अर्थ है कि प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बन रहा है। - दर्पण के पीछे बनने वाले प्रतिबिंब हमेशा आभासी (Virtual) तथा सीधे (Erect) होते हैं।
चरण 4: प्रतिबिंब का आकार (
) ज्ञात करना (आवर्धन सूत्र से)
आवर्धन (Magnification) का सूत्र है:
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हम
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मान रखने पर (गणना की सटीकता के लिए
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का मान धनात्मक है, जो पुष्टि करता है कि प्रतिबिंब सीधा है।- प्रतिबिंब का आकार
cm है, जो वस्तु के आकार (
cm) से छोटा है।
अंतिम उत्तर (Final Answer):
- प्रतिबिंब की स्थिति (
): प्रतिबिंब दर्पण के पीछे
cm (या
cm) की दूरी पर बनेगा। - प्रतिबिंब की प्रकृति: प्रतिबिंब आभासी, सीधा और वस्तु से छोटा (diminished) होगा।
- प्रतिबिंब का आकार (
): प्रतिबिंब की ऊँचाई
cm (या
cm) होगी।
- प्रश्न: 2 सेमी ऊँची एक वस्तु 15 सेमी फोकस दूरी के अवतल लेंस के सामने 10 सेमी की दूरी पर रखी है। प्रतिबिंब की स्थिति, प्रकृति और आकार ज्ञात कीजिए।
- उत्तर:
हल (Solution)
1. दिया है (Given):
- वस्तु की ऊँचाई (
):
cm
(मुख्य अक्ष से ऊपर होने के कारण धनात्मक) - लेंस का प्रकार: अवतल लेंस (Concave Lens)
- फोकस दूरी (
):
cm
(अवतल लेंस की फोकस दूरी ऋणात्मक होती है, क्योंकि इसका मुख्य फोकस लेंस के सामने (बाईं ओर) होता है) - वस्तु की दूरी (
):
cm
(वस्तु हमेशा लेंस के सामने (बाईं ओर) रखी जाती है, इसलिए
ऋणात्मक होता है)
2. ज्ञात करना है (To Find):
- प्रतिबिंब की स्थिति (
) - प्रतिबिंब की प्रकृति (Nature)
- प्रतिबिंब का आकार (
)
3. परिकलन (Calculation):
चरण 1: प्रतिबिंब की स्थिति (
) ज्ञात करना (लेंस सूत्र से)
लेंस सूत्र (Lens Formula) है:
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हमें
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15 और 10 का ल.स.प. (LCM) 30 है:
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इसलिए,
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चरण 2: प्रतिबिंब की प्रकृति (Nature) ज्ञात करना
- चूँकि
का मान ऋणात्मक (
cm) है, इसका अर्थ है कि प्रतिबिंब लेंस के सामने (वस्तु की ओर ही) बन रहा है। - अवतल लेंस में, लेंस के सामने बनने वाले प्रतिबिंब हमेशा आभासी (Virtual) तथा सीधे (Erect) होते हैं।
(नोट: अवतल लेंस हमेशा आभासी, सीधा और छोटा प्रतिबिंब ही बनाता है।)
चरण 3: प्रतिबिंब का आकार (
) ज्ञात करना (आवर्धन सूत्र से)
आवर्धन (Magnification) का सूत्र है:
![]()
हम
![]()
मान रखने पर:
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![]()
![]()
का मान धनात्मक है, जो पुष्टि करता है कि प्रतिबिंब सीधा है।- प्रतिबिंब का आकार
cm है, जो वस्तु के आकार (
cm) से छोटा (diminished) है।
अंतिम उत्तर (Final Answer):
- प्रतिबिंब की स्थिति (
): प्रतिबिंब लेंस के सामने (वस्तु की ओर)
cm की दूरी पर बनेगा। - प्रतिबिं ब की प्रकृति: प्रतिबिंब आभासी, सीधा और वस्तु से छोटा होगा।
- प्रतिबिंब का आकार (
): प्रतिबिंब की ऊँचाई
cm होगी।
- प्रश्न: (a) आकाश नीला क्यों दिखाई देता है? (b) सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य लाल (रक्ताभ) क्यों दिखाई देता है?
- उत्तर: दोनों घटनाएँ वायुमंडलीय अपवर्तन और प्रकाश के प्रकीर्णन (Scattering) के कारण होती हैं। (a) नीला आकाश: वायुमंडल में अणु (जैसे
,
) बहुत छोटे होते हैं और छोटी तरंग दैर्ध्य (नीले और बैंगनी) के प्रकाश को अधिक प्रभावी ढंग से प्रकीर्णित करते हैं। हमारी आँखें नीले रंग के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। यह प्रकीर्णित नीला प्रकाश हमारी आँखों में प्रवेश करता है, जिससे आकाश नीला दिखाई देता है। (b) लाल सूर्य: सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सूर्य क्षितिज के पास होता है। सूर्य के प्रकाश को वायुमंडल की एक मोटी परत से होकर गुजरना पड़ता है। अधिकांश छोटी तरंग दैर्ध्य (नीला प्रकाश) कणों द्वारा दूर प्रकीर्णित हो जाती हैं। केवल लंबी तरंग दैर्ध्य (लाल और नारंगी) ही हमारी आँखों तक पहुँचती हैं, जिससे सूर्य लाल दिखाई देता है।
- उत्तर: दोनों घटनाएँ वायुमंडलीय अपवर्तन और प्रकाश के प्रकीर्णन (Scattering) के कारण होती हैं। (a) नीला आकाश: वायुमंडल में अणु (जैसे
अध्याय 12: विद्युत (Electricity)
महत्वपूर्ण तथ्य (संक्षिप्त सारांश):
- विद्युत धारा (I): विद्युत आवेश (Q) के प्रवाह की दर।
। मात्रक: एम्पीयर (A)। एमीटर (श्रेणीक्रम में जुड़ा) द्वारा मापा जाता है।![Rendered by QuickLaTeX.com \[I = \frac{Q}{t}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-060fb662a12108fbbf0c49aa3d6e539a_l3.png)
- विभवांतर (V): एक आवेश (Q) को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक ले जाने में किया गया कार्य (W)।
। मात्रक: वोल्ट (V)। वोल्टमीटर (समानांतर क्रम में जुड़ा) द्वारा मापा जाता है।![Rendered by QuickLaTeX.com \[V = \frac{W}{Q}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-1dbc7b4785e671fbd27040a446fdb955_l3.png)
- ओम का नियम (Ohm’s Law): स्थिर ताप पर, किसी चालक से बहने वाली धारा (I), उसके सिरों के बीच विभवांतर (V) के अनुक्रमानुपाती होती है।
,
, 
- प्रतिरोध (R): किसी चालक का वह गुण जो धारा के प्रवाह का विरोध करता है। मात्रक: ओम (
)। - प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक:
(लंबाई),
(क्षेत्रफल)।
(जहाँ![Rendered by QuickLaTeX.com \[R = \rho \frac{L}{A}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-dd8afb8cd99daa4f6343a3149352c17c_l3.png)
प्रतिरोधकता (Resistivity) है, जो पदार्थ का गुण है)।
- श्रेणीक्रम में प्रतिरोध (Series):
![Rendered by QuickLaTeX.com \[R_s = R_1 + R_2 + R_3\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-52972d680f383bff9a5fcb31cedc2b5f_l3.png)
- सभी प्रतिरोधों में धारा (I) समान होती है।
- वोल्टेज (V) विभाजित हो जाता है (
)।
- समानांतर क्रम में प्रतिरोध (Parallel):
![Rendered by QuickLaTeX.com \[\frac{1}{R_p} = \frac{1}{R_1} + \frac{1}{R_2} + \frac{1}{R_3}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-8b62b3a0f5d8c44fe9ea536d67f56459_l3.png)
- सभी प्रतिरोधों में वोल्टेज (V) समान होता है।
- धारा (I) विभाजित हो जाती है (
)।
- जूल का तापन नियम (Heating Law): एक प्रतिरोधक में उत्पन्न ऊष्मा
होती है।![Rendered by QuickLaTeX.com \[H = I^2Rt\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-5612f2a87a6e0d8ae90254ad5515593f_l3.png)
- विद्युत शक्ति (P):
। मात्रक: वाट (W)।![Rendered by QuickLaTeX.com \[P = VI = I^2R = \frac{V^2}{R}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-320391ec884414ab17a596e813a86d95_l3.png)
- ऊर्जा का व्यावसायिक मात्रक: किलोवाट-घंटा (kWh)।
।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
- प्रश्न: विद्युत धारा का S.I. मात्रक क्या है?
- उत्तर: एम्पीयर (A).
- प्रश्न: (MCQ) एक एमीटर (Ammeter) हमेशा जुड़ा होता है: (a) समानांतर क्रम में (b) श्रेणीक्रम में (c) दोनों में (d) कोई नहीं
- उत्तर: (b) श्रेणीक्रम में (In Series)।
- प्रश्न: (रिक्त स्थान) प्रतिरोध का S.I. मात्रक ______ है।
- उत्तर: ओम (
)।
- उत्तर: ओम (
- प्रश्न: (सत्य/असत्य) समानांतर संयोजन में, सभी प्रतिरोधों में धारा समान होती है।
- उत्तर: असत्य (वोल्टेज समान होता है)।
- प्रश्न: ओम के नियम को परिभाषित कीजिए।
- उत्तर: स्थिर ताप पर, किसी चालक से बहने वाली धारा (I), उसके सिरों के बीच विभवांतर (V) के अनुक्रमानुपाती होती है (
)।
- उत्तर: स्थिर ताप पर, किसी चालक से बहने वाली धारा (I), उसके सिरों के बीच विभवांतर (V) के अनुक्रमानुपाती होती है (
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
- प्रश्न: एमीटर और वोल्टमीटर में क्या अंतर है?
- उत्तर:
- एमीटर: विद्युत धारा (I) को मापता है। यह श्रेणीक्रम में जुड़ा होता है और इसका प्रतिरोध बहुत कम होता है।
- वोल्टमीटर: विभवांतर (V) को मापता है। यह समानांतर क्रम में जुड़ा होता है और इसका प्रतिरोध बहुत अधिक होता है।
- उत्तर:
- प्रश्न: एक बल्ब पर 220 V और 100 W अंकित है। इसका प्रतिरोध क्या है?
- उत्तर: हमारे पास
W,
V है। - हम सूत्र
का उपयोग करते हैं। ![Rendered by QuickLaTeX.com \[R = \frac{V^2}{P} = \frac{220 \times 220}{100} = 22 \times 22 = 484\ \Omega\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-b0dd013caf59567cfbfd1d4cfdde6c81_l3.png)
- उत्तर: हमारे पास
- प्रश्न: उन कारकों की सूची बनाइए जिन पर किसी चालक का प्रतिरोध निर्भर करता है।
- उत्तर: (i) चालक की लंबाई (
)। (ii) अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल (
)। (iii) पदार्थ की प्रकृति (प्रतिरोधकता
)। (iv) तापमान।
- उत्तर: (i) चालक की लंबाई (
- प्रश्न: जूल का तापन नियम क्या है? इसका सूत्र लिखिए।
- उत्तर: यह बताता है कि एक प्रतिरोधक में उत्पन्न ऊष्मा (H): (i) धारा के वर्ग (
) के अनुक्रमानुपाती होती है, (ii) प्रतिरोध (R) के अनुक्रमानुपाती होती है, और (iii) उस समय (t) के अनुक्रमानुपाती होती है जिसके लिए धारा बहती है। - सूत्र:

- उत्तर: यह बताता है कि एक प्रतिरोधक में उत्पन्न ऊष्मा (H): (i) धारा के वर्ग (
- प्रश्न: मिश्रधातुओं (जैसे नाइक्रोम) का उपयोग आमतौर पर विद्युत तापन युक्तियों (जैसे टोस्टर, आयरन) में क्यों किया जाता है?
- उत्तर: (i) मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता उनकी घटक धातुओं की तुलना में बहुत अधिक होती है, इसलिए वे अधिक ऊष्मा उत्पन्न करते हैं। (ii) मिश्रधातुएँ उच्च तापमान पर आसानी से ऑक्सीकृत (जलती) नहीं होती हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (3/4 अंक)
- प्रश्न: (a) विद्युत उपकरणों को श्रेणीक्रम में जोड़ने का क्या नुकसान है? (b) घरेलू विद्युत परिपथ समानांतर क्रम में क्यों जोड़े जाते हैं?
- उत्तर: (a) श्रेणीक्रम के नुकसान: (i) यदि एक उपकरण विफल हो जाता है (जैसे बल्ब फ्यूज हो जाता है), तो परिपथ टूट जाता है और अन्य सभी उपकरण काम करना बंद कर देते हैं। (ii) सभी उपकरणों को समान धारा मिलती है और वोल्टेज विभाजित हो जाता है, इसलिए वे अपनी निर्धारित वोल्टेज पर काम नहीं कर पाते (जैसे बल्ब धीमा जलेंगे)। (b) समानांतर क्रम के लाभ: (i) सभी उपकरणों को पूर्ण आपूर्ति वोल्टेज (जैसे 220V) मिलता है और वे सही ढंग से काम करते हैं। (ii) यदि एक उपकरण विफल हो जाता है, तो अन्य काम करते रहते हैं। (iii) हम प्रत्येक उपकरण के लिए अलग-अलग स्विच का उपयोग कर सकते हैं।
- प्रश्न:
,
, और
के तीन प्रतिरोधकों को 6 V की बैटरी से समानांतर क्रम में जोड़ा गया है। गणना कीजिए: (a) परिपथ का कुल प्रतिरोध। (b) परिपथ में बहने वाली कुल धारा। (c) प्रत्येक प्रतिरोधक से बहने वाली धारा।
- उत्तर:
V (a) कुल प्रतिरोध (
):![Rendered by QuickLaTeX.com \[\frac{1}{R_p} = \frac{1}{5} + \frac{1}{10} + \frac{1}{30} = \frac{6 + 3 + 1}{30} = \frac{10}{30} = \frac{1}{3}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-86f303eaa42441849fae4452ef05a9c5_l3.png)
(b) कुल धारा (I):
(c) प्रत्येक में धारा: (सभी के लिए वोल्टेज 6V है)
(जाँच:
, जो कुल धारा है)
- उत्तर:
- प्रश्न: ओम के नियम का उल्लेख कीजिए। एक ओमीय चालक के लिए V-I ग्राफ खींचिए। एक इलेक्ट्रिक हीटर 220 V स्रोत से 4 A की धारा लेता है। यदि वोल्टेज को 240 V तक बढ़ा दिया जाए तो हीटर कितनी धारा खींचेगा?
- उत्तर: ओम का नियम: (देखें अति लघु उत्तर)।
- ग्राफ: V को Y-अक्ष पर और I को X-अक्ष पर दिखाते हुए एक ग्राफ बनाएँ। मूल (origin) से गुजरती हुई एक सीधी रेखा खींचें।
- आंकिक प्रश्न:
- पहले, हीटर का (स्थिर) प्रतिरोध (R) ज्ञात कीजिए।
V,
A
- अब, नए वोल्टेज (
) पर नई धारा (
) ज्ञात कीजिए।
V, 

- प्रश्न: प्रतिरोधकता (
) क्या है? L लंबाई और A क्षेत्रफल वाले तार का प्रतिरोध R है। इसका प्रतिरोध क्या होगा यदि: (a) इसे खींचकर इसकी लंबाई दोगुनी कर दी जाए? (b) इसे दो बराबर हिस्सों में काट दिया जाए?
- उत्तर: प्रतिरोधकता (
): यह इकाई लंबाई (1m) और इकाई अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल (1
) वाले चालक का प्रतिरोध है। यह पदार्थ का एक विशिष्ट गुण है। - (a) जब खींचा जाता है, तो
हो जाता है। आयतन स्थिर रहता है, इसलिए
हो जाता है। नया प्रतिरोध
। प्रतिरोध 4 गुना हो जाएगा।![Rendered by QuickLaTeX.com \[R' = \rho \frac{(2L)}{(A/2)} = 4 \rho \frac{L}{A} = 4R\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-1fc2246c176b90d8b2263b32d4542a6a_l3.png)
- (b) जब काटा जाता है, तो
हो जाता है और
वही रहता है। नया प्रतिरोध
। प्रतिरोध आधा हो जाएगा।![Rendered by QuickLaTeX.com \[R' = \rho \frac{(L/2)}{A} = \frac{1}{2} \rho \frac{L}{A} = \frac{R}{2}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-01713519fb02ebf897660abab12c5d25_l3.png)
- उत्तर: प्रतिरोधकता (
- प्रश्न: एक विद्युत आयरन अधिकतम तापन पर 840 W की दर से और न्यूनतम तापन पर 360 W की दर से ऊर्जा की खपत करती है। वोल्टेज 220 V है। प्रत्येक मामले में धारा और प्रतिरोध क्या हैं?
- उत्तर: केस 1 (अधिकतम तापन):
W,
V धारा
प्रतिरोध
(या
) केस 2 (न्यूनतम तापन):
W,
V धारा
प्रतिरोध
(या
)
- उत्तर: केस 1 (अधिकतम तापन):
खंड 4: पर्यावरण (ENVIRONMENT)
अध्याय 15: हमारा पर्यावरण
महत्वपूर्ण तथ्य (संक्षिप्त सारांश):
- पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem): एक क्षेत्र के सभी सजीव (जैविक) और निर्जीव (अजैविक) घटक जो एक दूसरे के साथ परस्पर क्रिया करते हैं।
- जैविक (Biotic): उत्पादक (पौधे), उपभोक्ता (जंतु), अपघटक (बैक्टीरिया, कवक)।
- अजैविक (Abiotic): हवा, पानी, मिट्टी, सूर्य का प्रकाश, तापमान।
- आहार श्रृंखला (Food Chain): ‘कौन किसको खाता है’ का एक रैखिक क्रम (जैसे,
घास \rightarrow हिरण \rightarrow शेर)। - आहार जाल (Food Web): परस्पर जुड़ी आहार श्रृंखलाओं का एक नेटवर्क।
- पोषी स्तर (Trophic Levels): आहार श्रृंखला के चरण (उत्पादक
प्राथमिक उपभोक्ता
द्वितीयक उपभोक्ता
तृतीयक उपभोक्ता)। - 10% नियम (10% Law): एक पोषी स्तर से अगले पोषी स्तर तक केवल 10% ऊर्जा ही स्थानांतरित होती है। शेष 90% ऊष्मा के रूप में, श्वसन आदि में खो जाती है।
- जैव आवर्धन (Biological Magnification): क्रमिक पोषी स्तरों पर हानिकारक, अजैव निम्नीकरणीय रसायनों (जैसे कीटनाशकों) की सांद्रता में वृद्धि।
- ओजोन परत (
): समताप मंडल (stratosphere) में पाई जाती है। सूर्य से आने वाली हानिकारक UV विकिरण से हमारी रक्षा करती है। - ओजोन क्षरण (Ozone Depletion): मुख्य रूप से रेफ्रिजरेटर और एसी में उपयोग होने वाले CFCs (क्लोरोफ्लोरोकार्बन) द्वारा ओजोन परत का पतला होना।
- अपशिष्ट (Waste):
- जैव निम्नीकरJकरणीय (Biodegradable): अपघटकों द्वारा तोड़ा जा सकता है (जैसे- सब्जी के छिलके, कागज)।
- अजैव निम्नीकरणीय (Non-Biodegradable): तोड़ा नहीं जा सकता (जैसे- प्लास्टिक, कांच)।
अति लघु उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
- प्रश्न: कौन सी गैस पृथ्वी को हानिकारक UV विकिरण से बचाती है?
- उत्तर: ओजोन (
)।
- उत्तर: ओजोन (
- प्रश्न: (MCQ) एक आहार श्रृंखला में, तीसरा पोषी स्तर हमेशा किसके द्वारा अधिकृत किया जाता है: (a) उत्पादक (b) शाकाहारी (c) मांसाहारी (d) अपघटक
- उत्तर: (c) मांसाहारी (प्राथमिक उपभोक्ता दूसरे स्तर पर शाकाहारी होते हैं)।
- प्रश्न: (रिक्त स्थान) एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह हमेशा ______ होता है।
- उत्तर: एकदिशीय (Unidirectional)।
- प्रश्न: (सत्य/असत्य) प्लास्टिक और कांच जैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट के उदाहरण हैं।
- उत्तर: असत्य।
- प्रश्न: जो जीव अपना भोजन स्वयं बनाते हैं उन्हें क्या कहते हैं?
- उत्तर: उत्पादक (Producers) (या स्वपोषी)।
लघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
- प्रश्न: पारिस्थितिक तंत्र (ecosystem) क्या है? इसके दो मुख्य घटकों के नाम बताइए।
- उत्तर: पारिस्थितिक तंत्र एक स्व-निहित तंत्र है जहाँ सभी सजीव जीव अपने पर्यावरण के निर्जीव घटकों के साथ और एक दूसरे के साथ परस्पर क्रिया करते हैं।
- इसके दो मुख्य घटक हैं (1) जैविक घटक (सजीव) और (2) अजैविक घटक (निर्जीव)।
- प्रश्न: 10% नियम क्या है?
- उत्तर: 10% नियम (लिंडमैन द्वारा दिया गया) यह बताता है कि एक पोषी स्तर से अगले पोषी स्तर तक ऊर्जा के स्थानांतरण के दौरान, केवल लगभग 10% ऊर्जा ही अगले स्तर के जीवों के ऊतकों में संग्रहीत होती है। शेष 90% उपापचयी प्रक्रियाओं के दौरान ऊष्मा के रूप में या जीवन गतिविधियों में खो जाती है।
- प्रश्न: जैव आवर्धन (biological magnification) क्या है?
- उत्तर: यह एक आहार श्रृंखला के क्रमिक रूप से उच्च पोषी स्तरों पर जीवों के शरीर में कुछ हानिकारक, अजैव निम्नीकरणीय रसायनों (जैसे कीटनाशकों, डीडीटी) की सांद्रता में वृद्धि की घटना है।
- प्रश्न: एक पारिस्थितिक तंत्र में अपघटकों (decomposers) की क्या भूमिका है?
- उत्तर: (i) अपघटक (जैसे बैक्टीरिया और कवक) जटिल कार्बनिक अपशिष्ट (मृत पौधों और जानवरों) को सरल अकार्बनिक पदार्थों में तोड़ देते हैं। (ii) वे मिट्टी में पोषक तत्वों (जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस) की पुनःपूर्ति करने में मदद करते हैं, जिससे वे उत्पादकों (पौधों) के लिए फिर से उपलब्ध हो जाते हैं।
- प्रश्न: जैव निम्नीकरणीय और अजैव निम्नीकरणीय अपशिष्ट क्या हैं? प्रत्येक का एक उदाहरण दीजिए।
- उत्तर: जैव निम्नीकरणीय: वे अपशिष्ट जिन्हें सूक्ष्मजीवों की क्रिया द्वारा अ-विषैले पदार्थों में तोड़ा जा सकता है (जैसे- सब्जी के छिलके, कागज, कपास)।
- अजैव निम्नीकरणीय: वे अपशिष्ट जिन्हें सूक्ष्मजीवों द्वारा तोड़ा नहीं जा सकता (जैसे- प्लास्टिक, कांच, पॉलीथीन बैग)।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (3/4 अंक)
- प्रश्न: आहार श्रृंखला क्या है? आहार जाल क्या है? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण दीजिए।
- उत्तर: एक आहार श्रृंखला (Food Chain) जीवों का एक रैखिक क्रम है जहाँ प्रत्येक जीव अगले जीव के लिए भोजन का काम करता है। यह ऊर्जा के एकदिशीय प्रवाह को दर्शाता है।
- उदाहरण:

- एक आहार जाल (Food Web) एक पारिस्थितिक तंत्र में मौजूद कई परस्पर जुड़ी आहार श्रृंखलाओं का एक नेटवर्क है। यह दर्शाता है कि एक जीव को कई अन्य जीवों द्वारा खाया जा सकता है, या वह कई अन्य जीवों को खा सकता है।
- प्रश्न: ओजोन क्या है? यह कैसे बनती है, और यह कैसे क्षीण (depleted) हो रही है?
- उत्तर: ओजोन (
) ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं वाला एक अणु है। - निर्माण: यह समताप मंडल में उच्च स्तर पर बनती है जब सूर्य से उच्च-ऊर्जा UV विकिरण कुछ आणविक ऑक्सीजन (
) को मुक्त ऑक्सीजन परमाणुओं (O) में विभाजित कर देता है। ये मुक्त परमाणु (O) फिर आणविक ऑक्सीजन (
) के साथ मिलकर ओजोन (
) बनाते हैं।
![Rendered by QuickLaTeX.com \[\text{O}_2 \xrightarrow{\text{UV}} \text{O} + \text{O}\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-7defed18fa446b396f80a3cd3cf81ff4_l3.png)
![Rendered by QuickLaTeX.com \[\text{O} + \text{O}_2 \rightarrow \text{O}_3\]](https://mpeducator.co.in/wp-content/ql-cache/quicklatex.com-cfe52acdb0d198608b503e33908129dc_l3.png)
- क्षरण (Depletion): यह मानव निर्मित रसायनों, मुख्य रूप से क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) द्वारा क्षीण हो रही है। CFC अणु से क्लोरीन परमाणु ओजोन को आणविक ऑक्सीजन में तोड़ देता है, जिससे ओजोन परत पतली हो जाती है (ओजोन छिद्र)।
- उत्तर: ओजोन (
- प्रश्न: एक पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय क्यों होता है? 10% नियम से समझाइए।
- उत्तर: ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय (one-way) होता है क्योंकि:
- ऊर्जा सूर्य से शुरू होती है और उत्पादकों (पौधों) द्वारा ग्रहण की जाती है।
- यह ऊर्जा फिर प्राथमिक उपभोक्ताओं (शाकाहारियों), फिर द्वितीयक उपभोक्ताओं (मांसाहारियों), और इसी तरह आगे बढ़ती है।
- ऊर्जा पीछे की ओर प्रवाहित नहीं हो सकती (जैसे, शाकाहारी से वापस पौधे तक, या मांसाहारी से वापस शाकाहारी तक)।
- 10% नियम के अनुसार, प्रत्येक चरण में, ऊर्जा की एक बड़ी मात्रा (90%) पर्यावरण में ऊष्मा के रूप में खो जाती है। केवल 10% ही अगले स्तर पर स्थानांतरित होती है। यह खोई हुई ऊष्मा पिछले पोषी स्तर द्वारा पुनः प्राप्त नहीं की जा सकती।
- उत्तर: ऊर्जा का प्रवाह एकदिशीय (one-way) होता है क्योंकि:
- प्रश्न: पोषी स्तर (trophic levels) क्या हैं? यदि उत्पादकों के पास 10,000 J ऊर्जा उपलब्ध है, तो द्वितीयक उपभोक्ताओं के पास कितनी ऊर्जा उपलब्ध होगी?
- उत्तर: पोषी स्तर आहार श्रृंखला के वे विभिन्न चरण हैं जिन पर ऊर्जा का स्थानांतरण होता है।
पोषी स्तर: उत्पादक (पौधे)
पोषी स्तर: प्राथमिक उपभोक्ता (शाकाहारी)
पोषी स्तर: द्वितीयक उपभोक्ता (मांसाहारी)- गणना (10% नियम का उपयोग करके):
- उत्पादकों के पास ऊर्जा = 10,000 J
- प्राथमिक उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध ऊर्जा = 10,000 J का 10% = 1,000 J
- द्वितीयक उपभोक्ताओं के लिए उपलब्ध ऊर्जा = 1,000 J का 10% = 100 J
- प्रश्न: अपशिष्ट निपटान की समस्या को कम करने के लिए तीन उपाय सुझाइए।
- उत्तर:
- 3 R (कम करें, पुनः उपयोग करें, पुनर्चक्रण करें):
- कम करें (Reduce): उत्पन्न होने वाले कचरे की मात्रा कम करें (जैसे, कम पैकेजिंग का उपयोग करना, एकल-उपयोग वाली वस्तुओं से बचना)।
- पुनः उपयोग (Reuse): वस्तुओं का कई बार उपयोग करें (जैसे, प्लास्टिक के बजाय कपड़े के थैलों का उपयोग करना, बोतलों को फिर से भरना)।
- पुनर्चक्रण (Recycle): नए उत्पाद बनाने के लिए अपशिष्ट पदार्थों (जैसे कागज, कांच, प्लास्टिक) को संसाधित करना।
- कम्पोस्टिंग (Composting): जैव निम्नीकरणीय कचरे (जैसे रसोई के छिलके, पत्तियां) को लैंडफिल में फेंकने के बजाय पौधों के लिए पोषक तत्वों से भरपूर खाद (कम्पोस्ट) में परिवर्तित किया जा सकता है।
- पृथक्करण (Segregation): स्रोत पर (घर पर) जैव निम्नीकरणीय और अजैव निम्नीकरणीय कचरे को अलग करना। यह पुनर्चक्रण और कम्पोस्टिंग को अधिक प्रभावी बनाता है और लैंडफिल पर बोझ कम करता है।
- 3 R (कम करें, पुनः उपयोग करें, पुनर्चक्रण करें):
- उत्तर: