MP Board 10th Science Our Environment हमारा पर्यावरण (Our Environment) 🌍
MP Board 10th Science Our Environment : यह अध्याय हमें हमारे चारों ओर के वातावरण, इसके घटकों और मनुष्य की गतिविधियों के कारण इस पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताता है।
🧠 मुख्य अवधारणाएं और नोट्स
1. पारितंत्र (Ecosystem)
किसी क्षेत्र के सभी जीव (जैविक घटक) तथा वातावरण के निर्जीव कारक (अजैविक घटक) संयुक्त रूप से पारितंत्र का निर्माण करते हैं।
- उदाहरण: बगीचा, तालाब, जंगल, झील।
- पारितंत्र के घटक:
- अजैविक घटक (Abiotic Components): इसमें निर्जीव कारक शामिल होते हैं।
- जैसे: हवा, जल, भूमि, सूर्य का प्रकाश, तापमान, आर्द्रता।
- जैविक घटक (Biotic Components): इसमें सभी सजीव शामिल होते हैं।
- उत्पादक (Producers): वे जीव जो सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। जैसे: हरे पौधे और नील-हरित शैवाल।
- उपभोक्ता (Consumers): वे जीव जो भोजन के लिए उत्पादकों पर निर्भर रहते हैं।
- शाकाहारी: केवल पौधे खाते हैं (जैसे: हिरण, बकरी)।
- मांसाहारी: अन्य जंतुओं को खाते हैं (जैसे: शेर, बाघ)।
- सर्वाहारी: पौधे और जंतु दोनों को खाते हैं (जैसे: मनुष्य, कौआ)।
- अपघटक (Decomposers): वे सूक्ष्मजीव जो मृत जीवों और उनके अपशिष्टों को सरल पदार्थों में तोड़ देते हैं। जैसे: जीवाणु (Bacteria) और कवक (Fungi)। ये पर्यावरण को साफ रखने में मदद करते हैं।
- अजैविक घटक (Abiotic Components): इसमें निर्जीव कारक शामिल होते हैं।

2. आहार श्रृंखला (Food Chain)
यह जीवों की एक श्रृंखला है जिसमें एक जीव दूसरे जीव को खाकर ऊर्जा का स्थानांतरण करता है। इसमें ऊर्जा का प्रवाह एक ही दिशा (एकदिशीय) में होता है।
- उदाहरण: घास → हिरण → शेर
3. पोषी स्तर (Trophic Levels)
आहार श्रृंखला के प्रत्येक चरण या स्तर को पोषी स्तर कहते हैं।
- प्रथम पोषी स्तर: उत्पादक (हरे पौधे)
- द्वितीय पोषी स्तर: प्राथमिक उपभोक्ता (शाकाहारी)
- तृतीय पोषी स्तर: द्वितीयक उपभोक्ता (मांसाहारी)
- चतुर्थ पोषी स्तर: तृतीयक उपभोक्ता (बड़े मांसाहारी)
4. ऊर्जा का प्रवाह और 10 प्रतिशत नियम
- पारितंत्र में ऊर्जा का मुख्य स्रोत सूर्य है।
- जब ऊर्जा एक पोषी स्तर से दूसरे पोषी स्तर में जाती है, तो इसका एक बड़ा हिस्सा ऊष्मा के रूप में खो जाता है।
- 10 प्रतिशत नियम (10% Law): एक पोषी स्तर से दूसरे पोषी स्तर में केवल 10% ऊर्जा ही स्थानांतरित होती है। इसी कारण आहार श्रृंखला में सामान्यतः 3 से 4 चरण ही होते हैं।
5. आहार जाल (Food Web)
प्रकृति में अनेक आहार श्रृंखलाएँ आपस में जुड़ी होती हैं, जो एक जाल जैसी संरचना बनाती हैं, जिसे आहार जाल कहते हैं। यह पारितंत्र को स्थिरता प्रदान करता है।
6. जैव आवर्धन (Biological Magnification)
आहार श्रृंखला में हानिकारक रसायनों (जैसे कीटनाशक) की मात्रा का प्रत्येक अगले पोषी स्तर में बढ़ते जाना जैव आवर्धन कहलाता है। मनुष्य शीर्ष उपभोक्ता होने के कारण सबसे अधिक प्रभावित होता है।
7. ओजोन परत का अपक्षय (Ozone Layer Depletion)
- ओजोन (O3) ऑक्सीजन के तीन परमाणुओं से बना एक अणु है। यह वायुमंडल की ऊपरी परत में पाई जाती है और सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों से हमारी रक्षा करती है।
- क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) जैसे रसायनों के कारण ओजोन परत पतली हो रही है, जिसे ओजोन क्षरण कहते हैं।
- प्रभाव: त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद, पौधों को नुकसान।
8. कचरा प्रबंधन (Waste Management)
कचरा दो प्रकार का होता है:
- जैव निम्नीकरणीय (Biodegradable): वे पदार्थ जो सूक्ष्मजीवों द्वारा आसानी से अपघटित हो जाते हैं। जैसे: सब्जी के छिलके, कागज, सूती कपड़ा।
- अजैव निम्नीकरणीय (Non-biodegradable): वे पदार्थ जो सूक्ष्मजीवों द्वारा अपघटित नहीं होते और पर्यावरण में लंबे समय तक बने रहते हैं। जैसे: प्लास्टिक, पॉलीथीन, काँच।
कचरा निपटान की विधियाँ: कंपोस्टिंग, पुनर्चक्रण (Recycling), भस्मीकरण, भूमि भराव।
📜 महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: पारितंत्र क्या है? इसके जैविक और अजैविक घटकों के उदाहरण दीजिए। उत्तर: किसी क्षेत्र के सभी जीव और वातावरण के निर्जीव कारक मिलकर एक पारितंत्र बनाते हैं।
- जैविक घटक: पौधे, जानवर, मनुष्य, सूक्ष्मजीव।
- अजैविक घटक: हवा, पानी, मिट्टी, सूर्य का प्रकाश।
प्रश्न 2: आहार श्रृंखला और आहार जाल में क्या अंतर है? उत्तर: | आहार श्रृंखला (Food Chain) | आहार जाल (Food Web) | | :— | :— | | यह ऊर्जा प्रवाह का एक सीधा पथ है। | यह अनेक आहार श्रृंखलाओं का एक जटिल नेटवर्क है। | | इसमें जीवों की संख्या सीमित होती है। | इसमें जीवों की संख्या अधिक होती है। | | एक जीव के हटने से पूरी श्रृंखला नष्ट हो सकती है। | एक जीव के हटने से इस पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ता। |
प्रश्न 3: पोषी स्तर क्या हैं? एक आहार श्रृंखला का उदाहरण देकर विभिन्न पोषी स्तर बताइए। उत्तर: आहार श्रृंखला के प्रत्येक स्तर को पोषी स्तर कहते हैं। उदाहरण: घास → टिड्डा → मेंढक → साँप
- घास: प्रथम पोषी स्तर (उत्पादक)
- टिड्डा: द्वितीय पोषी स्तर (प्राथमिक उपभोक्ता)
- मेंढक: तृतीय पोषी स्तर (द्वितीयक उपभोक्ता)
- साँप: चतुर्थ पोषी स्तर (तृतीयक उपभोक्ता)
प्रश्न 4: ओजोन परत क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है? इसके क्षरण का मुख्य कारण क्या है? उत्तर: ओजोन (O3) वायुमंडल के ऊपरी भाग में एक परत है जो सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी (UV) किरणों को पृथ्वी पर आने से रोकती है। यह हमें त्वचा कैंसर जैसी बीमारियों से बचाती है। इसके क्षरण का मुख्य कारण क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) है, जो रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर में उपयोग होता था।
प्रश्न 5: जैव आवर्धन (Biological Magnification) से आप क्या समझते हैं? उत्तर: आहार श्रृंखला में हानिकारक और विषैले रसायनों की मात्रा का निचले पोषी स्तर से ऊपरी पोषी स्तर की ओर बढ़ते जाना जैव आवर्धन कहलाता है। चूँकि मनुष्य आहार श्रृंखला में शीर्ष पर होता है, इसलिए इन रसायनों की सर्वाधिक मात्रा मानव शरीर में जमा होती है।
प्रश्न 6: जैव निम्नीकरणीय और अजैव निम्नीकरणीय कचरे में अंतर स्पष्ट करें। उत्तर:
- जैव निम्नीकरणीय कचरा सूक्ष्मजीवों द्वारा आसानी से अपघटित हो जाता है (जैसे: फलों के छिलके, कागज)।
- अजैव निम्नीकरणीय कचरा सूक्ष्मजीवों द्वारा अपघटित नहीं होता और पर्यावरण को प्रदूषित करता है (जैसे: प्लास्टिक, काँच)।
प्रश्न 7: पर्यावरण को बचाने के लिए 3R का क्या अर्थ है? उत्तर: 3R का अर्थ है:
- Reduce (कम उपयोग): आवश्यकतानुसार ही वस्तुओं का उपयोग करना।
- Reuse (पुनः उपयोग): वस्तुओं को फेंकने के बजाय बार-बार उपयोग करना।
- Recycle (पुनर्चक्रण): प्लास्टिक, कागज, काँच जैसी वस्तुओं को पिघलाकर नई वस्तुएँ बनाना।