MP Board 12th Hindi Aaroh 2 Kavya Khand Question Bank:
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (1 अंक))
सही विकल्प चुनकर लिखिए :-
- ‘हालावाद’ के प्रवर्तक कवि हैं-
(अ) जयशंकर प्रसाद
(ब) अज्ञेय
(स) हरिवंश राय बच्चन
(द) महादेवी वर्मा
o उत्तर: (स) हरिवंश राय बच्चन - ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ – गीत बच्चन के किस काव्य संग्रह से लिया गया है?
(अ) मधुशाला
(ब) मिलनयामिनी
(स) निशा निमंत्रण
(द) मधुकलश
o उत्तर: (स) निशा निमंत्रण - हरिवंश राय बच्चन का जन्म कब हुआ था?
(अ) 1905 ई०
(ब) 1907 ई०
(स) 1909 ई०
(द) 1911 ई०
o उत्तर: (स) 1909 ई० - हरिवंश राय बच्चन का जन्म कहाँ हुआ था?
(अ) फैजाबाद
(ब) इलाहाबाद
(स) हैदराबाद
(द) मुरादाबाद
o उत्तर: (ब) इलाहाबाद - ‘आत्मपरिचय’ कविता में कवि किसका भार लिए फिरता है?
(अ) कार्यालय का
(ब) परिश्रम का
(स) जग-जीवन का
(द) असफलता का
o उत्तर: (स) जग-जीवन का - ‘आत्मपरिचय’ कविता में कवि जीवन में क्या लिए फिरता है?
(अ) स्नेह
(ब) करुणा
(स) प्यार
(द) दया
o उत्तर: (अ) स्नेह - ‘आत्मपरिचय’ कविता में बच्चन किसका पान करते हैं?
(अ) जल का
(ब) स्नेह-सुरा का
(स) साँसों का
(द) सत्य का
o उत्तर: (ब) स्नेह-सुरा का - ‘आत्मपरिचय’ कविता में कवि अपने रोदन में क्या लिए फिरता है?
(अ) राग
(ब) रास
(स) राज
(द) राम
o उत्तर: (अ) राग - ‘आत्मपरिचय’ कविता में कविवर दुनियां को एक नया क्या मानता है?
(अ) प्रेमी
(ब) दीवाना
(स) परवाना
(द) रक्षक
o उत्तर: (ब) दीवाना - ‘आत्मपरिचय’ कविता में कवि कैसा संसार लिए फिरता है?
(अ) यथार्थ का
(ब) आदर्श का
(स) स्वप्रीका
(द) सत्य का
o उत्तर: (ब) आदर्श का - ‘हो न जाए पथ में रात कहीं’ सोच-सोच कर जल्दी-जल्दी कौन चलता है?
(अ) कुत्ता
(ब) पंथी
(स) कवि
(द) बाज
o उत्तर: (ब) पंथी - किसका ध्यान करके चिड़ियों के परों में चंचलता आ जाती है?
(अ) बाज का
(ब) साँप का
(स) कौवे का
(द) अपने बच्चों का
o उत्तर: (द) अपने बच्चों का - बच्चों की याद आने पर चिड़ियाँ क्या करती हैं?
(अ) रोती हैं
(ब) सोती हैं
(स) तेज़ी से उड़ती हैं
(द) इनमें से कोई नहीं
o उत्तर: (स) तेज़ी से उड़ती हैं - ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ कविता में कवि हताश व दुःखी क्यों है?
(अ) आर्थिक हानि के कारण
(ब) अपराध के कारण
(स) परिवार से बिछुड़ने के कारण
(द) इनमें से कोई नहीं
o उत्तर: (स) परिवार से बिछुड़ने के कारण - कवि आलोक धन्वा किस दशक के कवि हैं?
(अ) तीसरे-चौथे दशक के
(ब) चौथे-पांचवें दशक के
(स) छठे-सातवें दशक के
(द) सातवें-आठवें दशक के
o उत्तर: (ब) चौथे-पांचवें दशक के - कवि आलोक धन्वा की पहली कविता है-
(अ) भागी हुई लड़कियाँ
(ब) जनता का आदमी
(स) भूखों की बेटियाँ
(द) इनमें से कोई नहीं
o उत्तर: (अ) भागी हुई लड़कियाँ - कवि आलोक धन्वा का एकमात्र कविता संग्रह है-
(अ) भागी हुई लड़कियाँ
(ब) जनता का आदमी
(स) भूखों की बेटियाँ
(द) दुनिया रोज बनती है
o उत्तर: (ब) जनता का आदमी - छत से गिरने और बचने के बाद बच्चे बन जाते हैं –
(अ) डरपोक
(ब) निडर
(स) ईमानदार
(द) क्रोधी
o उत्तर: (ब) निडर - पतंग कविता किसके लिए प्रसिद्ध है?
(अ) प्रतीकों के लिए
(ब) चित्र विधान के लिए
(स) बिम्ब विधान के लिए
(द) व्यंग्यार्थ के लिए
o उत्तर: (ब) चित्र विधान के लिए - पतंग उड़ाते बच्चे किसके सहारे स्वयं भी उड़ते से हैं?
(अ) फेफड़ों के
(ब) रंध्रों के
(स) साहस के
(द) शक्ति
o उत्तर: (स) साहस के - ‘सुनहले सूरज’ में कौन-सा अलंकार है?
(अ) उपमा
(ब) रूपक
(स) अनुप्रास
(द) श्लेष
o उत्तर: (अ) उपमा - ‘खरगोश की आँखों जैसा लाल’ में कौन-सा अलंकार है?
(अ) अनुप्रास
(ब) उपमा
(स) रूपक
(द) उत्प्रेक्षा
o उत्तर: (ब) उपमा - सबसे तेज बौछारों का माह होता है-
(अ) आषाढ़
(ब) श्रावण
(स) भाद्रों
(द) कार्तिक
o उत्तर: (स) भाद्रों - सबरे की तुलना की गई है-
(अ) खरगोश की आँख से
(ब) भोर की आँख से
(स) बिल्ली की आँख से
(द) कुत्ते की आँख से
o उत्तर: (ब) भोर की आँख से - शरद क्या चलाता हुआ आया?
(अ) हाथ
(ब) पैर
(स) जीभ
(द) साइकिल
o उत्तर: (स) जीभ - चिड़िया अपने पंखों के सहारे उड़ती है और कविता किसके सहारे उड़ती है?
(अ) शब्द के
(ब) कल्पना के
(स) हवा के
(द) पंख के
o उत्तर: (अ) शब्द के - कविता के पंख लगा उड़ने से क्या तात्पर्य है?
(अ) उड़ना
(ब) कल्पना करना
(स) चलना
(द) हँसना
o उत्तर: (ब) कल्पना करना - ‘कविता बिना मुरझाए सदियों तक महकती रहती है’- इसका आशय क्या है?
(अ) कविता कालजयी है
(ब) कविता का प्रभाव सदियों तक बना रहता है।
(स) कविता का सौंदर्य कभी समाप्त नहीं होता।
(द) उपर्युक्त सभी
o उत्तर: (द) उपर्युक्त सभी - ‘कविता के बहाने’ कविता में किनके साथ समानता व असमानता दर्शाई गई है?
(अ) बच्चे और फूल
(ब) बच्चे, फूल और चिड़िया
(स) फूल और चिड़िया
(द) चिड़िया और बच्चे
o उत्तर: (ब) बच्चे, फूल और चिड़िया - किसकी चूड़ी मर गई?
(अ) पेंच की
(ब) कील की
(स) भाषा की
(द) बात की
o उत्तर: (अ) पेंच की - रघुवीर सहाय की कविता ‘कैमरे में बंद अपाहिज’, उनके किस काव्य संग्रह से ली गई है?
(अ) सीढ़ियों पर धूप में
(ब) आत्महत्या के विरुद्ध
(स) हँसो-हँसो जल्दी हँसो
(द) लोग भूल गए हैं
o उत्तर: (द) लोग भूल गए हैं - कैमरे के सामने लाया जाता है-
(अ) एक भिखारी को
(ब) एक नेता को
(स) एक अपाहिज को
(द) एक किसान को
o उत्तर: (स) एक अपाहिज को - ‘हम समर्थ शक्तिवान हैं’, यह कहेंगे-
(अ) दूरदर्शन पर
(ब) रेडियो पर
(स) मंच पर
(द) सभा में
o उत्तर: (स) मंच पर - कवि के अनुसार प्रातः कालीन आकाश किसके जैसा लग रहा था?
(अ) काले बादलों जैसा
(ब) नीले शंख जैसा
(स) घोड़े जैसा
(द) इनमें से कोई नहीं
o उत्तर: (ब) नीले शंख जैसा - उषा का जादू कब समाप्त होता है?
(अ) सूर्योदय होने पर
(ब) बादल छा जाने पर
(स) हवा चलने पर
(द) बारिश होने पर
o उत्तर: (अ) सूर्योदय होने पर - कवि ने नीले जल में झिलमिलाती देह की तुलना किससे की है?
(अ) कविता
(ब) भोर के नभ से
(स) बादलों से
(द) वर्षा से
o उत्तर: (ब) भोर के नभ से - शंख का रंग होता है-
(अ) नीला
(ब) सफेद
(स) पीला
(द) काला
o उत्तर: (द) काला - ‘चौका’ लीपा जाता है-
(अ) मिट्टी से
(ब) रंग से
(स) राख से
(द) चूने से
o उत्तर: (अ) मिट्टी से - कवि निराला की कविता ‘बादल राग’, उनके किस संग्रह से संकलित है?
(अ) परिमल
(ब) गीतिका
(स) बेला
(द) अनामिका
o उत्तर: (अ) परिमल - ‘बादल राग’ कविता में कुल खण्ड हैं-
(अ) चार
(ब) छः
(स) आठ
(द) दस
o उत्तर: (द) दस - ‘बादल राग’ कविता में ‘गगन स्पर्श धीर समीर’ कहा गया है-
(अ) आकाश को
(ब) बादलों को
(स) दरिद्रों को
(द) गरीबों को
o उत्तर: (ब) बादलों को - संसार के सभी लोग मुख्य रूप से किससे काम करते हैं?
(अ) मनोरंजन के लिए
(ब) पेट भरने के लिए
(स) धन संग्रह के लिए
(द) दान के लिए
o उत्तर: (ब) पेट भरने के लिए - तुलसीदास के अनुसार पेट की आग को कौन बुझा सकता है?
(अ) बनिया
(ब) किसान
(स) मजदूर
(द) राम
o उत्तर: (द) राम - तुलसीदास के अनुसार समाज में सभी को किसका अभाव है?
(अ) मकान का
(ब) बच्चों का
(स) रुपए का
(द) आजीविका का
o उत्तर: (अ) मकान का - आंगन में गोद में माँ किसको खड़ी है?
(अ) फूल के को
(ब) पड़ोस के बच्चे को
(स) अपने बच्चे को
(द) पालतू कुत्ते को
o उत्तर: (स) अपने बच्चे को - घुटनों में लेकर बच्चे को क्या करती है?
(अ) नहलाती है
(ब) बाल में कंघी करती है
(स) कपड़े पहनाती है
(द) प्यार से देखती है
o उत्तर: (स) कपड़े पहनाती है - ‘छोटा मेरा खेत’ कविता का हिंदी में रूपान्तरण किसने किया है?
(अ) भोला भाई पटेल
(ब) उमाशंकर जोशी
(स) आलोक धन्वा
(द) केशूभाई पटेल
o उत्तर: (स) आलोक धन्वा - आकाश में कौन उड़े रहे हैं?
(अ) कौए
(ब) कबूतर
(स) बगुले
(द) गिद्ध
o उत्तर: (ब) कबूतर - किसके अंकुर फूटते हैं?
(अ) शब्द के
(ब) विचार के
(स) काव्य-कृति के
(द) कल्पना के
o उत्तर: (अ) शब्द के - समन्वयवादी कवि कहा जाता है-
(अ) सूरदास
(ब) तुलसीदास
(स) कबीरदास
(द) केशवदास
o उत्तर: (स) कबीरदास - फिराक गोरखपुरी का वास्तविक नाम है-
(अ) रघुनन्दन सहाय
(ब) शिवपूजन सहाय
(स) रघुपति सहाय
(द) रमापति सहाय
o उत्तर: (स) रघुपति सहाय - फिराक गोरखपुरी को किस कृति के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ है?
(अ) रंगे-शायरी
(ब) गुले-नग्मा
(स) बजमे जिंदगी
(द) उर्दू ग़ज़लगी
o उत्तर: (ब) गुले-नग्मा - ‘जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास’ में कपास शब्द से क्या अभिप्राय है?
(अ) चंचलता
(ब) कोमलता
(स) कायरता
(द) रुई
o उत्तर: (द) रुई - कवि कुँवर नारायण की कविता ‘बात सीधी थी पर’ उनके किस काव्य संग्रह से ली गई है?
(अ) कोई दूसरा नहीं
(ब) इन दिनों
(स) अपने सामने
(द) परिवेश: हम तुम
o उत्तर: (द) अपने सामने - रीतिकालिन कवि है-
(अ) दिनकर
(ब) पंत
(स) भूषण
(द) हरिऔध
o उत्तर: (स) भूषण - हिंदी पद्य साहित्य को बांटा गया है –
(अ) चार कालों में
(ब) पाँच कालों में
(स) तीन कालों में
(द) छह कालों में
o उत्तर: (अ) चार कालों में
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये :-
- मैं भव तरंगों पर मस्त बहा करता हूँ। (भाव/भय)
- मैं मादकता नि:शेष लिए फिरता हूँ। (निःशेष/विशेष)
- मैं बना-बना कितने जग रोज मिटाता हूँ, में यमक अलंकार है। (यमक/पुनरुक्ति प्रकाश)
- कवि बच्चन जग का ध्यान नहीं करते। (जग/पद)
- संसार कवि के रोने को गाना कहता है। (हँसने/रोने)
- दुनिया की सबसे रंगीन और हल्की चीज पतंग है। (स्वप्न/पतंग)
- पतंग की पतली कमानी बाँस की बनी होती है। (लोहे की/बाँस की)
- बच्चे छतों को नरम बनाते हुए दौड़ते हैं। (छतों को/सड़क को)
- कविता के पंख लगा उड़ने के माने चिड़िया क्या जाने। (चिड़िया/बच्चे)
- बिना मुरझाए महकने के माने फूल क्या जाने। (फूल/कविता)
- तुमने भाषा को सहूलियत से बरतना कभी नहीं सीखा। (भाषा/व्यवहार)
- आपको अपाहिज होकर कैसा लगता है? (अपाहिज/भिखारी)
- परदे पर दिखलाई जाएगी अपाहिज की रोता हुआ चेहरा की बड़ी तस्वीर। (रोता हुआ चेहरा/फूली हुई आँख)
- परदे पर वक्त की कीमत है। (वक्त/चित्र)
- प्रातः का नभ नीले शंख जैसा था। (शंख/मोती)
- लीपा हुआ चौका अभी गीला पड़ा है। (गीला/नीला)
- सिल पर लाल केसर पीसी गई थी। (मिर्च/केसर)
- ‘बादल राग’ कविता में सुखों को अस्थिर बताया गया है। (स्थिर/अस्थिर)
- क्रांति होने पर निम्न वर्ग को सदैव लाभ होता है। (क्रांति/सभा)
- क्रांति रुपी बादलों का आह्वान कृषक अधीरता के साथ करता है। (कृषक/धनीक)
- वेदों और पुराणों में कहा गया है कि संकट के समय प्रभुराम सभी पर कृपा करते हैं। (प्रभुराम/मजदूर)
- तुलसीदास ने मस्जिद में सोने की बात कही है। (मंदिर/मस्जिद)
- लक्ष्मण मेघनाद द्वारा छोड़ी शक्ति से मूर्छित हो गए थे। (मेघनाद/रावण)
- माँ बच्चे को हवा में लोका देती है। (लोका/लिटा)
- बच्चा चाँद को पाने की जिद कर रहा है। (चाँद/पतंग)
- कवि उमाशंकर जोशी ने कवि-कर्म को कृषि कर्म के समान बताया है। (पूजा कर्म/कृषि कर्म)
- खेत की तुलना कागज के भक्त से की गई है। (कागज के भक्त/पीपल के पत्ते)
- आकाश में हंस पंक्तिबद्ध होकर उड़ रहे हैं। (हंस/बगुले)
- भक्तिकाल की प्रेममार्गी शाखा के प्रमुख कवि जायसी हैं। (जायसी/कबीर)
- नागार्जुन आधुनिक काल के कवि हैं। (भक्तिकाल/आधुनिक काल)
सही जोड़ी बनाएँ
1. सही जोड़ी बनाएँ
अ (A) | ब (B) |
---|---|
मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ। | रूपक अलंकार |
शीतल वाणी में आग लिए फिरता हूँ। | विरोधाभास अलंकार |
जिसको सुनकर जग झूम झुके लहराए। | पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार |
दिन जल्दी-जल्दी ढलता है। | मानवीकरण अलंकार |
फूल हँसे, कलियाँ मुस्काईं | अनुप्रास अलंकार |
2. सही जोड़ी बनाएँ
अ (A) | ब (B) |
---|---|
आत्म परिचय | हरिवंश राय बच्चन |
पतंग | आलोक धन्वा |
कविता के बहाने | कुँवर नारायण |
कैमरे में बंद अपाहिज | रघुवीर सहाय |
श्रृंगार काल | रीतिकाल |
3. सही जोड़ी बनाएँ
अ (A) | ब (B) |
---|---|
बादल राग | सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला |
मधुशाला | हरिवंश राय बच्चन |
कवितावली | तुलसीदास |
4. सही जोड़ी बनाएँ
अ (A) | ब (B) |
---|---|
मस्ती का संदेश | हरिवंश राय बच्चन |
दिन का पंथी भी | जल्दी-जल्दी चलता है |
दिशाएँ | मृदंग |
कैमरे के सामने | अपाहिज |
कविता एक उड़ान है | चिड़िया के बहाने |
5. सही जोड़ी बनाएँ
अ (A) | ब (B) |
---|---|
गिरने से बचाता है | रोमांचित शरीर |
पेंच को खोलने के बजाए | बेहतरह कसना |
कविता एक खेल है | बच्चों के बहाने |
अपाहिज की बेबसी का चित्रण | दूरदर्शन पर |
भोर का नभ | राख से लीपा हुआ चौका |
6. सही जोड़ी बनाएँ
अ (A) | ब (B) |
---|---|
सिल का रंग | काला |
विप्लव-रव से | छोटे ही शोभा पाते हैं |
दसकंधर | रावण |
नीड़ | घोंसला |
बगुलों के पंख | उमाशंकर जोशी |
7. सही जोड़ी बनाएँ
अ (A) | ब (B) |
---|---|
जीर्ण-शीर्ण शरीर | अपयश की |
रोपाई क्षण की | कटाई अनंतता की |
झिलमिल देह | नील जल में |
राम को चिंता थी | बिजली की चमक |
राखी के लच्छे | कृषक |
8. सही जोड़ी बनाएँ
अ (A) | ब (B) |
---|---|
सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला | छायावाद |
हरिवंश राय बच्चन | हालावाद |
तुलसीदास | भक्तिकाल |
आलोक धन्वा | नई कविता |
सत्य / असत्य कथन
- हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा दो खंडो में है।
असत्य - हरिवंश राय बच्चन का निधन मुंबई में 2003 में हुआ।
असत्य - ‘प्रवासी की डायरी’ बच्चन की आत्मकथा है।
सत्य - ‘मधुशाला’ बच्चन की प्रसिद्ध कृति है।
सत्य - बच्चे प्रत्याशा में नीड़ों से झाँक रहे होंगे।
सत्य - कवि मंत्री का वेश लिए फिरते है।
असत्य - शरद ऋतु पुलों को पार करती हुई आई।
असत्य - बच्चे जन्म से ही अपने साथ कपास लेकर आते हैं।
सत्य - बच्चे दिशाओं को ढपली की तरह बजाते हैं।
सत्य - कविता एक खिलौना है बच्चों के बहाने।
असत्य - सीधी बात भाषा के चक्कर में टेढ़ी फँस गई।
सत्य - कवि ने हारकर बात को कील की तरह ठोक दिया।
सत्य - एक बंद कमरे में एक भिखारी को लाया जाएगा।
असत्य - कार्यक्रम को रोचक बनाने के लिए कैमरे के सामने अपाहिज को रोने के लिए विवश किया जाता है।
सत्य - रघुवीर सहाय दूसरे सप्तक के कवि हैं।
सत्य - कैमरे के सामने बैठे अपाहिज के साथ-साथ दर्शकों को भी रुलाने की कोशिश होती है।
सत्य - प्रातःकाल का आकाश नीले पानी जैसा था।
सत्य - चौके की राख से लीपा गया था।
सत्य - सूर्योदय होने पर उषा का जादू टूटता है।
सत्य - अस्थिर सुख पर सदैव दुःख की छाया छायी रहती है।
सत्य - शैशव का सुकुमार शरीर रोग-शोक में भी हँसता रहता है।
सत्य - दुःख रूपी रावण धनिकों को दबोचता है।
सत्य - पेट भरने के लिए लोग ऊँचे-नीचे और नैतिक-अनैतिक काम तक करने से नहीं हिचकते।
सत्य - लक्ष्मण जी के लिए संजीवनी बूटी लाने के लिए अंगद गए थे।
असत्य - तुलसीदास को ‘लोकनायक कवि’ कहा जाता है।
सत्य - दीवाली पर गुड़ के खिलौने खरीदे जाते हैं।
असत्य - बालक चाँद के लिए ललचा रहा है।
सत्य - कविता सृजन के लिए शब्द रूपी बीज को कल्पना की खाद की आवश्यकता होती है।
सत्य - बगुलों के पंख के लिए कविता में नभ में पतंगें छाई हुई हैं।
असत्य - आसमान में उड़ते बगुलों की पंक्ति कवि की आँखें चुराए लिए जा रही है।
सत्य - बच्चन प्रेम व मस्ती के कवि हैं।
सत्य - कुँवर नारायण प्रगतिवादी रचनाकार हैं।
असत्य - तुलसीदास भक्तिकालीन सगुणकाव्य धारा के कवि हैं।
सत्य - रामचरितमानस की रचना ब्रजभाषा में की गई है।
असत्य - जयशंकर प्रसाद छायावादी कवि हैं?
सत्य - लौकिक साहित्य आदिकाल की विशेष उपलब्धि है।
सत्य
एक वाक्य में उत्तर
- बच्चे किसकी प्रत्याशा में होंगे?
- बच्चे अपनी माँ की प्रत्याशा में होंगे।
- कवि किसका गान करता है?
- कवि जग-जीवन का गान करता है।
- ‘भव-सागर‘ में कौन सा अलंकार है?
- ‘भव-सागर’ में रूपक अलंकार है।
- कवि किसका उन्माद लिए फिरता है?
- कवि प्रेम का उन्माद लिए फिरता है।
- कपास कौन लाता है?
- बच्चे जन्म से ही अपने साथ कपास लेकर आते हैं।
- बच्चे निडरता के साथ किसके सामने आते हैं?
- बच्चे निडरता के साथ छतों के सामने आते हैं।
- पतंगों के साथ-साथ कौन उड़ रहा है?
- पतंगों के साथ-साथ बच्चे उड़ रहे हैं।
- कविता का खिलना कौन नहीं जानता?
- कविता का खिलना फूल नहीं जानता।
- कविता का उड़ना कौन नहीं जानता?
- कविता का उड़ना चिड़िया नहीं जानती।
- बात बाहर निकलने के बजाए कैसी हो गई?
- बात बाहर निकलने के बजाए पेचीदा हो गई।
- परदे पर किसकी कीमत है?
- परदे पर समय की कीमत है।
- अपाहिज क्या नहीं बता पाएगा?
- अपाहिज अपना दुःख नहीं बता पाएगा।
- दूरदर्शन वाले कैमरे के सामने बैठे अपाहिज से बार-बार प्रश्न क्यों पूछते हैं?
- वे अपाहिज से बार-बार प्रश्न इसलिए पूछते हैं ताकि वह रोने लगे और कार्यक्रम रोचक बन जाए।
- स्लेट पर क्या मलने की बात कही गई है?
- स्लेट पर लाल खड़िया चाक मलने की बात कही गई है।
- उषा का जादू कब टूटता है?
- सूर्योदय होने पर उषा का जादू टूटता है।
- कवि ने नील जल में झिलमिलाती देह की तुलना किससे की है?
- कवि ने नील जल में झिलमिलाती देह की तुलना भोर के नभ से की है।
- धनी वर्ग के लोग किसकी आशंका से भयभीत रहते हैं?
- धनी वर्ग के लोग क्रांति की आशंका से भयभीत रहते हैं।
- विप्लव का वीर किसे कहा गया है?
- विप्लव का वीर बादल को कहा गया है।
- जल सदैव किसमें से छलकता है?
- जल सदैव कमलिनी में से छलकता है।
- लोग पेट की आग बुझाने के लिए किन-किन तक को बेच देते हैं?
- लोग पेट की आग बुझाने के लिए अपने बेटे और बेटी तक को बेच देते हैं।
- तुलसीदास स्वयं को क्या कहलवाना पसंद करते हैं?
- तुलसीदास स्वयं को राम का गुलाम कहलवाना पसंद करते हैं।
- रावण ने किसके समक्ष हनुमान एवं अन्य वानर आदि की वीरता का वर्णन किया है?
- रावण ने लक्ष्मण के समक्ष हनुमान एवं अन्य वानर आदि की वीरता का वर्णन किया है।
- कवि ने दरिद्रता की तुलना किससे की है?
- कवि ने दरिद्रता की तुलना रावण से की है।
- निर्मल जल से नहाने के बाद माँ बच्चे का क्या करती है?
- निर्मल जल से नहाने के बाद माँ बच्चे को कपड़े पहनाती है।
- रक्षाबंधन की सुबह आसमान कैसा है?
- रक्षाबंधन की सुबह आसमान साफ़ और उज्ज्वल है।
- ‘छोटा मेरा खेत‘ कविता में कवि ने किस खेत की बात की है?
- ‘छोटा मेरा खेत’ कविता में कवि ने कागज के पन्ने रूपी खेत की बात की है।
- कवि ने अपने खेत में कौन-सा बीज बोया?
- कवि ने अपने खेत में शब्द रूपी बीज बोया।
- रघुवीर सहाय अज्ञेय द्वारा संपादित किस ‘सप्तक‘ के कवि हैं?
- रघुवीर सहाय अज्ञेय द्वारा संपादित दूसरे सप्तक के कवि हैं।
- ‘आत्मजयी‘ किसकी रचना है?
- ‘आत्मजयी’ कुँवर नारायण की रचना है।
- ‘राम की शक्तिपूजा‘ कविता के रचनाकार कौन हैं?
- ‘राम की शक्तिपूजा’ कविता के रचनाकार सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हैं।
- ‘बादल राग‘ कविता में ‘अट्टालिका‘ को क्या कहा गया है?
- ‘बादल राग’ कविता में ‘अट्टालिका’ को आतंक भवन कहा गया है।
- तुलसीदास कृत ‘कवितावली‘ किस भाषा में लिखी गई है?
- तुलसीदास कृत ‘कवितावली’ ब्रजभाषा में लिखी गई है।
- कुँवर नारायण की रचना ‘कविता के बहाने‘ उनके किस काव्य संग्रह से ली गई है?
- ‘कविता के बहाने’ ‘इन दिनों’ काव्य संग्रह से ली गई है।
- तुलसी अपने किस रूप पर गर्व करते हैं?
- तुलसी अपने राम-भक्त रूप पर गर्व करते हैं।
- तुलसीदास जी ने रावण की तुलना किससे की है?
- तुलसीदास जी ने रावण की तुलना दुःख से की है।
- बच्चा माँ की गोद में कैसी प्रतिक्रिया करता है?
- बच्चा माँ की गोद में प्रफुल्लित होकर हँसता है।
- दीवाली के दिन माता बच्चे के लिए क्या लेकर आती हैं?
- दीवाली के दिन माता बच्चे के लिए खिलौने लेकर आती हैं।
- ‘रस की पुतली‘ किसे कहा गया है?
- ‘रस की पुतली’ लक्ष्मण को कहा गया है।
- हिंदी साहित्य के आधुनिक काल के जनक का नाम लिखिए।
- हिंदी साहित्य के आधुनिक काल के जनक का नाम भारतेंदु हरिश्चंद्र है।
- ‘कठिन गद्य का प्रेत‘ किसे कहा गया है?
- ‘कठिन गद्य का प्रेत’ अज्ञेय को कहा गया है।
पद्य साहित्य का इतिहास
- पद्य साहित्य से आप क्या समझते हैं? लिखिए।
- उत्तर: पद्य साहित्य से तात्पर्य ऐसी रचनाओं से है, जो छंद, लय और तुकबंदी के नियमों में बंधी होती हैं। यह भावों की अभिव्यक्ति का एक कलात्मक और गेय रूप है, जिसे कविता, गीत और छंदबद्ध रचनाओं के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।
- हिन्दी पद्य साहित्य को कितने कालों में बाँटा गया है? नाम लिखते हुए समयावधि भी लिखिए।
- उत्तर: हिन्दी पद्य साहित्य को मुख्य रूप से चार कालों में बाँटा गया है:
- आदिकाल: 743 ई. से 1343 ई. तक
- भक्तिकाल: 1343 ई. से 1643 ई. तक
- रीतिकाल: 1643 ई. से 1843 ई. तक
- आधुनिक काल: 1843 ई. से अब तक
- उत्तर: हिन्दी पद्य साहित्य को मुख्य रूप से चार कालों में बाँटा गया है:
- भक्तिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ लिखिए।
- उत्तर: भक्तिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ (विशेषताएँ) निम्नलिखित हैं:
- ईश्वर में श्रद्धा और आस्था की प्रधानता।
- गुरु की महिमा का वर्णन।
- जाति-पाति और रूढ़ियों का विरोध।
- लोक-कल्याण की भावना।
- उत्तर: भक्तिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ (विशेषताएँ) निम्नलिखित हैं:
- रीतिकाल को श्रृंगार काल क्यों कहा गया है? लिखिए।
- उत्तर: रीतिकाल को श्रृंगार काल कहा गया है क्योंकि इस काल की अधिकांश रचनाओं में शृंगार रस (प्रेम और सौंदर्य) की प्रधानता है। कविताओं में राजाओं और नायिकाओं के रूप-सौंदर्य, प्रेम-लीलाओं और विलासपूर्ण जीवन का वर्णन प्रमुखता से किया गया है।
- रीतिकालीन दो कवियों के नाम एवं प्रत्येक की एक-एक रचना लिखिए।
- उत्तर:
- कवि: केशवदास
- रचना: रसिकप्रिया, कविप्रिया
- कवि: बिहारी
- रचना: बिहारी सतसई
- कवि: भूषण
- रचना: शिवराज भूषण
- कवि: केशवदास
- उत्तर:
- छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
- उत्तर: छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- सौंदर्य और प्रेम का चित्रण।
- प्रकृति का मानवीकरण।
- व्यक्तिवाद की प्रधानता।
- रहस्यवाद की भावना।
- उत्तर: छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- प्रयोगवाद की कोई दो विशेषताएँ/प्रवृत्तियाँ लिखिए।
- उत्तर: प्रयोगवाद की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं:
- नवीनता का आग्रह: नए-नए विषयों और शिल्प का प्रयोग।
- अतिशय बौद्धिकता: कविताओं में भावुकता के स्थान पर बौद्धिक तत्व की प्रधानता।
- उत्तर: प्रयोगवाद की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं:
- प्रयोगवादी दो कवियों के नाम एवं प्रत्येक की एक-एक रचना का नाम लिखिए।
- उत्तर:
- कवि: अज्ञेय
- रचना: हरी घास पर क्षण भर, बावरा अहेरी
- कवि: मुक्तिबोध
- रचना: चाँद का मुँह टेढ़ा है
- कवि: अज्ञेय
- उत्तर:
- प्रगतिवादी दो कवियों के नाम एवं प्रत्येक की एक-एक रचना का नाम लिखिए।
- उत्तर:
- कवि: सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
- रचना: कुकुरमुत्ता, अणिमा
- कवि: सुमित्रानंदन पंत
- रचना: ग्राम्या, युगवाणी
- कवि: सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’
- उत्तर:
- प्रगतिवाद की कोई दो विशेषताएँ/प्रवृत्तियाँ लिखिए।
- उत्तर: प्रगतिवाद की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं:
- शोषकों के प्रति विद्रोह की भावना।
- शोषितों के प्रति सहानुभूति।
- उत्तर: प्रगतिवाद की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं:
- नई कविता की कोई दो विशेषताएँ/प्रवृत्तियाँ लिखिए।
- उत्तर: नई कविता की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं:
- लघु मानववाद की प्रतिष्ठा: साधारण मनुष्य के जीवन को महत्व देना।
- अनुभवों की सच्चाई: जीवन के यथार्थ को सीधे और ईमानदारी से प्रस्तुत करना।
- उत्तर: नई कविता की दो प्रमुख विशेषताएँ हैं:
- नई कविता के दो कवि एवं उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।
- उत्तर:
- कवि: रघुवीर सहाय
- रचना: लोग भूल गए हैं
- कवि: मुक्तिबोध
- रचना: चाँद का मुँह टेढ़ा है
- कवि: रघुवीर सहाय
- उत्तर:
पाठ आधारित प्रश्न
1. ‘स्नेह-सुरा’ से क्या आशय है?
- उत्तर: ‘स्नेह-सुरा’ से आशय है प्रेम रूपी शराब। कवि कहता है कि वह प्रेम के नशे में डूबा हुआ है।
2. ‘जग-जीवन’ के भार से कवि का क्या आशय है?
- उत्तर: ‘जग-जीवन’ के भार से कवि का आशय जीवन में आने वाली सांसारिक जिम्मेदारियों और संघर्षों से है, जिन्हें वह बोझ के रूप में महसूस करता है।
3. कवि संसार को अपूर्ण क्यों मानता है?
- उत्तर: कवि संसार को अपूर्ण इसलिए मानता है, क्योंकि यह संसार प्रेम रहित है और उसमें स्वार्थ व दिखावा है।
4. ‘शीतल वाणी में आग’ होने का क्या अभिप्राय है?
- उत्तर: ‘शीतल वाणी में आग’ का अभिप्राय है कि कवि की वाणी भले ही शांत और कोमल है, लेकिन उसमें क्रांति और जोश की भावना छिपी हुई है।
5. ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ की आवृत्ति से कविता की किस विशेषता का पता चलता है?
- उत्तर: इस आवृत्ति से कविता में समय की गतिशीलता और जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुँचने की व्याकुलता का पता चलता है।
6. ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ करुणा के मुखौटे में छिपी क्रूरता की कविता है, विचार कर लिखिए।
- उत्तर: यह कविता वास्तव में करुणा के नाम पर की जाने वाली क्रूरता को दर्शाती है। दूरदर्शन वाले एक अपाहिज व्यक्ति की पीड़ा को दिखाने के लिए उसे बार-बार रुलाने की कोशिश करते हैं ताकि उनका कार्यक्रम अधिक लोकप्रिय हो सके। वे उसकी पीड़ा का व्यावसायिक उपयोग करते हैं।
7. ‘परदे पर वक्त की कीमत है’ कहकर कवि रघुवीर सहाय ने पूरे साक्षात्कार के प्रति अपना नजरिया किस रूप में रखा है?
- उत्तर: इस पंक्ति के माध्यम से कवि ने यह दर्शाया है कि टेलीविजन पर भावनात्मक संवेदनाओं की भी कीमत होती है। इंटरव्यू लेने वाले के लिए अपाहिज व्यक्ति का दर्द केवल समय बर्बाद करने वाला एक व्यावसायिक साधन है।
8. ‘सपनों के संसार’ से कवि का क्या आशय है?
- उत्तर: ‘सपनों के संसार’ से कवि का आशय अपने मन की काल्पनिक दुनिया से है, जिसमें वह अपनी इच्छाओं और प्रेम को व्यक्त करता है।
9. कवि उर का उदार व उपहार क्या है?
- उत्तर: कवि उर का उदार व उपहार उसका सच्चा प्रेम है, जिसे वह दुनिया के सामने रखता है।
10. कवि जग का ध्यान क्यों नहीं करना चाहता है?
- उत्तर: कवि जग का ध्यान इसलिए नहीं करना चाहता क्योंकि संसार सिर्फ स्वार्थ की बात करता है और उसे अपनी परवाह नहीं होती है। वह अपने ही भावों में लीन रहना चाहता है।
11. बच्चे किस बात की आशा में नीड़ों से झाँक रहे होंगे?
- उत्तर: बच्चे अपनी माँ के लौटने की प्रत्याशा में नीड़ों से झाँक रहे होंगे।
12. कवि किस कारण अवसाद से ग्रस्त है?
- उत्तर: कवि अपने अकेलेपन और अपने प्रिय से बिछड़ने के कारण अवसाद से ग्रस्त है।
13. कवि किस प्रकार के ज्ञान को भूलना चाह रहा है?
- उत्तर: कवि उन व्यावहारिक और स्वार्थी ज्ञान को भूलना चाह रहा है, जो संसार ने उसे सिखाया है।
14. बड़े-बड़े राजा किस पर न्योछावर होते हैं?
- उत्तर: बड़े-बड़े राजा संसार की दौलत पर न्योछावर होते हैं।
15. थका हुआ पंथी किस कारण जल्दी-जल्दी चलता है?
- उत्तर: थका हुआ पंथी सूर्यास्त से पहले अपने गंतव्य पर पहुँचने की व्याकुलता के कारण जल्दी-जल्दी चलता है।
16. कवि के मन में किस चीज़ की आशंका है?
- उत्तर: कवि के मन में यह आशंका है कि कहीं दिन ढल न जाए और रात न हो जाए।
17. चिड़ियों के परों में चंचलता किस कारण आ जाती है?
- उत्तर: चिड़ियों के परों में चंचलता अपने बच्चों की याद के कारण आ जाती है।
18. कवि के उर में कैसी विह्वलता जन्म लेती है?
- उत्तर: कवि के उर में अपने प्रिय से मिलने की व्याकुलता जन्म लेती है।
19. कवि किसलिए चंचलता त्याग देता है?
- उत्तर: कवि चंचलता त्याग देता है क्योंकि उसके जीवन में कोई उसकी प्रतीक्षा नहीं कर रहा है।
20. दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने से क्या तात्पर्य है?
- उत्तर: दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का तात्पर्य है कि बच्चे पतंग उड़ाते हुए इतनी तेज़ी से भागते हैं कि उनका शोर चारों दिशाओं में गूँजता है।
21. ‘उड़ने’ और ‘खिलने’ का कविता से क्या संबंध बनता है?
- उत्तर: ‘उड़ने’ का संबंध कविता की कल्पना से है, जो असीम विस्तार तक जा सकती है, जबकि ‘खिलने’ का संबंध कविता के भावों से है, जो हर पल विकसित होते हैं।
22. कविता के संदर्भ में ‘बिना मुरझाए महकने के माने’ क्या होते हैं?
- उत्तर: इसका अर्थ है कि कविता कालजयी होती है। फूल तो मुरझा जाते हैं, लेकिन कविता का भाव कभी नष्ट नहीं होता।
23. ‘भाषा को सहूलियत से बरतने’ से क्या अभिप्राय है?
- उत्तर: इसका अभिप्राय है कि कवि को अपनी बात कहने के लिए सरल और सीधी भाषा का प्रयोग करना चाहिए, न कि अनावश्यक शब्दों और दिखावे का।
24. ‘हम समर्थ शक्तिवान और हम एक दुर्बल को लाएंगे’ पंक्ति के माध्यम से कवि ने क्या व्यंग्य किया है?
- उत्तर: कवि ने यह व्यंग्य किया है कि मीडिया वाले अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए किसी भी कमजोर व्यक्ति को अपने स्वार्थ के लिए उपयोग करते हैं।
25. उषा का जादू क्या है, और क्यों टूट रहा है?
- उत्तर: उषा का जादू भोर के समय आकाश में पल-पल बदलते सौंदर्य से है। यह जादू सूर्योदय होने पर टूट रहा है।
26. कवि ने प्रातः कालीन वातावरण की समानता नीले शंख से क्यों की है?
- उत्तर: कवि ने प्रातः कालीन वातावरण की समानता नीले शंख से इसलिए की है क्योंकि उस समय आकाश नीला और स्वच्छ दिखाई देता है, जो शंख के रंग और पवित्रता से मेल खाता है।
27. ‘काली सिल’ और ‘स्लेट’ किस दृश्य को चित्रित करते हैं?
- उत्तर: ‘काली सिल’ और ‘स्लेट’ भोर के समय आकाश में छाए काले और नीले रंगों को चित्रित करते हैं।
28. कवि ने बादलों को ‘विप्लव के बादल’ क्यों कहा है?
- उत्तर: कवि ने बादलों को ‘विप्लव के बादल’ इसलिए कहा है क्योंकि वे विनाश और क्रांति का प्रतीक हैं। वे शोषितों के लिए आशा लेकर आते हैं, जबकि धनिकों के लिए भय का कारण बनते हैं।
29. रति किसे कहा गया है? वह किन आकांक्षाओं से भरी है?
- उत्तर: रति प्रेम और सुंदरता की देवी है। वह अपनी आकांक्षाओं से भरी हुई है।
30. ‘अस्थिर सुख पर दुख की छाया’ पंक्ति में दुख की छाया किसे कहा गया है और क्यों?
- उत्तर: इस पंक्ति में दुख की छाया क्रांति को कहा गया है, क्योंकि जब क्रांति आती है तो वह धनिकों के सुख को नष्ट कर देती है।
31. ‘अशनि-पात से शापित उन्नत शत-शत वीर’ पंक्ति में किसकी ओर संकेत किया गया है?
- उत्तर: इस पंक्ति में बड़े-बड़े वीर योद्धाओं की ओर संकेत किया गया है जो क्रांति के सामने टिक नहीं पाते हैं।
32. शोकग्रस्त माहौल में हनुमानजी के अवतरण को करुण रस के बीच वीर रस का आविर्भाव क्यों कहा गया है?
- उत्तर: जब लक्ष्मण मूर्छित हो जाते हैं तो चारों ओर शोक का माहौल होता है, तभी हनुमान जी संजीवनी बूटी लेकर आते हैं, जिससे शोक का माहौल वीरता और आशा में बदल जाता है।
33. हनुमान ने भरत के किन गुणों की प्रशंसा की है?
- उत्तर: हनुमान ने भरत के प्रेम, त्याग और भाई के प्रति समर्पण जैसे गुणों की प्रशंसा की है।
34. राम ने भ्रातृ-प्रेम की तुलना में किसको हीन माना है?
- उत्तर: राम ने अपने जीवन को भ्रातृ-प्रेम की तुलना में हीन माना है।
35. शायर राखी के लच्छे को बिजली की चमक की तरह कहकर क्या भाव व्यक्त करना चाहता है?
- उत्तर: शायर यह भाव व्यक्त करना चाहता है कि राखी के लच्छे में प्रेम और भाई-बहन के रिश्ते की चमक होती है।
36. ‘छोटे चौकोर खेत को कागज का पन्ना’ कहने में क्या अर्थ निहित है?
- उत्तर: इसमें यह अर्थ निहित है कि जिस तरह किसान खेत में बीज बोता है, उसी तरह कवि कागज के पन्ने पर शब्द रूपी बीज बोता है।
37. ‘मेरा छोटा खेत’ कविता के संदर्भ में अण्ड व बीज क्या है?
- उत्तर: इस कविता में अण्ड का अर्थ विचार या भावना है और बीज का अर्थ शब्द है।
पद्य साहित्य का इतिहास
1. पद्य साहित्य से आप क्या समझते हैं? लिखिए।
- उत्तर: पद्य साहित्य ऐसी रचनाओं को कहते हैं, जो छंद, लय और तुकबंदी के नियमों से बंधी होती हैं और जिन्हें गाया जा सकता है।
2. हिन्दी पद्य साहित्य को कितने कालों में बाँटा गया है? नाम लिखते हुए समयावधि भी लिखिए।
- उत्तर: हिंदी पद्य साहित्य को चार कालों में बांटा गया है:
- आदिकाल (743 ई. से 1343 ई.)
- भक्तिकाल (1343 ई. से 1643 ई.)
- रीतिकाल (1643 ई. से 1843 ई.)
- आधुनिक काल (1843 ई. से अब तक)
3. भक्तिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ लिखिए।
- उत्तर:
- ईश्वर में असीम आस्था
- गुरु को महत्व देना
- जाति-पाति का विरोध
4. रीतिकाल को श्रृंगार काल क्यों कहा गया है? लिखिए।
- उत्तर: इस काल की अधिकांश रचनाओं में प्रेम और सौंदर्य का वर्णन है, इसलिए इसे श्रृंगार काल कहा गया है।
5. रीतिकालीन दो कवियों के नाम एवं प्रत्येक की एक-एक रचना लिखिए।
- उत्तर:
- केशवदास – रसिकप्रिया
- बिहारी – बिहारी सतसई
6. छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
- उत्तर:
- प्रकृति का मानवीकरण
- प्रेम और सौंदर्य का चित्रण
- व्यक्तिवाद की भावना
7. प्रयोगवाद की कोई दो विशेषताएँ/प्रवृत्तियाँ लिखिए।
- उत्तर:
- नवीनता का प्रयोग
- अतिशय बौद्धिकता
8. प्रयोगवादी दो कवियों के नाम एवं प्रत्येक की एक-एक रचना का नाम लिखिए।
- उत्तर:
- अज्ञेय – हरी घास पर क्षण भर
- मुक्तिबोध – चाँद का मुँह टेढ़ा है
9. प्रगतिवादी दो कवियों के नाम एवं प्रत्येक की एक-एक रचना का नाम लिखिए।
- उत्तर:
- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ – कुकुरमुत्ता
- सुमित्रानंदन पंत – ग्राम्या
10. प्रगतिवाद की कोई दो विशेषताएँ/प्रवृत्तियाँ लिखिए।
- उत्तर:
- शोषितों के प्रति सहानुभूति
- क्रांति की भावना
11. नई कविता की कोई दो विशेषताएँ/प्रवृत्तियाँ लिखिए।
- उत्तर:
- लघु मानववाद की प्रतिष्ठा
- अनुभव की सच्चाई
12. नई कविता के दो कवि एवं उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।
- उत्तर:
- रघुवीर सहाय – लोग भूल गए हैं
- मुक्तिबोध – चाँद का मुँह टेढ़ा है
कवि परिचय (3अंक)
कवि परिचय
- हरिवंश राय बच्चन का साहित्यिक परिचय निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए- (क) कोई दो रचनाएँ (ख) भावपक्ष, कलापक्ष (ग) साहित्य में स्थान
- रचनाएँ:
- मधुशाला: यह उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति है। इसमें उन्होंने शराब, प्याले, और मधुशाला के प्रतीकों के माध्यम से जीवन के दर्शन को व्यक्त किया है।
- निशा निमंत्रण: इस संग्रह में कवि के व्यक्तिगत दुख और अकेलेपन की भावना व्यक्त हुई है। ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ इसी संग्रह से ली गई है।
- भावपक्ष, कलापक्ष:
- भावपक्ष: बच्चन जी के काव्य में प्रेम, मस्ती, पीड़ा, और अकेलापन के भाव प्रमुख हैं। उन्हें ‘हालावाद’ का प्रवर्तक माना जाता है, जहाँ उन्होंने जीवन को एक उत्सव के रूप में चित्रित किया।
- कलापक्ष: उनकी भाषा सरल और प्रवाहमयी है। उन्होंने खड़ी बोली का सुंदर प्रयोग किया है। उनकी कविताओं में सांगीतिकता और लय का विशेष महत्व है, जो उन्हें गेय बनाती है।
- साहित्य में स्थान:
- हरिवंश राय बच्चन का हिंदी साहित्य में एक विशेष स्थान है। उन्हें ‘हालावाद’ का जनक माना जाता है, जिन्होंने व्यक्तिगत अनुभूतियों को काव्य का विषय बनाया।
- रचनाएँ:
- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ का साहित्यिक परिचय निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए- (क) कोई दो रचनाएँ (ख) भावपक्ष, कलापक्ष (ग) साहित्य में स्थान
- रचनाएँ:
- राम की शक्तिपूजा: यह एक लंबी कविता है जिसमें राम के शक्ति-संचय की गाथा का वर्णन है।
- बादल राग: यह एक प्रतीकात्मक कविता है जिसमें बादल क्रांति और विद्रोह का प्रतीक बनकर आते हैं।
- भावपक्ष, कलापक्ष:
- भावपक्ष: ‘निराला’ जी के काव्य में प्रेम, सौंदर्य, क्रांति, और विद्रोह के भाव समाहित हैं। वे छायावाद के प्रमुख स्तंभों में से एक थे।
- कलापक्ष: ‘निराला’ जी ने मुक्त छंद का प्रयोग किया, जिससे हिंदी कविता को एक नई दिशा मिली। उनकी भाषा में संस्कृतनिष्ठ शब्दों का प्रयोग है, जो इसे गंभीर और ओजपूर्ण बनाता है।
- साहित्य में स्थान:
- ‘निराला’ का हिंदी साहित्य में एक असाधारण स्थान है। उन्हें ‘महाप्राण’ कहा जाता है। वे छायावाद के आधार स्तंभों में से एक हैं और उनका योगदान हिंदी कविता के लिए अमूल्य है।
- रचनाएँ:
- रघुवीर सहाय का साहित्यिक परिचय निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए- (क) कोई दो रचनाएँ (ख) भावपक्ष, कलापक्ष (ग) साहित्य में स्थान
- रचनाएँ:
- लोग भूल गए हैं: इसी काव्य संग्रह से उनकी प्रसिद्ध कविता ‘कैमरे में बंद अपाहिज’ ली गई है।
- आत्महत्या के विरुद्ध: इस संग्रह में उन्होंने समाज की विसंगतियों और व्यवस्था पर तीखा व्यंग्य किया है।
- भावपक्ष, कलापक्ष:
- भावपक्ष: रघुवीर सहाय की कविताओं का भावपक्ष सामाजिक विसंगतियों, राजनैतिक भ्रष्टाचार, और मानव की पीड़ा पर केंद्रित है।
- कलापक्ष: उनकी भाषा सरल और बोलचाल की भाषा के करीब है। वे जटिल विचारों को भी सहज शब्दों में व्यक्त करते हैं। उनकी शैली में नाटकीयता का पुट है, जो उनकी कविताओं को प्रभावशाली बनाता है।
- साहित्य में स्थान:
- रघुवीर सहाय हिंदी साहित्य में ‘नई कविता’ के एक महत्वपूर्ण कवि हैं। उनकी रचनाओं ने समकालीन समाज की आलोचना और पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों पर सवाल उठाए हैं।
- रचनाएँ:
- तुलसीदास का साहित्यिक परिचय निम्नलिखित के आधार पर लिखिए- (क) कोई दो रचनाएँ (ख) भावपक्ष, कलापक्ष (ग) साहित्य में स्थान
- रचनाएँ:
- रामचरितमानस: यह उनकी सबसे महान कृति है, जो अवधी भाषा में लिखी गई है और भारतीय समाज में अत्यधिक पूज्यनीय है।
- कवितावली: यह ब्रजभाषा में रचित रचना है, जिसमें कवित्त और सवैये छंदों में रामकथा का वर्णन है।
- भावपक्ष, कलापक्ष:
- भावपक्ष: तुलसीदास का भावपक्ष भक्ति, मर्यादा और समन्वय पर आधारित है। उन्होंने राम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में चित्रित किया।
- कलापक्ष: तुलसीदास ने अवधी और ब्रजभाषा दोनों में रचनाएँ की हैं। उनकी भाषा अत्यंत सरल, सहज, और प्रभावशाली है। उन्होंने दोहा, चौपाई, कवित्त, सवैया जैसे अनेक छंदों का प्रयोग किया है।
- साहित्य में स्थान:
- तुलसीदास का हिंदी साहित्य में सर्वोच्च स्थान है। उन्हें ‘लोकनायक कवि’ और ‘समन्वय का कवि’ कहा जाता है। वे भक्तिकाल की सगुण काव्यधारा के प्रमुख कवि हैं।
- रचनाएँ:
पद्यांश 1
पद्यांश:
मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ, फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ; कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकर, मैं साँसों के दो तार लिए फिरता हूँ।
- संदर्भ: यह पद्यांश हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित कविता ‘आत्मपरिचय’ से लिया गया है।
- प्रसंग: कवि अपने निजी जीवन की बात करते हुए कहता है कि वह सांसारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए भी अपने प्रेम से भरा हुआ है।
- व्याख्या: कवि कहता है कि वह इस संसार में जीवन का बोझ लिए घूमता है, यानी जीवन में कई कठिनाइयाँ और जिम्मेदारियाँ हैं, फिर भी उसके जीवन में प्रेम की भावना बनी हुई है। वह अपने जीवन को वीणा के दो तार की तरह मानता है, जिन्हें किसी ने छूकर झंकृत कर दिया है। इसका अर्थ है कि किसी प्रिय व्यक्ति के स्पर्श या प्रेम ने उसके जीवन में संगीत भर दिया है, और वह इसी प्रेम के सहारे अपना जीवन बिता रहा है।
पद्यांश 2
पद्यांश:
मैं निज रोदन में राग लिए फिरता हूँ, शीतल वाणी में आग लिए फिरता हूँ; हो जिस पर भूपों के प्रसाद निछावर, मैं वह खंडहर का भाग लिए फिरता हूँ।
- संदर्भ: यह पद्यांश हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित कविता ‘आत्मपरिचय’ से लिया गया है।
- प्रसंग: कवि अपनी आंतरिक भावनाओं और विरोधाभासी व्यक्तित्व का वर्णन करता है।
- व्याख्या: कवि कहता है कि उसके रोने में भी प्रेम का संगीत है। उसकी वाणी ऊपर से भले ही शांत और कोमल दिखती हो, लेकिन उसमें क्रांति की आग भरी हुई है। वह अपने जीवन को एक ऐसे खंडहर की तरह मानता है, जिस पर बड़े-बड़े राजाओं के महल भी न्योछावर हैं। इसका अर्थ है कि उसका टूटा हुआ हृदय भी इतना कीमती है कि बड़े-बड़े सुख-सुविधाएँ उस पर कुर्बान की जा सकती हैं।
पद्यांश 3
पद्यांश:
मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ, मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ; जग पूछ रहा उनको जो जग की गाते, मैं अपने मन का गान किया करता हूँ।
- संदर्भ: यह पद्यांश हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित कविता ‘आत्मपरिचय’ से लिया गया है।
- प्रसंग: कवि बताता है कि वह संसार की परवाह किए बिना अपनी ही दुनिया में लीन रहता है।
- व्याख्या: कवि कहता है कि वह प्रेम रूपी शराब का पान करता है और कभी भी संसार की परवाह नहीं करता। संसार उन लोगों को पूछता है जो उसकी तारीफ करते हैं, लेकिन कवि ऐसा नहीं करता। वह अपनी भावनाओं और विचारों को ही अपनी कविता का आधार बनाता है और अपनी ही धुन में रहता है।
पद्यांश 4
पद्यांश:
तिरती है समीर-सागर पर अस्थिर सुख पर दु:ख की छाया- जग के हृदय पर निर्दय विप्लव की प्लावित माया-
- संदर्भ: यह पद्यांश सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ द्वारा रचित कविता ‘बादल राग’ से लिया गया है।
- प्रसंग: कवि बादल को संबोधित करते हुए बताता है कि संसार में अस्थिर सुख पर दुख की छाया हमेशा बनी रहती है।
- व्याख्या: कवि कहता है कि हवा के सागर पर सुख रूपी बादल तैर रहे हैं, लेकिन उन पर हमेशा दुख की छाया मंडराती रहती है। संसार के हृदय पर निर्दयी क्रांति की बाढ़ रूपी माया छाई हुई है। इसका अर्थ है कि पूंजीपति वर्ग का सुख क्षणिक है और उन पर हमेशा क्रांति आने का भय बना रहता है।
पद्यांश 5
पद्यांश:
अट्टालिका नहीं है रे आतंक-भवन सदा पंक पर ही होता जल-विप्लव-पलावन, क्षुद्र प्रफुल्ल जलज से सदा छलकता नीर, रोग शोक में भी हँसता है शैशव का सुकुमार शरीर।
- संदर्भ: यह पद्यांश सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ द्वारा रचित कविता ‘बादल राग’ से लिया गया है।
- प्रसंग: कवि क्रांति के प्रतीक बादल को संबोधित करते हुए कहता है कि क्रांति का प्रभाव सिर्फ शोषकों पर होता है, जबकि शोषित वर्ग इससे लाभान्वित होता है।
- व्याख्या: कवि कहता है कि पूंजीपतियों के ऊँचे-ऊँचे महल (अट्टालिका) सिर्फ आतंक भवन हैं, जिन पर क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। क्रांति की बाढ़ केवल कीचड़ पर ही आती है, यानी पूंजीपति ही इसका शिकार होते हैं। दूसरी ओर, कमल के फूल (शोषित वर्ग का प्रतीक) पर पानी की बूँदें केवल झलकती हैं, जिससे वे और अधिक खिलते हैं। इसी तरह, बचपन का कोमल शरीर रोग और दुख में भी हँसता रहता है, यानी शोषित वर्ग हर परिस्थिति में खुश रहता है।
पद्यांश 6
पद्यांश:
धूत कहो, अवधूत कहो, रजपूत कहो, जोलहा कहो कोऊ। काहू की बेटी सो बेटा न ब्याहब, काहू की जाति बिगार न सोऊ। तुलसी सरनाम गुलामु है राम को, जाको रुचे सो कहे कछु ओऊ। माँगी कै खैबो, मसीत को सोइबो, लैबे को एक न देबेको दोऊ।
- संदर्भ: यह पद्यांश तुलसीदास द्वारा रचित कविता ‘कवितावली’ से लिया गया है।
- प्रसंग: इस पद्यांश में तुलसीदास समाज के जाति-पाति के भेदभाव का विरोध करते हुए अपनी निष्ठा राम के प्रति दर्शाते हैं।
- व्याख्या: तुलसीदास कहते हैं कि कोई उन्हें धूर्त कहे, संन्यासी कहे, राजपूत कहे या जुलाहा कहे, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्हें किसी की बेटी से अपने बेटे का विवाह नहीं करना है, न ही किसी की जाति बिगाड़नी है। वे कहते हैं कि वे राम के प्रसिद्ध गुलाम हैं, जिसे जो अच्छा लगे वह कहे। वे तो मांगकर खाएंगे, मस्जिद में सोएंगे, उन्हें किसी से कुछ लेना-देना नहीं है।
पद्यांश 7
पद्यांश:
जौं जनतेउँ बन बिछोहू। पिता वचन मंतै नहिं ओहूँ।। सुत बित्त नारि भवन परिवारा। होहिं जाहिं जग बारहिं बारा।। अस बिचारि जिय जागहु ताता। मिलद न जगत सहोदर भ्राता।। जथा पंख बिनु खग अति दीना। मनि बिनु फनि करिबर कर हीना।। अस मम जिवन बंधु बिनु तोही। जौ जड़ देव जिआवै मोही।।
- संदर्भ: यह पद्यांश तुलसीदास द्वारा रचित ‘रामचरितमानस’ के ‘सुंदरकांड’ से लिया गया है।
- प्रसंग: लक्ष्मण के मूर्छित होने पर राम विलाप करते हुए अपने भाई के प्रति प्रेम व्यक्त करते हैं।
- व्याख्या: राम लक्ष्मण के मूर्छित शरीर को देखकर कहते हैं कि अगर उन्हें यह पता होता कि वन में आने पर लक्ष्मण से बिछड़ना पड़ेगा, तो वे पिता के वचनों को भी नहीं मानते। वे कहते हैं कि पुत्र, धन, पत्नी, घर और परिवार तो संसार में बार-बार मिल जाते हैं, लेकिन सहोदर भाई बार-बार नहीं मिलता। वे लक्ष्मण से कहते हैं कि हे भाई, यह सोचकर जागो। वे आगे कहते हैं कि जैसे पंख के बिना पक्षी, मणि के बिना साँप और सूँड के बिना हाथी दीन हो जाता है, वैसे ही मैं तुम्हारे बिना दीन हूँ। अगर यह अभागा शरीर जीवित भी रहता है, तो भी मेरा जीवन व्यर्थ है।
पद्यांश 8
पद्यांश:
छोटा मेरा खेत चौकोना कागज का एक पन्ना कोई अंधड़ कहीं से आया क्षण का बीज वहीं बोया गया।
- संदर्भ: यह पद्यांश उमाशंकर जोशी द्वारा रचित कविता ‘छोटा मेरा खेत’ से लिया गया है।
- प्रसंग: कवि ने कविता की रचना-प्रक्रिया का वर्णन करते हुए अपने साहित्यिक जीवन को एक किसान के रूप में प्रस्तुत किया है।
- व्याख्या: कवि अपने चौकोर खेत की तुलना कागज के एक पन्ने से करता है। वह कहता है कि जिस प्रकार एक किसान अपने खेत में बीज बोता है, उसी प्रकार उसके मन में कहीं से एक विचार (आंधी) आया और उसने उस क्षण ही कागज के पन्ने पर शब्द रूपी बीज बो दिया।
पद्यांश 9
पद्यांश:
कल्पना के रसायनों को पी बीज गल गया नि:शेष, शब्द के अंकुर फूटे -पुष्पों से नमित हुआ विशेष।
- संदर्भ: यह पद्यांश उमाशंकर जोशी द्वारा रचित कविता ‘छोटा मेरा खेत’ से लिया गया है।
- प्रसंग: कवि बीज के अंकुरित होने से लेकर फसल के तैयार होने तक की प्रक्रिया को बताता है।
- व्याख्या: कवि कहता है कि जब उसने कागज के पन्ने पर विचार रूपी बीज बोया, तो उस पर कल्पना रूपी रसायन डाला। इससे वह बीज पूरी तरह से गल गया और शब्द के अंकुर फूट पड़े। जब कविता पूरी तरह से विकसित हुई, तो वह फूलों से लद गई, यानी कविता में कई सुंदर भाव और विचार आ गए।
पद्यांश 10
पद्यांश:
जोर जबरदस्ती से बात की चूड़ी मर गई और वह भाषा में बेकार घूमने लगी हार कर मैंने उसे कील की तरह उसी जगह ठोंक दिया।
- संदर्भ: यह पद्यांश कुँवर नारायण द्वारा रचित कविता ‘बात सीधी थी पर’ से लिया गया है।
- प्रसंग: कवि बताता है कि कैसे वह अपनी बात को कहने में असफल हो गया क्योंकि उसने अनावश्यक शब्दों का प्रयोग किया।
- व्याख्या: कवि कहता है कि जब उसने अपनी सीधी-सादी बात को घुमा-फिराकर कहने की कोशिश की, तो बात का प्रभाव नष्ट हो गया। वह बात भाषा में उलझ कर रह गई। अंत में, कवि ने हार मानकर उस बात को जबरदस्ती वहीं छोड़ दिया, जैसे किसी बेकार पेंच को कील की तरह ठोक दिया जाता है। इसका अर्थ है कि कभी-कभी बात को सीधा कहना ही सबसे अच्छा होता है।