MP Board Class 11 Hornbill Poetry Childhood By Markus Natten

MP Board Class 11 Hornbill Poetry Childhood By Markus Natten

Childhood – Markus Natten (Poetry)

MP Board Class 11 Hornbill Poetry Childhood By Markus Natten:

When did my childhood go?
Was it the day I ceased to be eleven,
Was it the time I realised that Hell and Heaven,
Could not be found in Geography,
And therefore could not be,
Was that the day!

When did my childhood go?
Was it the time I realised that adults were not
all they seemed to be,
They talked of love and preached of love,
But did not act so lovingly,
Was that the day!

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When did my childhood go?
Was it when I found my mind was really mine,
To use whichever way I choose,
Producing thoughts that were not those of other people
But my own, and mine alone
Was that the day!

Where did my childhood go?
It went to some forgotten place,
That’s hidden in an infant’s face,
That’s all I know.

Poetry Summary: Childhood By Markus Natten कविता का सारांश

मार्कस नेटिन की कविता “बचपन” एक चिंतनशील कविता है जहाँ वक्ता (कवि) यह सवाल करता है कि उसने अपना बचपन कब और कैसे खोया और कब वह वयस्कता (adulthood) में परिवर्तित हो गया। कविता तीन अलग-अलग सवालों के इर्द-गिर्द घूमती है, जिनमें से प्रत्येक एक ऐसी अनुभूति (realization) की पड़ताल करता है जो बचपन की मासूमियत के अंत को चिह्नित करती है।

पहला छंद: First Stanza

When did my childhood go?
Was it the day I ceased to be eleven,
Was it the time I realised that Hell and Heaven,
Could not be found in Geography,
And therefore could not be,
Was that the day!

वक्ता सबसे पहले यह सोचता है कि क्या बचपन तब खत्म हुआ जब वह ग्यारह साल का नहीं रहा या जब उसे यह एहसास हुआ कि स्वर्ग (Heaven) और नर्क (Hell) जैसी अवधारणाएँ भूगोल (Geography) में नहीं मिल सकतीं और इसलिए उनका कोई अस्तित्व नहीं हो सकता। यह दुनिया की एक भोली, शाब्दिक समझ के नुकसान को दर्शाता है।

दूसरा छंद: Second Stanza

When did my childhood go?
Was it the time I realised that adults were not
all they seemed to be,
They talked of love and preached of love,
But did not act so lovingly,
Was that the day!

अगला सवाल इस एहसास के इर्द-गिर्द घूमता है कि वयस्क (adults) वैसे नहीं होते जैसे वे दिखते हैं। वक्ता देखता है कि वयस्क प्यार की बात करते हैं और प्यार का उपदेश देते हैं लेकिन उनके कार्य अक्सर उनके शब्दों के विपरीत होते हैं। यह वयस्क दुनिया के पाखंड (hypocrisy) को उजागर करता है।

तीसरा छंद:

When did my childhood go?
Was it when I found my mind was really mine,
To use whichever way I choose,
Producing thoughts that were not those of other people
But my own, and mine alone
Was that the day!

अनुभूति व्यक्ति के अपने स्वतंत्र विचारों (independent thoughts) के विकास के बारे में है। वक्ता सवाल करता है कि क्या बचपन तब खत्म हुआ जब उसे पता चला कि उसका मन (mind) वास्तव में उसका अपना था, जिसका उपयोग वह अपनी पसंद के अनुसार कर सकता था और ऐसे विचार उत्पन्न कर सकता था जो दूसरों के नहीं, बल्कि केवल उसके अपने थे। यह व्यक्तित्व (individuality) और तर्कसंगत सोच (rational thinking) की शुरुआत को चिह्नित करता है।

चौथा छंद: Fourth Stanza

Where did my childhood go?
It went to some forgotten place,
That’s hidden in an infant’s face,
That’s all I know.

अंतिम stanza में वक्ता “कब” से “कहाँ” उसका बचपन गया, इस पर केंद्रित होता है। इसका उत्तर कोई विशिष्ट स्थान या समय नहीं बल्कि एक अस्पष्ट “भूली हुई जगह” (forgotten place) है, जो यह बताता है कि एक बार बचपन खो जाने पर उसे ठीक से ढूँढा या पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता। इसे “एक शिशु के चेहरे में छिपा हुआ” (hidden in an infant’s face) दर्शाया गया है जिसका अर्थ है कि बचपन की मासूमियत और पवित्रता केवल बहुत छोटे बच्चों में रहती है और वयस्कों के लिए अगम्य है।

कुल मिलाकर यह कविता मासूम विश्वास से दुनिया की अधिक आलोचनात्मक और व्यक्तिगत समझ की यात्रा को दर्शाती है, जिसमें विभिन्न मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक बदलावों पर प्रकाश डाला गया है जो बचपन से वयस्कता में संक्रमण को परिभाषित करते हैं।


कठिन शब्दों के अर्थ Poetry Childhood By Markus Natten

यहाँ कविता के कुछ संभावित कठिन शब्दों और उनके सरल अर्थ दिए गए हैं:

  • Ceased (सीज़्ड) – रुक गया; समाप्त हो गया।
  • Realised (रियलाइज़्ड) – समझ में आया या किसी बात का एहसास हुआ।
  • Geography (भूगोल) – पृथ्वी की भौतिक विशेषताओं, वायुमंडल और मानवीय गतिविधियों का अध्ययन (यहाँ, नक्शों और भौतिक स्थानों के संदर्भ में)।
  • Seemed to be (सीम्ड टू बी) – प्रतीत होते थे; ऐसा लगता था।
  • Preached (प्रीच्ड) – नैतिक उपदेश दिया; दृढ़ता से सलाह दी (अक्सर अच्छे व्यवहार या विश्वासों के बारे में)।
  • Lovingly (लविंगली) – प्यार या स्नेह से।
  • Whichever way I choose (व्हिचएवर वे आई चूज़) – जिस भी तरीके से मैं चुनूँ या पसंद करूँ।
  • Producing thoughts (प्रोड्यूसिंग थॉट्स) – विचार या राय बनाना।
  • Mine alone (माइन अलोन) – केवल मेरा; विशिष्ट रूप से मेरा अपना।
  • Forgotten place (फॉरगॉटन प्लेस) – एक ऐसी जगह जो अब याद नहीं है या पहुँच से बाहर है।
  • Hidden (हिडन) – छिपा हुआ; गोपनीय।
  • Infant’s face (इन्फेंट’स फेस) – एक बहुत छोटे बच्चे का चेहरा।

काव्यात्मक उपकरण (Poetic Devices) Poetry Childhood By Markus Natten

मार्कस नेटिन ने कविता के विषयों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने के लिए कई काव्यात्मक उपकरणों का उपयोग किया है:

  1. टेक (Refrain):
    • When did my childhood go?” (मेरा बचपन कब गया?) पहले तीन छंदों की शुरुआत में दोहराया गया है। यह एक टेक (refrain) के रूप में कार्य करता है, केंद्रीय प्रश्न और बचपन के नुकसान पर वक्ता के गहरे चिंतन पर जोर देता है।
    • Was that the day!” (क्या वह दिन था!) भी पहले तीन छंदों के अंत में एक दोहराई जाने वाली टेक है, जो संक्रमण के सटीक क्षण को इंगित करने के वक्ता के प्रयास को उजागर करती है।
  2. पुनरावृत्ति (Repetition):
    • “Was it the day I…” और “Was it the time I realised…” जैसे वाक्यांशों की पुनरावृत्ति एक लयबद्ध पैटर्न (rhythmic pattern) बनाती है और वक्ता की गहरी जांच प्रकृति को रेखांकित करती है।
  3. एन्जाम्बमेंट (Enjambment):
    • यह एक पंक्ति, दोहे, या छंद के अंत से परे बिना किसी ठहराव के वाक्य का जारी रहना है। उदाहरण के लिए:
      • “Was it the time I realised that Hell and Heaven, / Could not be found in Geography,”
      • “adults were not / all they seemed to be,”
    • एन्जाम्बमेंट कविता को अधिक स्वाभाविक रूप से प्रवाहित करता है, जैसे कि एक विचार प्रक्रिया, और पाठक का ध्यान एक पंक्ति से दूसरी पंक्ति तक ले जाता है।
  4. बिम्ब विधान (Imagery):
    • Hell and Heaven, / Could not be found in Geography” – यह नक्शों और भौतिक स्थानों की एक स्पष्ट तस्वीर बनाता है, जो अमूर्त अवधारणाओं के विपरीत है।
    • hidden in an infant’s face” – यह एक बच्चे की अभिव्यक्ति में निहित मासूमियत की एक मार्मिक छवि उत्पन्न करता है।
  5. विरोध/विपरीतता (Antithesis/Contrast):
    • कविता बचपन की मासूमियत और वयस्क वास्तविकता के बीच के अंतर को उजागर करने के लिए विरोध (contrast) का उपयोग करती है। उदाहरण के लिए, उन वयस्कों के बीच का विरोध जो “talked of love and preached of love, / But did not act so lovingly.” यह उस पाखंड को दर्शाता है जो बचपन के विश्वासों को तोड़ता है।
  6. प्रतीकात्मकता (Symbolism):
    • Hell and Heaven” – बचपन में दुनिया की सरल, काला-सफेद (black-and-white), शायद शाब्दिक समझ का प्रतीक है।
    • Geography” – एक तथ्यात्मक, तार्किक और ठोस वास्तविकता (tangible reality) का प्रतीक है जो बचकाने विश्वासों का खंडन करती है।
    • Infant’s face” – शुद्ध मासूमियत का प्रतीक है, एक ऐसी स्थिति जहाँ बचपन अभी भी अछूता मौजूद है।
    • My mind was really mine” – व्यक्तित्व (individuality), तर्कसंगतता (rationality) और स्वतंत्र विचार (independent thought) के जन्म का प्रतीक है, जो बचपन छोड़ने का एक प्रमुख चिह्न है।

मुख्य विषय (Themes) Poetry Childhood By Markus Natten

कविता “बचपन” कई गहरे विषयों की पड़ताल करती है:

  1. मासूमियत का नुकसान (Loss of Innocence): यह केंद्रीय विषय है। कविता उन विभिन्न अनुभूतियों (स्वर्ग/नर्क के बारे में, वयस्क पाखंड के बारे में, और स्वतंत्र विचार के बारे में) का विवरण देती है जो बचपन की भोली, निस्संदेह विश्वास प्रणाली को हटा देती हैं।
  2. बड़ा होना / वयस्कता में संक्रमण (Coming of Age / Transition to Adulthood): कविता अनिवार्य रूप से मनोवैज्ञानिक और बौद्धिक परिपक्वता की यात्रा के बारे में है। यह शारीरिक विकास नहीं बल्कि दुनिया और खुद को समझने में एक आंतरिक बदलाव है।
  3. वयस्कों का पाखंड (Hypocrisy of Adults): वयस्कों के प्रति वक्ता का मोहभंग जो नैतिकता का उपदेश देते हैं लेकिन उसका अभ्यास नहीं करते, बचपन की मासूमियत खोने का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह एहसास एक बच्चे के लिए निगलने वाली एक कड़वी गोली है।
  4. पहचान और व्यक्तित्व की खोज (Search for Identity and Individuality): यह पता चलना कि किसी का मन वास्तव में उसका अपना है और वह अद्वितीय विचार उत्पन्न कर सकता है, दूसरों के प्रभावों से अलग एक व्यक्तिगत पहचान बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  5. बचपन की मायावी प्रकृति (The Elusiveness of Childhood): अंतिम छंद इस बात पर जोर देता है कि एक बार बचपन खो जाने पर, उसे पुनः प्राप्त नहीं किया जा सकता या सटीक रूप से पता नहीं लगाया जा सकता। यह एक “भूली हुई जगह” बन जाता है, जो यह बताता है कि शुद्ध मासूमियत की स्थिति क्षणिक है और केवल बहुत छोटे बच्चों की होती है।
  6. तर्कसंगतता बनाम विश्वास (Rationality vs. Belief): कविता स्वर्ग और नर्क जैसी अवधारणाओं को बिना प्रश्न के स्वीकार करने से लेकर उनके अस्तित्व के लिए तार्किक और तथ्यात्मक (भौगोलिक) प्रमाण की आवश्यकता तक के बदलाव को छूती है, जो तर्कसंगत सोच की ओर एक बदलाव का संकेत है।

Think it out

1. Identify the stanza that talks of each of the following.

  • Individuality: Stanza 3
  • Rationalism: Stanza 1
  • Hypocrisy: Stanza 2

2. What according to the poem is involved in the process of growing up?

According to the poem, growing up means:

  • Realizing that simple childhood beliefs (like Heaven and Hell being real places) aren’t true.
  • Understanding that adults sometimes don’t act as lovingly as they preach.
  • Discovering that you can think for yourself and have your own unique thoughts.
  • Losing the exact place where your childhood went, as it becomes a “forgotten place.”

3. What is the poet’s feeling towards childhood?

The poet feels a sense of nostalgia (missing the past) and loss for childhood. He wonders when it disappeared, suggesting he wishes he could pinpoint that moment, but also accepts that it’s gone.

4. Which do you think are the most poetic lines? Why?

The most poetic lines are: “It went to some forgotten place, / That’s hidden in an infant’s face,”

Why? These lines are beautiful because they paint a clear picture of where childhood goes. They use strong imagery (a forgotten place, an infant’s face) and symbolism (the infant’s face represents pure innocence). They suggest that childhood isn’t physically gone but exists in the fresh innocence of new babies. It’s a gentle and accepting way to end the poem.

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