MP Board Class 12 Sanskrut Grammar Upsargah
उपसर्गाः (उपसर्ग): संस्कृत में विस्तृत अध्ययन
1. परिचय (Introduction)
MP Board Class 12 Sanskrut Grammar Upsargah: संस्कृत व्याकरण में उपसर्ग (Upasarga) वे शब्दांश (morphemes/word-parts) होते हैं जो किसी धातु (root/verb) या शब्द के पहले (before) जुड़कर उसके अर्थ में परिवर्तन (change in meaning), विशिष्टता (specialization) या नवीनता (new meaning) लाते हैं। ये भाषा को समृद्ध करने और नए शब्दों का निर्माण करने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। परीक्षा की दृष्टि से उपसर्गों का सही ज्ञान और प्रयोग समझना आवश्यक है।
उपसर्ग (Upasarga): धातु या शब्द से पूर्व जुड़ने वाले वे अविकारी शब्दांश जो उनके अर्थ में परिवर्तन या विशेषता लाते हैं। संस्कृत में: “उपसर्गाः क्रियायोगे” (अष्टाध्यायी 1.4.59) अर्थ: क्रिया के साथ जुड़ने पर ही इनकी उपसर्ग संज्ञा होती है।
2. उपसर्ग क्या हैं? (What are Upasargas?)
उपसर्ग वे अव्यय (indeclinable words) या अविकारी शब्दांश होते हैं जो क्रिया के मूल रूप धातु (Dhātu) के पहले जोड़े जाते हैं। ये स्वतंत्र रूप से प्रयोग नहीं किए जा सकते, बल्कि किसी धातु या शब्द के साथ जुड़कर ही अर्थवान होते हैं।
उपसर्गों के कार्य (Functions of Upasargas):
- अर्थ परिवर्तन (Change in Meaning): धातु के मूल अर्थ को बदल देते हैं।
- अर्थ वैशिष्ट्य (Specialization of Meaning): अर्थ को और अधिक विशिष्ट बनाते हैं।
- अर्थ तीव्रता (Intensification of Meaning): अर्थ में तीव्रता या बल लाते हैं।
- नवीन शब्द निर्माण (Creation of New Words): नए क्रियापद या शब्द बनाने में सहायक होते हैं।
3. संस्कृत के 22 उपसर्ग (The 22 Upasargas in Sanskrit)
संस्कृत में कुल 22 उपसर्ग माने गए हैं, जो इस प्रकार हैं:
- प्र (pra): अधिकता, श्रेष्ठता, आगे (more, excellence, forward)
- परा (parā): पीछे, विपरीत, अनादर (behind, opposite, disrespect)
- अप (apa): दूर, हीनता, अभाव (away, inferiority, absence)
- सम् (sam): साथ, अच्छा, पूर्णता (together, good, completeness)
- अनु (anu): पीछे, साथ, समानता (after, along with, similarity)
- अव (ava): नीचे, हीनता, कमी (down, inferiority, deficiency)
- निस् (nis): बाहर, बिना, निषेध (out, without, prohibition)
- निर् (nir): बाहर, बिना, अभाव (out, without, absence)
- दुस् (dus): बुरा, कठिन (bad, difficult)
- दुर् (dur): बुरा, कठिन (bad, difficult)
- वि (vi): विशेष, भिन्नता, अभाव (special, difference, absence)
- आङ् (āṅ / आ): तक, ओर, कमी, विपरीत (up to, towards, deficiency, opposite)
- नि (ni): नीचे, अंदर, निश्चितता (down, inside, certainty)
- अधि (adhi): ऊपर, प्रधानता, श्रेष्ठता (above, principal, superiority)
- अपि (api): भी, ढँकना, निश्चय (also, covering, certainty)
- अति (ati): अधिक, ऊपर, परे (more, above, beyond)
- सु (su): अच्छा, सरल, सुंदर (good, easy, beautiful)
- उत् (ut): ऊपर, उत्कर्ष, श्रेष्ठता (up, upliftment, excellence)
- अभि (abhi): ओर, सामने, पूर्णता (towards, in front, completeness)
- प्रति (prati): ओर, विपरीत, हर एक (towards, opposite, each)
- परि (pari): चारों ओर, पूर्णता (around, completeness)
- उप (upa): समीप, सहायक, छोटा (near, assistant, small)
4. उपसर्गों का धातु के साथ प्रयोग (Usage of Upasargas with Dhātus)
उपसर्गों के जुड़ने से धातु के अर्थ में कैसे परिवर्तन आता है, इसे उदाहरणों से समझते हैं:
धातु: ‘हृ’ (हरण करना / to carry, to take away)
- प्र + हृ = प्रहरति (प्रहार करना / to strike)
- आ + हृ = आहरति (लाता है / to bring)
- सम् + हृ = संहरति (संहार करना / to destroy)
- वि + हृ = विहरति (घूमना / to roam, to play)
- परि + हृ = परिहरति (त्यागना / to avoid)
- उप + हृ = उपहरति (भेंट देना / to offer a gift)
धातु: ‘गम्/गच्छ्’ (जाना / to go)
- आ + गच्छति = आगच्छति (आता है / comes)
- अनु + गच्छति = अनुगच्छति (पीछे जाता है / follows)
- अव + गच्छति = अवगच्छति (समझता है / understands)
- निस् + गच्छति = निर्गच्छति (निकलता है / goes out)
- उत् + गच्छति = उद्गच्छति (ऊपर जाता है / rises)
- प्र + गच्छति = प्रगच्छति (आगे जाता है / proceeds)
कुछ अन्य उदाहरण:
- प्र + भवति = प्रभवति (उत्पन्न होता है / originates)
- परा + भवति = पराभवति (हारता है / is defeated)
- अप + करोति = अपकरोति (अपमान करता है / does harm)
- सम् + कल्पः = संकल्पः (निश्चित विचार / resolve)
- अनु + भवति = अनुभवति (अनुभव करता है / experiences)
- अव + गाहते = अवगाहते (डूबता है / immerses)
- निस् + शङ्कः = निश्शङ्कः (शंका रहित / fearless)
- दुर् + जनः = दुर्जनः (बुरा व्यक्ति / wicked person)
- वि + क्रियते = विक्रीते (बेचा जाता है / is sold)
- आ + करोति = आकरोति (करता है / does)
- नि + पतति = निपतति (नीचे गिरता है / falls down)
- अधि + राजते = अधिराजते (शासन करता है / rules)
- अति + रिक्तम् = अतिरिक्तम् (अतिरिक्त / extra)
- सु + पुत्रः = सुपुत्रः (अच्छा पुत्र / good son)
- उत् + तिष्ठति = उत्तिष्ठति (उठता है / stands up)
- अभि + मुखम् = अभिमुखम् (सामने / facing)
- प्रति + ध्वनिः = प्रतिध्वनिः (गूँज / echo)
- परि + पूर्णम् = परिपूर्णम् (पूरी तरह से भरा हुआ / complete)
- उप + करोति = उपकरोति (उपकार करता है / helps)
5. परीक्षा के लिए महत्व (Importance for Exams)
एमपी बोर्ड की 12वीं कक्षा की संस्कृत परीक्षाओं में उपसर्गों से संबंधित प्रश्न निश्चित रूप से पूछे जाते हैं। इन पर पकड़ बनाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- 22 उपसर्गों को कंठस्थ करें: सभी 22 उपसर्गों और उनके सामान्य अर्थों को याद करें।
- प्रयोग समझना: यह समझें कि एक ही धातु के साथ अलग-अलग उपसर्गों के जुड़ने से अर्थ कैसे बदल जाता है।
- विच्छेद/संयोजन का अभ्यास: दिए गए पद में से उपसर्ग को अलग करने (विच्छेद) और उपसर्ग को धातु या शब्द से जोड़कर नया पद बनाने (संयोजन) का अभ्यास करें।
- उदाहरणों पर ध्यान दें: पाठ्यपुस्तक में दिए गए और ऊपर बताए गए उदाहरणों पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि वे अक्सर परीक्षा में पूछे जाते हैं।
- नियमित पुनरावृत्ति (Regular Revision): उपसर्गों के नियमों और प्रयोगों की नियमित रूप से पुनरावृत्ति करें ताकि वे स्मृति में बने रहें।
इन बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करके आप संस्कृत में उपसर्गों के प्रश्नों को प्रभावी ढंग से हल कर सकते हैं और परीक्षा में उत्कृष्ट अंक प्राप्त कर सकते हैं।
उपसर्ग पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) – संस्कृत
संस्कृत व्याकरण में “उपसर्ग” क्या होते हैं?
a) क्रिया के अंत में जुड़ने वाले शब्दांश
b) धातु या शब्द के पहले जुड़ने वाले शब्दांश
c) दो शब्दों को जोड़ने वाले शब्द
d) वाक्य के अंत में आने वाले अव्यय
उत्तर: b) धातु या शब्द के पहले जुड़ने वाले शब्दांश
“उपसर्गाः क्रियायोगे” यह सूत्र किससे संबंधित है?
a) धातु से
b) प्रत्यय से
c) उपसर्ग से
d) समास से
उत्तर: c) उपसर्ग से
उपसर्ग स्वतंत्र रूप से प्रयोग किए जा सकते हैं या नहीं?
a) हाँ, हमेशा
b) नहीं, कभी नहीं
c) कभी-कभी
d) केवल क्रिया के साथ
उत्तर: b) नहीं, कभी नहीं
संस्कृत में कुल कितने उपसर्ग माने गए हैं?
a) 10
b) 12
c) 18
d) 22
उत्तर: d) 22
‘प्र’ उपसर्ग का सामान्य अर्थ क्या है?
a) पीछे
b) दूर
c) आगे, श्रेष्ठता
d) नीचे
उत्तर: c) आगे, श्रेष्ठता
‘परा’ उपसर्ग का अर्थ क्या है?
a) साथ
b) पीछे, विपरीत
c) अच्छा
d) ऊपर
उत्तर: b) पीछे, विपरीत
‘अप’ उपसर्ग का अर्थ क्या दर्शाता है?
a) निकटता
b) अभाव, हीनता
c) पूर्णता
d) विशेष
उत्तर: b) अभाव, हीनता
‘सम्’ उपसर्ग जुड़ने पर सामान्यतः क्या अर्थ देता है?
a) भिन्नता
b) बाहर
c) साथ, पूर्णता
d) अधिकता
उत्तर: c) साथ, पूर्णता
‘अनु’ उपसर्ग का अर्थ क्या है?
a) विपरीत
b) समानता, पीछे
c) बाहर
d) ऊपर
उत्तर: b) समानता, पीछे
‘अव’ उपसर्ग किस अर्थ को प्रकट करता है?
a) श्रेष्ठता
b) नीचे, कमी
c) सामने
d) चारों ओर
उत्तर: b) नीचे, कमी
‘निस्’ और ‘निर्’ उपसर्ग का सामान्य अर्थ क्या है?
a) अंदर
b) निश्चितता
c) बाहर, बिना
d) सहायक
उत्तर: c) बाहर, बिना
‘दुर्’ और ‘दुस्’ उपसर्ग किस प्रकार के अर्थ का बोध कराते हैं?
a) अच्छा
b) बुरा, कठिन
c) सरल
d) बहुत
उत्तर: b) बुरा, कठिन
‘वि’ उपसर्ग का अर्थ क्या दर्शाता है?
a) साथ
b) विपरीत, भिन्नता
c) अंदर
d) पास
उत्तर: b) विपरीत, भिन्नता
‘आङ्’ (आ) उपसर्ग का अर्थ क्या है?
a) नीचे
b) तक, ओर
c) ऊपर
d) पीछे
उत्तर: b) तक, ओर
‘अधि’ उपसर्ग किस अर्थ में प्रयोग होता है?
a) नीचे
b) हीनता
c) ऊपर, प्रधानता
d) छोटा
उत्तर: c) ऊपर, प्रधानता
‘अति’ उपसर्ग का अर्थ क्या है?
a) कमी
b) अधिक, परे
c) सामान्य
d) सुंदर
उत्तर: b) अधिक, परे
‘सु’ उपसर्ग का अर्थ क्या है?
a) बुरा
b) कठिन
c) अच्छा, सरल
d) निषेध
उत्तर: c) अच्छा, सरल
‘उत्’ उपसर्ग का अर्थ क्या दर्शाता है?
a) नीचे
b) ऊपर, उत्कर्ष
c) अंदर
d) पीछे
उत्तर: b) ऊपर, उत्कर्ष
‘प्रति’ उपसर्ग का अर्थ क्या है?
a) सामने
b) ओर, विपरीत
c) चारों ओर
d) समीप
उत्तर: b) ओर, विपरीत
‘उप’ उपसर्ग का अर्थ क्या है?
a) दूर
b) ऊपर
c) समीप, सहायक
d) अधिकता
उत्तर: c) समीप, सहायक