MP board Class 9 SST Physical Features of India : यहाँ कक्षा 9वीं सामाजिक विज्ञान की पुस्तक “समकालीन भारत” के अध्याय 2 “भारत का भौतिक स्वरूप” (Physical Features of India) के विस्तृत नोट्स हिंदी में दिए गए हैं, जो छात्रों के लिए परीक्षा की तैयारी में सहायक होंगे और आसानी से याद किए जा सकेंगे।
अध्याय 2: भारत का भौतिक स्वरूप
1. परिचय (Introduction)
भारत एक विशाल देश है जिसकी भू-आकृति (landform) बहुत अलग-अलग है। यहाँ पर्वत (mountains), मैदान (plains), पठार (plateaus), रेगिस्तान (deserts), तटीय मैदान (coastal plains) और द्वीप समूह (island groups) पाए जाते हैं। ये सभी भू-आकृतियाँ अलग-अलग भूगर्भीय काल (geological periods) और प्रक्रियाओं (processes) का परिणाम हैं।
2. मुख्य भौगोलिक वितरण (Major Physiographic Divisions)
भारत को मुख्य रूप से छह भौगोलिक भागों में बांटा जा सकता है:
- हिमालय पर्वत (The Himalayan Mountains)
- उत्तरी मैदान (The Northern Plains)
- प्रायद्वीपीय पठार (The Peninsular Plateau)
- भारतीय मरुस्थल (The Indian Desert)
- तटीय मैदान (The Coastal Plains)
- द्वीप समूह (The Islands)
3. विस्तार से भौगोलिक वितरण (Detailed Physiographic Divisions)
2.1 हिमालय पर्वत (The Himalayan Mountains)
- स्थिति और बनावट (Location and Formation):
- यह भारत की उत्तरी सीमा पर स्थित है।
- ये युवा वलित पर्वत (Young Fold Mountains) हैं, जो टेक्टोनिक प्लेटों (tectonic plates) के टकराव (collision) से बने हैं।
- हिमालय पश्चिम से पूर्व दिशा में सिंधु (Indus) से ब्रह्मपुत्र (Brahmaputra) तक फैला हुआ है।
- इनकी चौड़ाई कश्मीर में 400 किमी और अरुणाचल प्रदेश में 150 किमी है।
- मुख्य समांतर श्रृंखलाएँ (Main Parallel Ranges): हिमालय को उत्तर से दक्षिण तक तीन मुख्य भागों में बांटा गया है:
- बृहत् या आंतरिक हिमालय / हिमाद्री (The Great or Inner Himalayas / Himadri):
- यह सबसे उत्तरी और सबसे ऊँची श्रृंखला है।
- यहाँ औसत ऊँचाई 6,000 मीटर है।
- इसमें हिमालय के सभी प्रमुख शिखर (peaks) शामिल हैं, जैसे माउंट एवरेस्ट (Mount Everest) और कंचनजंगा (Kanchenjunga)।
- यहाँ ग्रेनाइट (granite) की चट्टानें मिलती हैं।
- निम्न हिमालय / हिमाचल (The Lesser Himalayas / Himachal):
- यह हिमाद्री के दक्षिण में स्थित है।
- इनकी ऊँचाई 3,700 से 4,500 मीटर के बीच है।
- यहाँ कश्मीर घाटी (Kashmir Valley), हिमाचल प्रदेश में कुल्लू घाटी (Kullu Valley) जैसे प्रसिद्ध घाटियाँ (valleys) हैं।
- पीर पंजाल (Pir Panjal) और धौलाधार (Dhaula Dhar) जैसी प्रमुख पर्वतमालाएँ यहाँ हैं।
- शिवालिक (The Shiwaliks):
- यह सबसे बाहरी और सबसे दक्षिणी श्रृंखला है।
- इनकी ऊँचाई 900 से 1,100 मीटर के बीच है।
- हिमाचल और शिवालिक के बीच की घाटियों को दून (Duns) कहते हैं, जैसे देहरादून (Dehradun), कोटली दून (Kotli Dun), पाटली दून (Patli Dun)।
- बृहत् या आंतरिक हिमालय / हिमाद्री (The Great or Inner Himalayas / Himadri):
- पूर्वांचल पहाड़ियाँ (The Purvanchal Hills):
- ब्रह्मपुत्र घाटी के पार, हिमालय दक्षिण की ओर तेजी से मुड़ता है और भारत की पूर्वी सीमा के साथ फैलता है।
- इन्हें पूर्वांचल या पूर्वी पहाड़ियाँ (Eastern Hills) कहते हैं।
- इनमें पटकाई (Patkai), नागा (Naga), मिज़ो (Mizo) और मणिपुर पहाड़ियाँ (Manipur Hills) शामिल हैं।
2.2 उत्तरी मैदान (The Northern Plains)
- बनावट (Formation):
- यह तीन प्रमुख नदी प्रणालियों (river systems) – सिंधु (Indus), गंगा (Ganga) और ब्रह्मपुत्र (Brahmaputra) और उनकी सहायक नदियों (tributaries) द्वारा लाई गई जलोढ़ निक्षेपों (alluvial deposits) से बना है।
- यह लाखों वर्षों में बना एक उपजाऊ मैदान (fertile plain) है।
- यह कृषि (agriculture) के लिए बहुत उपयुक्त है, इसलिए यहाँ जनसंख्या घनत्व (population density) बहुत अधिक है।
- विस्तार (Extent):
- इसका क्षेत्रफल लगभग 7 लाख वर्ग किलोमीटर है।
- यह 2,400 किमी लंबा और 240 से 320 किमी चौड़ा है।
- मुख्य विभाजन (Main Divisions):
- पंजाब के मैदान (Punjab Plains): सिंधु और उसकी सहायक नदियों द्वारा बने हैं। इस हिस्से का बड़ा भाग पाकिस्तान में है।
- गंगा के मैदान (Ganga Plains): घग्गर नदी से तीस्ता नदी तक फैले हैं। यह हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में हैं।
- ब्रह्मपुत्र के मैदान (Brahmaputra Plains): विशेष रूप से असम में।
- मैदानों के प्रकार (Types of Plains – based on relief):
- भाबर (Bhabar): शिवालिक की तलहटी में 8-16 किमी चौड़ी पट्टी, जहाँ नदियाँ कंकड़ जमा करती हैं और विलुप्त हो जाती हैं।
- तराई (Terai): भाबर के दक्षिण में नम और दलदली क्षेत्र, जहाँ नदियाँ फिर से निकल आती हैं। यह घने जंगलों वाला क्षेत्र था।
- भांगर (Bhangar): पुराने जलोढ़ मिट्टी से बने मैदानों का सबसे बड़ा भाग। ये नदी के बाढ़ मैदानों से ऊपर होते हैं। यहाँ कंकड़ और चूने के जमाव (kankar) होते हैं।
- खादर (Khadar): नए, युवा जलोढ़ निक्षेप जो बाढ़ मैदानों में पाए जाते हैं। ये हर साल बनते हैं और बहुत उपजाऊ होते हैं।
2.3 प्रायद्वीपीय पठार (The Peninsular Plateau)
- बनावट और विशेषताएँ (Formation and Characteristics):
- यह भारत का सबसे पुराना भू-भाग (oldest landmass) है।
- यह गोंडवाना भूमि (Gondwana land) के टूटने और बहने से बना है, इसलिए यह एक स्थिर भू-भाग (stable landmass) है।
- यह आग्नेय (igneous) और कायांतरित (metamorphic) चट्टानों से बना है।
- इसकी आकृति त्रिभुजाकार (triangular) है।
- मुख्य विभाजन (Main Divisions):
- मध्य उच्च भूमि (The Central Highlands):
- नर्मदा नदी (Narmada River) के उत्तर में स्थित है, जो मालवा पठार (Malwa Plateau) के एक बड़े हिस्से को कवर करता है।
- पूर्व में छोटानागपुर पठार (Chota Nagpur Plateau) इसका पूर्वी विस्तार है।
- इसके पश्चिम में अरावली पहाड़ियाँ (Aravalli Hills) हैं, जो दुनिया की सबसे पुरानी वलित पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है।
- यहाँ की नदियाँ (जैसे चंबल, सिंध, बेतवा, केन) दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व दिशा में बहती हैं।
- दक्कन का पठार (The Deccan Plateau):
- नर्मदा नदी के दक्षिण में एक त्रिभुजाकार भू-भाग।
- इसका पश्चिमी किनारा ऊँचा है और पूर्व की ओर धीरे-धीरे ढलान (slope) है।
- उत्तर में सतपुड़ा श्रृंखला (Satpura Range) और महादेव (Mahadev), कैमूर (Kaimur) पहाड़ियाँ तथा मैकाल श्रृंखला (Maikal Range) इसका पूर्वी विस्तार हैं।
- पठार का एक विस्तार उत्तर-पूर्व में भी देखा जाता है, जिसे स्थानीय रूप से मेघालय पठार (Meghalaya Plateau) कहते हैं।
- मध्य उच्च भूमि (The Central Highlands):
- पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट (Western Ghats and Eastern Ghats):
- पश्चिमी घाट: दक्कन के पठार के पश्चिमी किनारे पर स्थित हैं। ये लगातार (continuous) हैं और केवल दर्रों (passes) से ही पार किए जा सकते हैं। इनकी औसत ऊँचाई 900 से 1,600 मीटर है। यहाँ ऊँचे शिखर (Anai Mudi, Doda Betta) हैं। ये पर्वतीय वर्षा (orographic rain) का कारण बनते हैं।
- पूर्वी घाट: दक्कन के पठार के पूर्वी किनारे पर स्थित हैं। ये अनियमित (discontinuous) और कटे-फटे हैं, क्योंकि नदियों ने इन्हें काट दिया है। इनकी औसत ऊँचाई 600 मीटर है। महेंद्रगिरी (Mahendragiri) यहाँ का सबसे ऊँचा शिखर है।
2.4 भारतीय मरुस्थल (The Indian Desert)
- स्थिति और विशेषताएँ (Location and Characteristics):
- यह अरावली पहाड़ियों के पश्चिमी किनारे पर स्थित है।
- यह एक रेतीला मैदान (sandy plain) है जहाँ बहुत कम वर्षा (150 मिमी से कम) होती है।
- यहाँ शुष्क जलवायु (arid climate) और बहुत कम वनस्पति आवरण (vegetation cover) है।
- लूनी नदी (Luni River) यहाँ की एकमात्र प्रमुख नदी है, जो केवल वर्षा ऋतु में ही बहती है।
- यहाँ बरकान (Barchans) पाए जाते हैं, जो अर्धचंद्राकार रेत के टीले (crescent-shaped dunes) होते हैं।
2.5 तटीय मैदान (The Coastal Plains)
- स्थिति (Location):
- ये प्रायद्वीपीय पठार के किनारे-किनारे अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के साथ स्थित हैं।
- मुख्य विभाजन (Main Divisions):
- पश्चिमी तटीय मैदान (The Western Coastal Plain):
- यह अरब सागर और पश्चिमी घाट के बीच स्थित है।
- यह संकीर्ण (narrow) है।
- इसके तीन भाग हैं: कोंकण (Konkan) (मुंबई से गोवा तक), कन्नड़ मैदान (Kannad Plain) (मध्य भाग), और मालाबार तट (Malabar Coast) (दक्षिणी भाग)।
- पूर्वी तटीय मैदान (The Eastern Coastal Plain):
- यह बंगाल की खाड़ी और पूर्वी घाट के बीच स्थित है।
- यह चौड़ा (wider) और समतल (level) है।
- इसके दो मुख्य भाग हैं: उत्तरी सरकार (Northern Circar) (उत्तरी भाग) और कोरोमंडल तट (Coromandel Coast) (दक्षिणी भाग)।
- यहाँ महानदी (Mahanadi), गोदावरी (Godavari), कृष्णा (Krishna) और कावेरी (Kaveri) जैसी बड़ी नदियाँ डेल्टा (deltas) बनाती हैं।
- चिल्का झील (Chilika Lake), ओडिशा में, भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है, जो पूर्वी तट पर स्थित है।
- पश्चिमी तटीय मैदान (The Western Coastal Plain):
2.6 द्वीप समूह (The Islands)
- मुख्य द्वीप समूह (Main Island Groups):
- लक्षद्वीप द्वीप समूह (Lakshadweep Islands):
- यह अरब सागर में केरल के मालाबार तट के पश्चिम में स्थित है।
- यह छोटे प्रवाल द्वीपों (coral islands) से बना है।
- इनका क्षेत्रफल बहुत छोटा (32 वर्ग किमी) है।
- पहले इन्हें लकादीव (Laccadive), मिनिकॉय (Minicoy) और अमीनदीव (Amindive) के नाम से जाना जाता था। 1973 में इनका नाम लक्षद्वीप रखा गया।
- कवरत्ती द्वीप (Kavaratti Island) लक्षद्वीप की प्रशासनिक राजधानी है।
- यहाँ जीवों और पौधों (flora and fauna) की बहुत विविधता है।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Islands):
- यह बंगाल की खाड़ी में स्थित है।
- ये द्वीप समूह आकार में बड़े और संख्या में अधिक (लगभग 572) और बिखरे हुए हैं।
- इन्हें माना जाता है कि ये जलमग्न पर्वतों (submerged mountains) की चोटियाँ (peaks) हैं।
- इनका सामरिक महत्व (strategic importance) बहुत अधिक है।
- भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी (active volcano) बैरन द्वीप (Barren Island) अंडमान और निकोबार में स्थित है।
- लक्षद्वीप द्वीप समूह (Lakshadweep Islands):
4. प्रत्येक भू-आकृति का महत्व (Significance of Each Physiographic Division)
- हिमालय: ठंडी उत्तरी हवाओं से रक्षा करता है, नदियों का स्रोत है, खनिज और पर्यटन के लिए महत्वपूर्ण है।
- उत्तरी मैदान: देश के अनाज भंडार (granaries) हैं, उपजाऊ भूमि और घनी आबादी है।
- प्रायद्वीपीय पठार: खनिजों (minerals) का भंडार (जैसे लोहा, कोयला), काली मिट्टी (black soil) और वन क्षेत्र।
- भारतीय मरुस्थल: अद्वितीय मरुस्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र (desert ecosystem) और पर्यटन।
- तटीय मैदान: मछली पकड़ने (fishing) और बंदरगाहों (ports) के लिए महत्वपूर्ण, चावल की खेती।
- द्वीप समूह: रणनीतिक स्थान, जैव विविधता (biodiversity) और पर्यटन।
परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण बिंदु (Important Points for Exam):
- हिमालय: तीन समांतर श्रृंखलाएँ (हिमाद्री, हिमाचल, शिवालिक) और उनके बीच के दून।
- उत्तरी मैदान: तीन प्रमुख नदियाँ (सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र), और भू-आकृति के आधार पर मैदानों का विभाजन (भाबर, तराई, भांगर, खादर)।
- प्रायद्वीपीय पठार: मध्य उच्च भूमि और दक्कन का पठार। पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट के बीच का अंतर (निरंतरता, ऊँचाई)।
- भारतीय मरुस्थल: कम वर्षा, लूनी नदी, बरकान।
- तटीय मैदान: पश्चिमी और पूर्वी तटीय मैदान के उप-विभाग (कोंकण, मालाबार, उत्तरी सरकार, कोरोमंडल) और उनकी चौड़ाई का अंतर। चिल्का झील।
- द्वीप समूह: लक्षद्वीप (प्रवाल द्वीप, कवरत्ती) और अंडमान-निकोबार (जलमग्न पर्वत, सक्रिय ज्वालामुखी बैरन द्वीप) की विशेषताएँ।
- प्रत्येक भू-आकृति का भारत के लिए क्या महत्व है।
अभ्यास: सही उत्तर चुनिए
1.एक स्थलीय भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो-
(क) तट
(ख) प्रायद्वीप
(ग) द्वीप
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ख) प्रायद्वीप
2.भारत के पूर्वी भाग में म्यांमार की सीमा का निर्धारण करने वाले पर्वतों का संयुक्त नाम-
(क) हिमाचल
(ख) पूर्वांचल
(ग) उत्तराखण्ड
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ख) पूर्वांचल
3.गोवा के दक्षिण में स्थित पश्चिम तटीय पट्टी-
(क) कोरोमंडल
(ख) कन्नड़
(ग) कोंकण
(घ) उत्तरी सरकार
उत्तर: (ख) कन्नड़
4.पूर्वी घाट का सर्वोच्च शिखर-
(क) अनाईमुडी
(ख) महेंद्रगिरि
(ग) कंचनजुंगा
(घ) खासी
उत्तर: (ख) महेंद्रगिरि
2. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दीजिए:
- (i) ‘भाबर’ क्या है?
- उत्तर: भाबर शिवालिक की तलहटी में 8 से 16 किलोमीटर चौड़ी एक कंकड़ युक्त संकरी पट्टी है। नदियाँ पर्वतों से उतरते समय अपने साथ लाए गए बड़े कंकड़ यहाँ जमा करती हैं, और इस पट्टी में नदियाँ विलुप्त हो जाती हैं।
- (ii) हिमालय के तीन प्रमुख विभागों के नाम उत्तर से दक्षिण के क्रम में बताइए?
- उत्तर: हिमालय के तीन प्रमुख विभाग उत्तर से दक्षिण के क्रम में निम्नलिखित हैं:
- हिमाद्री (या बृहत् हिमालय)
- हिमाचल (या निम्न हिमालय)
- शिवालिक (या बाह्य हिमालय)
- (iii) अरावली और विंध्याचल की पहाड़ियों में कौन-सा पठार स्थित है?
- उत्तर: अरावली और विंध्याचल की पहाड़ियों के बीच मालवा का पठार स्थित है, जो प्रायद्वीपीय पठार की मध्य उच्च भूमि का एक प्रमुख हिस्सा है।
- (iv) भारत के उन द्वीपों के नाम बताइए जो प्रवाल भित्ति के हैं।
- उत्तर: भारत में लक्षद्वीप द्वीप समूह प्रवाल भित्ति (कोरल रीफ) से बने द्वीप हैं। ये केरल के मालाबार तट के पश्चिम में अरब सागर में स्थित हैं।
3. निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कौजिए:
- (i) भांगर और खादर
विशेषता | भांगर | खादर |
---|---|---|
मिट्टी का प्रकार | पुराने जलोढ़ (alluvium) मिट्टी से बना है। | नए और युवा जलोढ़ मिट्टी से बना है। |
स्थिति | यह नदी के बाढ़ मैदानों से ऊपर स्थित होता है। | यह नदी के बाढ़ मैदानों में निचले इलाकों में पाया जाता है। |
संरचना | यहाँ चूनेदार जमाव (कंकड़) पाए जाते हैं। | यहाँ कोई कंकड़ नहीं पाए जाते, मिट्टी बारीक होती है। |
उपजाऊपन | यह खादर की तुलना में कम उपजाऊ होता है। | यह हर साल नवीनीकृत होता है और अत्यधिक उपजाऊ होता है। |
- (ii) पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट
विशेषता | पश्चिमी घाट | पूर्वी घाट |
---|---|---|
स्थिति | यह भारत के पश्चिमी तट के समानांतर स्थित हैं। | यह भारत के पूर्वी तट के समानांतर स्थित हैं। |
निरंतरता | ये लगातार (continuous) हैं और केवल दर्रों (passes) से ही पार किए जा सकते हैं। | ये अनियमित (discontinuous) और कटे-फटे हैं, क्योंकि नदियों ने इन्हें काट दिया है। |
औसत ऊँचाई | इनकी औसत ऊँचाई 900 से 1,600 मीटर है। | इनकी औसत ऊँचाई 600 मीटर है। |
वर्षा | ये मानसूनी पवनों के रास्ते में आकर पर्वतीय वर्षा करते हैं। | ये मानसूनी पवनों के समानांतर होने के कारण कम वर्षा करते हैं। |
सर्वोच्च शिखर | अनाईमुडी (दक्षिण भारत का सर्वोच्च शिखर), डोडाबेटा। | महेंद्रगिरी (पारंपरिक रूप से सबसे ऊँचा)। |
4. भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन से हैं? हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय पठार के उच्चावच लक्षणों में क्या अंतर है?
- भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग: भारत को मुख्य रूप से छह प्रमुख भू-आकृतिक विभागों में बांटा गया है:
- हिमालय पर्वत
- उत्तरी मैदान
- प्रायद्वीपीय पठार
- भारतीय मरुस्थल
- तटीय मैदान
- द्वीप समूह
- हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय पठार के उच्चावच लक्षणों में अंतर:
विशेषता | हिमालय क्षेत्र | प्रायद्वीपीय पठार |
---|---|---|
भूगर्भीय संरचना | ये युवा वलित पर्वत हैं, भूगर्भीय रूप से अस्थिर क्षेत्र में स्थित हैं। | यह भारत का सबसे पुराना और स्थिर भू-भाग है। |
चट्टानें | मुख्य रूप से अवसादी चट्टानों से बने हैं। | आग्नेय तथा कायांतरित चट्टानों से बना है। |
शिखर और घाटियाँ | इनमें ऊँचे शिखर (जैसे माउंट एवरेस्ट), गहरी घाटियाँ और तेज बहने वाली नदियाँ पाई जाती हैं। | इसमें गोलाकार या कम ऊँचाई वाली पहाड़ियाँ और चौड़ी तथा छिछली घाटियाँ पाई जाती हैं। |
नदियाँ | यहाँ से निकलने वाली नदियाँ बारहमासी होती हैं और तीव्र ढाल पर बहती हैं। | यहाँ की नदियाँ मौसमी होती हैं और अपेक्षाकृत कम वेग से बहती हैं। |
आकृति | इनकी आकृति नुकीली चोटियों वाली है। | इनकी आकृति गोलाकार पहाड़ियों वाली है। |
5. भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर: भारत का उत्तरी मैदान तीन प्रमुख नदी प्रणालियों—सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र—तथा इनकी सहायक नदियों द्वारा लाए गए जलोढ़ निक्षेपों (alluvial deposits) से बना है। यह मैदान लाखों वर्षों में बना है और अत्यधिक उपजाऊ है, जिसके कारण यह भारत का सबसे सघन जनसंख्या वाला भौगोलिक क्षेत्र है और इसे “भारत का अन्न भंडार” (granary of India) भी कहा जाता है।
यह मैदान लगभग 7 लाख वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। इसकी लंबाई लगभग 2,400 किलोमीटर और चौड़ाई 240 से 320 किलोमीटर के बीच है।
उत्तरी मैदान को मोटे तौर पर तीन मुख्य भागों में बांटा जा सकता है:
- पंजाब के मैदान: सिंधु और उसकी सहायक नदियों द्वारा निर्मित, जिसका बड़ा हिस्सा पाकिस्तान में है।
- गंगा के मैदान: घग्गर नदी से तीस्ता नदी तक फैले हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल का बड़ा भाग शामिल है।
- ब्रह्मपुत्र के मैदान: मुख्यतः असम राज्य में स्थित हैं।
उच्चावच की विभिन्नता के आधार पर, उत्तरी मैदान को चार प्रमुख क्षेत्रों में बांटा गया है:
- भाबर: शिवालिक की तलहटी में स्थित कंकड़ युक्त पट्टी जहाँ नदियाँ विलुप्त हो जाती हैं।
- तराई: भाबर के दक्षिण में नम और दलदली क्षेत्र जहाँ नदियाँ फिर से निकल आती हैं।
- भांगर: पुराने जलोढ़ मिट्टी से बने मैदानों का सबसे बड़ा भाग, जो बाढ़ मैदानों से ऊपर स्थित होता है और इसमें चूने के जमाव (कंकड़) होते हैं।
- खादर: नए और युवा जलोढ़ निक्षेप वाले बाढ़ मैदान जो हर साल बाढ़ के पानी से नवीनीकृत होते हैं और अत्यधिक उपजाऊ होते हैं।
निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए:
1. मध्य हिमालय (The Middle Himalayas / Himachal)
मध्य हिमालय को निम्न हिमालय या हिमाचल के नाम से भी जाना जाता है। यह हिमालय की श्रृंखलाओं में हिमाद्री (या बृहत् हिमालय) के दक्षिण में स्थित है। इसकी औसत ऊँचाई 3,700 से 4,500 मीटर के बीच है और चौड़ाई लगभग 50 किलोमीटर है। इस भाग में अत्यधिक संपीडित और परिवर्तित चट्टानें पाई जाती हैं। यहाँ पीर पंजाल (सबसे लंबी श्रृंखला), धौलाधार और महाभारत जैसी महत्वपूर्ण पर्वत श्रृंखलाएँ स्थित हैं। कश्मीर घाटी, हिमाचल प्रदेश में काँगड़ा और कुल्लू जैसी प्रसिद्ध घाटियाँ यहीं स्थित हैं, जो अपने खूबसूरत पहाड़ी नगरों जैसे शिमला, मसूरी, नैनीताल और दार्जिलिंग के लिए जानी जाती हैं।
2. मध्य उच्च भूमि (The Central Highlands)
मध्य उच्च भूमि प्रायद्वीपीय पठार के दो मुख्य भागों में से एक है। यह नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है और मालवा के पठार के एक बड़े हिस्से को कवर करता है। इसके पश्चिम में अरावली पहाड़ियाँ स्थित हैं, और यह पूर्व में छोटानागपुर पठार तक फैला हुआ है। इस क्षेत्र की अधिकांश नदियाँ जैसे चंबल, सिंध, बेतवा और केन दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर बहती हैं, जो इस क्षेत्र के ढलान को दर्शाती हैं। मध्य उच्च भूमि का पश्चिमी भाग चौड़ा है, जबकि पूर्वी भाग संकरा होता जाता है।
3. भारत के द्वीप समूह (The Indian Island Groups)
भारत में दो प्रमुख द्वीप समूह हैं:
- लक्षद्वीप द्वीप समूह (Lakshadweep Islands):
- यह अरब सागर में, केरल के मालाबार तट के पश्चिम में स्थित है।
- यह छोटे प्रवाल द्वीपों (Coral Islands) से बना है।
- इसका क्षेत्रफल बहुत छोटा (केवल 32 वर्ग किलोमीटर) है।
- कवरत्ती द्वीप इसकी प्रशासनिक राजधानी है।
- यह क्षेत्र अपनी विविध वनस्पतियों और जीवों (flora and fauna) के लिए जाना जाता है।
- अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Islands):
- यह बंगाल की खाड़ी में स्थित है।
- ये द्वीप समूह आकार में बड़े, संख्या में अधिक और बिखरे हुए हैं।
- माना जाता है कि ये जलमग्न (submerged) पर्वतों की चोटियाँ हैं।
- इनका देश के लिए सामरिक महत्व (strategic importance) बहुत अधिक है।
- भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी बैरन द्वीप यहीं स्थित है।
- ये द्वीप भूमध्य रेखा के करीब होने के कारण घने जंगल और अत्यधिक जैव विविधता वाले हैं।
क्रियाकलाप
o दी गई वर्ग पहेली में कुछ शिखरों, दरों , श्रेणियों , पठारों, पहाड़ियाँ एवं घाटियों के नाम छुपे हैं। उन्हें दूँढिए।
o ज्ञात कीजिए कि ये आकृतियाँ कहाँ स्थित हैं? आप अपनी खोज क्षैतिज, ऊर्ध्वाधर या विकर्णीय दिशा में कर
सकते हैं।
नोट; पहेली के उत्तर अग्रेज़ी के शब्दों में हैं।
अध्याय 2: भारत का भौतिक स्वरूप – बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
भारत का कौन सा भू-भाग सबसे पुराना है और गोंडवाना भूमि के टूटने से बना है?
a) उत्तरी मैदान
b) हिमालय पर्वत
c) प्रायद्वीपीय पठार
d) भारतीय मरुस्थल
उत्तर: c) प्रायद्वीपीय पठार
हिमालय पर्वत किस प्रकार के पर्वत हैं?
a) प्राचीन वलित पर्वत
b) युवा वलित पर्वत
c) ज्वालामुखी पर्वत
d) अवशिष्ट पर्वत
उत्तर: b) युवा वलित पर्वत
हिमालय की सबसे ऊँची और सबसे उत्तरी श्रृंखला को क्या कहते हैं?
a) शिवालिक
b) हिमाचल
c) हिमाद्री
d) पूर्वांचल
उत्तर: c) हिमाद्री
देहरादून, कोटली दून और पाटली दून जैसी प्रसिद्ध दून घाटियाँ हिमालय के किन दो प्रमुख श्रृंखलाओं के बीच स्थित हैं?
a) हिमाद्री और हिमाचल
b) हिमाचल और शिवालिक
c) शिवालिक और उत्तरी मैदान
d) हिमाद्री और पूर्वांचल
उत्तर: b) हिमाचल और शिवालिक
भारत का उत्तरी मैदान मुख्य रूप से किन तीन प्रमुख नदी प्रणालियों द्वारा बना है?
a) गंगा, यमुना, सरस्वती
b) सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र
c) नर्मदा, तापी, गोदावरी
d) कृष्णा, कावेरी, महानदी
उत्तर: b) सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र
उत्तरी मैदान का वह भाग जो पुराने जलोढ़ मिट्टी से बना है और नदी के बाढ़ मैदानों से ऊपर स्थित होता है, क्या कहलाता है?
a) भाबर
b) तराई
c) भांगर
d) खादर
उत्तर: c) भांगर
नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित प्रायद्वीपीय पठार के भाग को क्या कहते हैं?
a) दक्कन का पठार
b) छोटानागपुर पठार
c) मध्य उच्च भूमि
d) मालवा पठार
उत्तर: c) मध्य उच्च भूमि
अरावली पहाड़ियाँ किस पठार के पश्चिमी किनारे पर स्थित हैं?
a) दक्कन का पठार
b) मालवा का पठार
c) छोटानागपुर का पठार
d) मेघालय पठार
उत्तर: b) मालवा का पठार
भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी ‘बैरन द्वीप’ किस द्वीप समूह में स्थित है?
a) लक्षद्वीप द्वीप समूह
b) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
c) दीव
d) दमन
उत्तर: b) अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
पश्चिमी घाट के संबंध में कौन सा कथन सही है?
a) ये अनियमित और कटे-फटे हैं।
b) इनकी औसत ऊँचाई पूर्वी घाट से कम है।
c) ये लगातार हैं और केवल दर्रों से ही पार किए जा सकते हैं।
d) यहाँ महानदी, गोदावरी जैसी नदियाँ डेल्टा बनाती हैं।
उत्तर: c) ये लगातार हैं और केवल दर्रों से ही पार किए जा सकते हैं।
भारत का कौन सा मरुस्थल अरावली पहाड़ियों के पश्चिमी किनारे पर स्थित है और कम वर्षा प्राप्त करता है?
a) कच्छ का रण
b) लद्दाख मरुस्थल
c) थार मरुस्थल
d) स्पिति घाटी
उत्तर: c) थार मरुस्थल
मालाबार तट भारत के किस तटीय मैदान का हिस्सा है?
a) पूर्वी तटीय मैदान का उत्तरी भाग
b) पश्चिमी तटीय मैदान का दक्षिणी भाग
c) पूर्वी तटीय मैदान का दक्षिणी भाग
d) पश्चिमी तटीय मैदान का उत्तरी भाग
उत्तर: b) पश्चिमी तटीय मैदान का दक्षिणी भाग
भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील, चिल्का झील, किस तट पर स्थित है?
a) पश्चिमी तट (कोंकण)
b) पश्चिमी तट (मालाबार)
c) पूर्वी तट (उत्तरी सरकार)
d) पूर्वी तट (कोरोमंडल)
उत्तर: c) पूर्वी तट (उत्तरी सरकार) (यह ओडिशा में स्थित है जो उत्तरी सरकार तट का हिस्सा है)
लक्षद्वीप द्वीप समूह किस प्रकार के द्वीपों से बना है?
a) ज्वालामुखी द्वीप
b) प्रवाल द्वीप (कोरल द्वीप)
c) अवशिष्ट द्वीप
d) नदियों द्वारा निर्मित द्वीप
उत्तर: b) प्रवाल द्वीप (कोरल द्वीप)
प्रायद्वीपीय पठार की आकृति कैसी है?
a) आयताकार
b) गोलाकार
c) त्रिभुजाकार
d) अनियमित
उत्तर: c) त्रिभुजाकार
गंगा के मैदान का विस्तार घग्गर नदी से किस नदी तक है?
a) यमुना
b) सोन
c) तीस्ता
d) चंबल
उत्तर: c) तीस्ता
हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला को क्या कहते हैं, जिसकी ऊँचाई 900 से 1100 मीटर के बीच है?
a) हिमाद्री
b) हिमाचल
c) शिवालिक
d) पीर पंजाल
उत्तर: c) शिवालिक
दक्कन के पठार का एक विस्तार उत्तर-पूर्व में भी देखा जाता है, जिसे स्थानीय रूप से किस पठार के नाम से जाना जाता है?
a) मालवा पठार
b) छोटानागपुर पठार
c) मेघालय पठार
d) बुंदेलखंड पठार
उत्तर: c) मेघालय पठार
पश्चिमी तटीय मैदान की मुख्य विशेषता क्या है?
a) यह चौड़ा और समतल है।
b) यहाँ महानदी, गोदावरी जैसी बड़ी नदियाँ डेल्टा बनाती हैं।
c) यह संकीर्ण है और अरब सागर तथा पश्चिमी घाट के बीच स्थित है।
d) यहाँ चिल्का झील स्थित है।
उत्तर: c) यह संकीर्ण है और अरब सागर तथा पश्चिमी घाट के बीच स्थित है।
“बरकान” किस भौगोलिक विशेषता से संबंधित हैं?
a) पर्वतीय दर्रे
b) नदी के डेल्टा
c) अर्धचंद्राकार रेत के टीले
d) प्रवाल भित्तियाँ
उत्तर: c) अर्धचंद्राकार रेत के टीले