हिन्दी ब्रिज कोर्स अब्राहम लिंकन का पत्र अपने पुत्र के शिक्षक के नाम 9th Hindi Bridge Course WorkBook Abraham Lincon Letter

9th Hindi Bridge Course WorkBook Abraham Lincon Letter :

हे शिक्षक !
मैं जानता हूँ और मानता हूँ
अब्राहम लिंकन का पत्र
अपने पुत्र के शिक्षक के नाम
कि न तो हर व्यक्ति सही होता है और न ही होता है सच्चा किंतु तुम्हें सिखाना होगा कि कौन बुरा है और कौन अच्छा ।
दुष्ट व्यक्तियों के साथ-साथ आदर्श प्रणेता भी होते हैं, स्वार्थी राजनीतिज्ञों के साथ-साथ समर्पित नेता भी होते हैं, दुश्मनों के साथ-साथ मित्र भी होते हैं,
हर विरूपता के साथ सुन्दर चित्र भी होते हैं।
समय भले ही लग जाए, पर
यदि सिखा सको तो उसे सिखाना
कि पाए हुए पाँच से अधिक मूल्यवान है – स्वयं एक कमाना ।
पाई गई हार को कैसे झेले, उसे यह भी सिखाना और साथ ही सिखाना, जीत की खुशियाँ मनाना ।
यदि हो सके तो उसे ईर्ष्या या द्वेष से परे हटाना और जीवन में छिपी मौन मुस्कान का पाठ पढ़ाना ।
जितनी जल्दी हो सके उसे जानने देना
कि दूसरों को आतंकित करने वाला स्वयं कमज़ोर होता है, वह भयभीत व चिंतित है
क्योंकि उसके मन में स्वयं चोर होता है।
उसे दिखा सको तो दिखाना – किताबों में छिपा ख़ज़ाना ।
और उसे वक़्त देना चिंता करने के लिए …. कि आकाश के परे उड़ते पंछियों का आह्लाद, सूर्य के प्रकाश में मधुमक्खियों का निनाद, हरी-भरी पहाड़ियों से झाँकते फूलों का संवाद, कितना विलक्षण होता है – अविस्मरणीय… अगाध ….
उसे यह भी सिखाना
धोखे से सफलता पाने से असफल होना सम्माननीय है। और अपने विचारों पर भरोसा रखना अधिक विश्वसनीय है। चाहें अन्य सभी उनको गलत ठहरायें ।
परंतु स्वयं पर अपनी आस्था बनी रहे यह विचारणीय है ।
उसे यह भी सिखाना कि वह सदय के सदय हो, किंतु कठोर के साथ हो ।
और लकीर का फकीर बनकर,
उस भीड़ के पीछे न भागे जो करती हो – निरर्थक शोर ।
उसे सिखाना
कि वह सबकी सुनते हुए अपने मन की भी सुन सके, हर तथ्य को सत्य की कसौटी पर कसकर गुन सके। यदि सिखा सको तो सिखाना कि वह दुःख में भी मुस्कुरा सकें, घनी वेदना से आहत हो, पर ख़ुशी के गीत गा सके।
उसे यह भी सिखाना कि आँसू बहते हों तो उन्हें बहने दे, इसमें कोई शर्म नहीं…. . कोई कुछ भी कहता हो… कहने दे ।
उसे सिखाना-
वह सनकियों की कनखियों से हँसकर टाल सके पर अत्यंत मृदुभाषी से बचने का ख़्याल रखे।
वह अपने बाहुबल व बुद्धिबल का अधिकतम मोल पहचान पाए, परंतु अपने हृदय व आत्मा की बोली न लगवाए।
वह भीड़ के शोर में भी अपने कान बन्द कर सके और स्वतः की अंतरात्मा की सही आवाज़ सुन सके, सच के लिए लड़ सके और सच के लिए अड़ सके ।
उसे सहानुभूति से समझाना
पर प्यार के अतिरेक से मत बहलाना । क्योंकि तप-तप कर ही लोहा खरा बनता है, ताप पाकर ही सोना निखरता है।
उसे साहस देना ताकि वक़्त पड़ने पर अधीर बने सहनशील बनाना ताकि वीर बने ।
उसे सिखाना कि वह स्वयं पर असीम विश्वास करे, ताकि समस्त मानव जाति पर भरोसा व आस धरे ।
यह एक बड़ा-सा लम्बा चौड़ा अनुरोध है पर तुम कर सकते हो, क्या इसका तुम्हें बोध है? मेरे और तुम्हारे… दोनों के साथ उसका रिश्ता है, सच मानो, मेरा बेटा एक प्यारा-सा नन्हा सा फ़रिश्ता है !
(हिन्दी भावानुवाद : मधु पंत, अगस्त 2004)

कार्यपत्रक-1

श्रुतलेख
शिक्षक द्वारा बोले गए शब्दों को लिखिए।

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(चूंकि यह एक श्रुतलेख प्रश्न है, जिसमें शिक्षक द्वारा बोले गए शब्दों को लिखना होता है, वास्तविक स्थिति में, शिक्षक द्वारा बोले गए शब्दों को यहाँ लिखा जाएगा।)

कार्यपत्रक-2

दिए गए शब्दों के अर्थ सहित वाक्य बनाइए–

शब्दअर्थवाक्य
मृदुभाषीमीठी वाणी बोलने वालाहमें सदैव मृदुभाषी होना चाहिए।
सम्माननीयसम्मान के योग्यहमारे शिक्षक बहुत सम्माननीय हैं।
अविस्मरणीयजो भूलाया न जा सकेजंगल की यह यात्रा मेरे लिए अविस्मरणीय थी।
फरिश्तादेवदूत, दयालु व्यक्तिमेरा छोटा भाई एक फरिश्ता की तरह है।
अगाधबहुत गहरा, असीमसमुद्र की गहराई अगाध है।
सहानुभूतिदूसरों के दुख में साथ देनाहमें गरीबों के प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए।
कनखियोंआँख के कोने से देखनाउसने कनखियों से मुझे देखा और मुस्कुराया।
बाहुबलशारीरिक शक्तिउसने अपने बाहुबल से भारी पत्थर को उठा लिया।
अंतरात्माभीतर की नैतिक आवाज़मेरी अंतरात्मा ने मुझे गलत काम करने से रोका।
सनकियोंअजीब व्यवहार करने वाले लोगसनकियों की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।

दिनांक: 29 मई 2025 शिक्षक के हस्ताक्षर: _____________

कार्यपत्रक-3

नीचे दिए गए प्रारूप के अनुसार अपने मित्र को जन्मदिन की बधाई देते हुए पत्र लिखिए।

पत्र भेजने वाले का पता:
123, नई कॉलोनी,
दिल्ली – 110001

दिनांक: 29 मई 2025

संबोधन:
प्रिय मित्र राहुल,

अभिवादन:
नमस्ते!

संदेश:
सबसे पहले तुम्हें जन्मदिन की ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएँ! आज तुम्हारा खास दिन है, और मैं बहुत खुश हूँ कि हम यह दिन साथ में मना सकते हैं। मैं कामना करता हूँ कि तुम्हारा आने वाला साल खुशियों, सफलता और अच्छे स्वास्थ्य से भरा हो। तुम हमेशा हँसते-मुस्कुराते रहो और अपने सपनों को पूरा करो। इस बार मैं तुम्हारे लिए एक छोटा सा उपहार लाया हूँ, जो मुझे उम्मीद है कि तुम्हें पसंद आएगा। जल्दी मिलते हैं और तुम्हारे जन्मदिन का जश्न धूमधाम से मनाते हैं!

पत्र लिखने वाले का भेजने वाले से संबंध:
मित्र

पत्र लिखने वाले का नाम:
अमित

कार्यपत्रक-4

निम्नांकित चिह्नों के सामने उनके नाम लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।

चिह्ननामउदाहरण
?प्रश्नवाचक चिह्नक्या तुम कल स्कूल गए थे?
!विस्मयादिबोधक चिह्नवाह! कितना सुंदर नजारा है!
;अर्धविराममैंने किताब खरीदी; वह बहुत रोचक है।
उद्धरण चिह्नउसने कहा, “मैं जल्दी आऊँगा।”

दिनांक: 29 मई 2025 शिक्षक के हस्ताक्षर: _____________

निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विराम-चिह्न लगाकर वाक्य पुन: लिखिए-

  1. क्या ये आपका कुत्ता है.
    → क्या ये आपका कुत्ता है?
  2. अरे तुम जा रहे हो.
    → अरे, तुम जा रहे हो!
  3. मेरी टोकरी में आम केला सेब आदि फल हैं.
    → मेरी टोकरी में आम, केला, सेब आदि फल हैं।
  4. उसे यह भी सिखाना धोखे से सफलता पाने से असफल होना सम्माननीय है.
    → उसे यह भी सिखाना, धोखे से सफलता पाने से असफल होना सम्माननीय है।
  5. दुश्मनों के साथ साथ मित्र भी होते हैं
    → दुश्मनों के साथ-साथ मित्र भी होते हैं।
  6. सच मानो, मेरा बेटा एक प्यारा-सा नन्हा सा रिश्ता है!
    → सच मानो, मेरा बेटा एक प्यारा-सा, नन्हा-सा फरिश्ता है!

कार्यपत्रक-5

रिक्त स्थान में सही शब्द चुनकर लिखिए।
विकल्प: सुंदरता, प्रणेता, दुश्मनों, जीत, असफल, अच्छा

  1. दुष्ट व्यक्तियों के साथ-साथ आदर्श प्रणेता भी होते हैं।
  2. दुश्मनों के साथ मित्र भी होते हैं।
  3. हर विरूपता के साथ सुंदरता भी होती है।
  4. हार के साथ जीत की खुशियाँ मनाना।
  5. धोखे से सफलता पाने से असफल होना सम्माननीय है।
  6. बुरा है कौन और अच्छा है कौन?

दिनांक: 29 मई 2025 शिक्षक के हस्ताक्षर: _____________

कार्यपत्रक-6

मिलते-जुलते अर्थ के युग्म बनाइए।

शब्दमिलता-जुलता अर्थ वाला शब्द
चुपचाप
लंबाचौड़ा
ठाकठीक
दुःखसुख
पासआस
आचारविचार
कूदउछल
बदनतन
बाड़ीखेती
तैसेजैसे

विश्लेषण (Explanation in Hindi):

  • चुप और चाप: दोनों शांत या मौन होने से संबंधित हैं।
  • लंबा और चौड़ा: दोनों आकार या विस्तार से संबंधित हैं।
  • ठाक और ठीक: दोनों सही या उचित होने के अर्थ में हैं।
  • दुःख और सुख: दोनों विपरीत भावनाओं को दर्शाते हैं, लेकिन भावनाओं के संदर्भ में एक-दूसरे से संबंधित हैं।
  • पास और आस: दोनों निकटता या समीपता को दर्शाते हैं।
  • आचार और विचार: दोनों नैतिकता और सोच से संबंधित हैं।
  • कूद और उछल: दोनों ऊपर की ओर गति से संबंधित हैं।
  • बदन और तन: दोनों शरीर को दर्शाते हैं।
  • बाड़ी और खेती: दोनों कृषि या बगीचे से संबंधित हैं।
  • तैसे और जैसे: दोनों तुलना के लिए उपयोग होते हैं।

कार्यपत्रक-7

अपने मित्र को ‘प्रावीण्य’ सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर बधाई पत्र लिखिए।

पत्र भेजने वाले का पता:
456, शांति नगर,
मुंबई – 400001

दिनांक: 29 मई 2025

संबोधन:
प्रिय मित्र अनुज,

अभिवादन:
नमस्ते!

संदेश:
सबसे पहले तुम्हें ‘प्रावीण्य’ सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ! यह सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई कि तुमने अपनी मेहनत और लगन से यह शानदार उपलब्धि हासिल की है। तुम्हारा यह प्रयास और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। मैं कामना करता हूँ कि तुम भविष्य में भी इसी तरह सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करते रहो। इस खास मौके पर मैं जल्द ही तुमसे मिलने आऊँगा, ताकि हम इस खुशी को एक साथ साझा कर सकें। एक बार फिर से तुम्हें ढेर सारी बधाई!

पत्र लिखने वाले का भेजने वाले से संबंध:
मित्र

पत्र लिखने वाले का नाम:
रोहन

दिनांक: 29 मई 2025 शिक्षक के हस्ताक्षर: _____________

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